काम में व्यस्तता के कारण यह पोस्ट लिखने में थोड़ी देर हो गई। कुछ दिनों पहले एटीएम की टेस्टिंग के दौरान ऐसे ही cash retraction facility पर चर्चा हो रही थी, तभी भारत के एटीएम की कार्यप्रणाली पर भी चर्चा हो रही थी।
यह सुविधा भारत में हरेक एटीएम में थी परंतु रिजर्व बैंक ने सितंबर में सभी बैंकों को अपने परिपत्र में सूचित किया कि यह सुविधा तत्काल प्रभाव से सभी बैंक बंद कर दें।
Cash retraction facility क्या होती है – उपभोक्ता एटीएम पर ट्रांजेक्शन (Transaction) कर रहा होता है, और किसी कारणवश उपभोक्ता अपना नकद कैश ट्रे में से नहीं ले पाता है तो एटीएम उस नकद राशि को १०-१५ सेकंड (हरेक बैंक का अपना अपना समय निर्धारित होता है) बाद वापिस अपने अंदर ले लेता है और उपभोक्ता के अकाऊँट में निकाली गई राशि उसी समय एक रिवर्स ट्रांजेक्शन (Reverse Transaction) से लौटा दी जाती है।
परंतु रिजर्व बैंक को कई जगह से cash retraction facility के जरिये फ़्रॉड (Fraud) होने की सूचना मिल रही थी, आखिरकार रिजर्व बैंक की तकनीकी कमेटी ने निश्चय किया कि जब तक इन फ़्रॉड के तरीकों से निपटने का तरीका नहीं खोज लिया जाता तब तक cash retraction facility को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाये।
फ़्रॉड कैसे होता था – उपभोक्ता अपने एटीएम कार्ड से ट्रांजेक्शन करने जाता और जब कैश ट्रे में पैसे आ जाते तो चालाकी से उसमें से आधे से ज्यादा पैसे इस तरीके से खींच लिये जाते कि २-४ नोट कैश ट्रे में फ़ँसे रहें और बाकी के बाहर आ जायें, इस तरह से ये चालाक लोग पैसा भी ले लेते और एटीएम में cash retraction facility के जरिये पैसा वापिस अंदर भी चला जाता, cash retraction facility में जब कैश वापिस एटीएम खींचता है तो एटीएम में उसे वापिस से गिनने की सुविधा नहीं होती है, इसका फ़ायदा उठाकर कई चालाक लोगों ने फ़्रॉड किये और चूँकि एटीएम cash retraction facility के जरिये पैसे वापिस ले लेता तो उपभोक्ता के अकाऊँट में Reverse Transaction हो जाता और उसके अकाऊँट में पूरे पैसे जमा हो जाते। इस तरीके से पिछले एक वर्ष में कई फ़्रॉड होने की सूचना रिजर्व बैंक को मिल रही थीं।
अब कई बैंकों ने cash retraction facility को अपने एटीएम पर बंद कर दिया है, अब उपभोक्ता को चौकन्ना रहना होगा कि अगर वह एटीएम पर ट्रांजेक्शन करने जा रहा है तो जब तक कैश एटीएम से बाहर ना आ जाये तब तक एटीएम नहीं छोड़ें और अगर कैश बाहर नहीं आता है तो तत्काल बैंक को सूचित करें, क्योंकि कई बार तकनीकी कारणों से भी कैश बाहर नहीं आ पाता या फ़िर कैश आने में देरी हो जाती है और उपभोक्ता अपना ट्रांजेक्शन अधूरा छोड़कर चला जाता है, कैश की जिम्मेदारी अब पूरी तरह से उपभोक्ता की है, बैंक की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक ने २४ सितंबर के परिपत्र में खत्म कर दी गई है।
तो अगली बार से एटीएम का उपयोग करते समय सतर्क रहें और चौकन्ने रहकर अपने ट्रांजेक्शन को पूरा करें।
sahi hua
बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी है आपने. धन्यवाद.
सच में यह जानना बहुत आवश्यक है..
यह ठीक किया बैंकों ने.
बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी ,धन्यवाद |
अत्यन्त उपयोगी और 'अर्थवान' पोस्ट।