जीवन बहुत कठिन है और जीवन में कई तरह की कठिनाइयाँ पल पल पर आपका इंतजार करती हैं, जिससे जूझते हुए हम जीवन को सुखद एवं सफ़ल बनाते हैं। जीवन में कई आपातकाल भी आते हैं, जहाँ ना अपने काम आते हैं और ना ही पराये काम आते हैं। इसके लिये हमें खुद ही तैयारी करनी पड़ती है, सोचना पड़ता है, योजना बनानी पड़ती है।
मनुष्य के जीवन के आपातकाल कौन से होते हैं, आपातकाल मुख्यत: उसे कह सकते हैं, जब आप वाकई कठिनाई में हों और कोई रास्ता ना सूझ रहा हो और उस समय अपना / पराया कोई सहायता नहीं करने आता । सुख में तो सभी आपके साथ हैं परंतु दुख में कोई दूर दूर तक नहीं दिखता ।
जीवन की सबसे ज्यादा कठिनाई के क्षण होते हैं –
२. बीमारी
३. दुर्घटना
इन तीनों ही स्थिति में परिवार टूट जाता है और कहीं ना कहीं सहारा ढूँढ़ता है, और इन तीनों से परिवार को केवल बीमा से सुरक्षित किया जा सकता है ।
१. मौत
२. बीमारी
३. दुर्घटना |
सावधि जीवन बीमा (Term Insurance)
Mediclaim Insurance / Critical Insurance Personal Accidental Insurance |
इस प्रकार उपरोक्त कठिनाइयों से बीमा द्वारा परिवार को सुरक्षित किया जा सकता है। एवं साथ में परिवार को आपातकाल के लिये इनका उपयोग भी बताना चाहिये। जिससे परिवार बीमे का सही उपयोग कर पाये और उस आपातकाल वाले कठिन क्षणों में बीमे से उसे साहस बँधे, क्योंकि अधिकतर आपातकाल में धन की कमी बहुत महसूस होती है और आजकल महँगाई सर चढ़कर बोल रही है।
उपयोगी सलाह..
बीमा वास्तव में ही बहुत ज़रूरी है
सलाह तो सही है! लेकिन किस्तें नियमित नहीं हो पातीं।
मेरी बीमा एजेन्सी का यह तेईसवॉं वर्ष चल रहा है। मेरा अनुभव (आप इसे निष्कर्ष भी कह सकते हैं) है कि बीमाधारक के पास पैसा भी होता है, देने की इच्छा भी होती है किन्तु (चूँकि बीमा प्राय: ही अनितम प्राथमिकता पर होता है, शायद इसीलिए) सामान्यत: कोई याद नहीं दिलाता इसलिए बीमाधारक चूक जाता है।
यदि आप किसी पूर्णकालिक (फुल टाइमर) एजेण्ट की सेवाऍं लेते तो यह नौबत नहीं आती क्योंकि उसकी (पूर्णकालिक एजेण्ट की) रोटी ग्राहक के प्रीमीयम जमा करने पर ही मिलती है।
बीमा का कोई विकल्प नहीं।