आज दोपहर छुट्टी होने पर भी कार्यालय के एक कॉन्फ़्रेंस कॉल पर थे, तभी घर के बीएसएनएल फ़ोन पर घंटी आना शुरू हो गई, हमने अपनी कॉल को म्यूट पर कर के लैंडलाईन उठाया तो सामने से बंदा कहता है कि “मैं चैन्नई से बोल रहा हूँ, मेरा नाम रमेश है” ।
इसी बीच मैंने उसे कहा एक मिनिट होल्ड करो, और मैं अपनी कॉन्फ़्रेंस कॉल में व्यस्त हुआ, २ मिनिट बाद फ़्री होने के बाद फ़िर चैन्नई वाले बंदे से मुखतिब हुआ, कुछ लोन की बातें करने लगा, तो मैंने उसे टरकाना चाहा कि भई हमें लोन वोन नहीं चाहिये ।
सामने से बंदा कहता है कि नहीं सर हम लोन नहीं दे रहे हैं, आपने एबीएन अमरो बैंक से लोन लिया था, हमने उसके लिये फ़ोन किया है, हमने तत्काल अपने बेटे को कहा “जरा कागज और पैन देना, इसकी जन्मकुंडली लिख लें” । जब कागज कलम आये तो हमने उससे पूछा कि “हाँ भाई अब आप अपना पूरा नाम बतायें”,
वह बोला “मेरा नाम रमेश ही है”,
मैंने कहा “अपना सरनेम भी बतायें”,
वह बोला “नहीं सर, केवल रमेश ही है”,
मैंने कहा “अच्छा तुमको किसी ने सरनेम नहीं दिया क्या ?”
अब तक वह घबरा चुका था, फ़िर हमने कहा “अच्छा ठीक है रमेश, अब अपना फ़ोन नंबर और पता बताओ” ।
वह बोला “सर आपने एबीएन अमरो बैंक से लोन लिया था, उसी के लिये आपको फ़ोन लगाया है”,
हमने कहा “तभी तो भैया आपका नाम पता ले रहे हैं, क्योंकि हम पहले ही आरबीएस बैंक से बहुत मगजमारी कर चुके हैं और अब तुमने फ़ोन किया है, तो अब बैंक और तुमको दोनों को हम कोर्ट में घसीटेंगे”,
वह बोला “सर एबीएन अमरो बैंक तो बंद हो चुका है, हम तो कोटक महिन्द्रा बैंक से बोल रहे हैं”
हमने कहा “अच्छा, तो हमारा लोन कोटक को बेच दिया गया है ?”
वह बोला “सर हम तो लोन की रिकवरी के लिये फ़ोन लगाये हैं”
हमने कहा “हम आपके ऑफ़िस में आकर लोन के रूपये देंगे, बस आप अपना और अपने ऑफ़िस का पता बता दीजिये”
वह बोला “सर हम आपके घर आ जायेंगे”
हमने कहा “बेटा अगर घर आ गये तो सीधे कृष्णजन्मभूमि पहुँचोगे”
अब वह और घबरा गया था ।
फ़िर हमने कहा “कि कितना लोन लिये हैं हम ?”
वह बोला “सर आपसे कुछ बातें पहले वेरिफ़ाय कर लेते हैं”
हमने कहा “बिल्कुल नहीं, पहले तो आपने फ़ोन लगाकर हमें डिस्टर्ब किया और अब वेरिफ़िकेशन करना है, आपने फ़ोन कैसे लगाया, पहले आपको व्यक्ति का वेरिफ़िकेशन करना चाहिये, उसके बाद फ़ोन लगाना चाहिये, इसका मतलब यह तो नहीं कि दुनिया में जितने भी विवेक रस्तोगी ने लोन लिये हैं, उसका मैं अकेला देनदार हूँ”
वह बोला “सर आप कभी कॉस्को कंपनी में काम किये हैं”
हमने कहा “बिल्कुल नहीं”
वह बोला “सर आप छ: साल पहले इस कंपनी में बैंगलोर में थे ?”
हमने कहा “भई, हम तो पहले मुँबई में थे”
वह बोला “सॉरी सर, गलती हो गई” और फ़ोन रख दिया ।
अब हम इस मामले को अभी यहीं रफ़ा दफ़ा कर रहे हैं, और अगर अगली बार फ़िर ऐसा कोई फ़ोन आया तो उसको पता नहीं कहाँ कहाँ लेकर जायेंगे, वह सोच भी नहीं पायेगा ।
दिल्ली पुलिस ने इस तरह के हड़कइयों के खिलाफ़ केस दायर करने के लिए एक अलग सैल्ल ही बना रखा है.
यहाँ हड़का नहीं रहे थे, यहाँ मामला है कि इन लोगों ने बिना वेरिफ़िकेशन के हमनाम को परेशान कर रखा है ।
बढ़िया ख़बर लिए … जय हो !
आज की ब्लॉग बुलेटिन यह कमीशन खोरी आखिर कब तक चलेगी – ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
ऐसे लोगों की खबर ना ली जाये तो ये लोग अपना जीना मुहाल कर देंगे ।
विवेक भाई, आज कल हमारे नम्बर पर किसी जयेश गांधी के नाम से फ़ोन आता है… भगवान जानें कौन है और हमारा नम्बर दे के कहां कहां से लोन ले रखा है।
सही बात है, जन्मपत्री लिख लेनी चाहिये।
अच्छे से खबर लीजिये.
सजगता जरूरी है.
होली की हार्दिक शुभकामनायें!!!