तीन दिन पहले जन्मदिन था, दुख था कि जीवन का एक वर्ष कम हो गया और खुशी इस बात की कि आने वाला कल सुहाना होगा । कुछ लिखने की इच्छा थी परंतु समयाभाव के कारण लिखना मुमकिन नहीं हुआ, फ़ेसबुक पर जन्मदिन की शुभकामनाओं के इतने मैसेज मिले कि दिल प्रसन्न हो गया, इतने लोगों की शुभकामनाओं से दिल खुशियों से लबरेज हो गया।
आज फ़ेसबुक के जमाने में आमने सामने बधाई देने वाले तुलनात्मक रूप से कम होते हैं, परंतु इस बार ऐसा नहीं रहा, यह भी एक बहुत सुखांत क्षण था कि जितने फ़ेसबुक दोस्तों ने जन्मदिन की बधाई दी उससे ज्यादा हमें परोक्ष रूप से दोस्तों की शुभकामनाएँ मिलीं, बाकी फ़ोन और चैटिंग वाले दोस्त भी शुभकामनाएँ देने वालों में रहे ।
मन में सुबह से ही नई उमंग और जीवन के लिये नई तरंग थी, सोचे हुए तरीके से पूरा दिन व्यतीत हुआ, मन में अजब संतोष भी था कि इस वर्ष की जीवन की बाधाओं को अच्छे से महसूस किया और सही तरीके से चुनौतियों का सामना किया ।
अगले वर्ष की जीवन की बाधाओं से लड़ने के लिये पिछले एक वर्ष का अनुभव बहुत काम आयेगा, पकी उम्र का अनुभव पुराने अनुभवों पर भारी पड़ता है, यह अनुभव भी बीते वर्ष हमने महसूस किया, पकी उम्र के अनुभव की कीमत ज्यादा होती है और इस अनुभव को क्रियान्वयन में लाने के लिये कीमत भी ज्यादा चुकाना होती है।
एक बात और सीखी है कि जो अनुभव या उपयोग में आने वाली छोटी छोटी बातें होती हैं वह हर किसी के लिये उतनी ही छोटी नहीं होतीं, वही छोटी बातें किसी और के लिये बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण होती हैं, तो जीवन की सीख है कि हरेक चुनौती को महत्व देना चाहिये, और उसे जितने अच्छे से सुलझा सकें उतना ही अनुभव का रंग गाढ़ा होने लगता है।
मस्त रहिए … मुस्कुराते रहिए … 🙂
यही शास्वत है..
्यही है जीवन कब कहाँ कैसे क्या दे दे
आज तकनीक के ज़माने में जन्मदिन पर वाकई पहले से कहीं ज्यादा संदेश मिलते हैं
आज की ब्लॉग बुलेटिन बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता – ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
परिपक्व उम्र के अनुभव वास्तव में मूल्यवान होते हैं.नई टेक्नीक नये-नये लोगों से पहचान और शुभकामनाओं का लेन-देन आसान कर देती है .
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार (07-04-2013) के चर्चा मंच 1207 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
सही कहा आपने उम्र बढ़ी है तो अनुभव भी बढ़ता है देर सारी बधाइयाँ मिलती है तो मन प्रसन्न हो जाता है , जन्म दिन की शुभकामनाए आपको
और मेरा फोन ही नहीं लगा सो? हमेशा आउट ऑफ़ नेटवर्क बताता रहा.
अरे वाह! हम आपकी पोस्ट का इंतजार कर रहे थे लेकिन अब जब आये तो देखा दो दिन पहले लिख दिये थे। वाह। एक बार फ़िर से बधाई!
ब्लॉग की विलंबित बधाई!
बधाई हो.
कभी कभी एक दिन का उत्साह सारे वर्ष को उत्पादक बना जाता है।
अनुभव भी तो बढ़ा है आपका सर जी
बहुत बढ़िया | आभार
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page