अब आगे मित्र से बात जारी रही, हमने पूछा अब एक बात बताओ कि आपने आपातकाल के लिये क्या व्यवस्था कर रखी है, वह बोला अरे अपने एक इशारे पर सारे काम हो जाते हैं, हमने कहा भई हकीकत की धरातल पर उतर आओ और सीधे सीधे साफ़ शब्दों में बताओ, अगर बीमारी का क्षण आ गया या फ़िर मान लो बीमारी ऐसी है कि चिकित्सालय में भी ना रहना पड़े और चिकित्सक ने घर पर ५० दिन का आराम बता दिया या मान लो बिस्तर पर एक वर्ष तक रहना पड़ा, उस दिशा में क्या करोगे, क्योंकि आपको वेतन के साथ तो ५० दिन की छुट्टी मिलना मुश्किल है, आप वेतन के साथ ज्यादा दिन की छुट्टी पर नहीं रह सकते, तब आप अपने परिवार का खर्च कैसे उठाओगे ?
मित्र ने कहना शुरू किया कि बीमारी के लिये हमने मेडिक्लेम ले रखा है और दूसरी स्थिति के लिये हमने कभी सोचा ही नहीं कि ऐसा भी हो सकता है या यह भी कह सकते हैं कि हमें इस स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है हमें पता नहीं। वैसे हमें लगता है कि हमें इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। हमने कहा भाई परिस्थितियाँ कभी किसी को बताकर इंतजार करवाकर नहीं आतीं, बेहतर है कि हम उन परिस्थितियों का आकलन करके पहले से ही उसकी व्यवस्था करके रख लें, ताकि हम उन परिस्थितियों से बेहतर तरीके से निपट सकें।
अब मित्र ने कहा कि अच्छा यह बताओ कि कैसे निपटा जा सकता है ? हमने उनसे पूछा कि ये बताओ तुमने मेडिक्लेम कितना ले रखा है, वे बोले हमने अपना मेडिक्लेम २ लाख रूपये का ले रखा है। हमने पूछा और परिवार का मेडिक्लेम, वे बोले नहीं परिवार का मेडिक्लेम नहीं ले रखा है, हमने उनसे कहा कि आपातकाल केवल तभी नहीं आता जब खुद बीमार हों, परिवार का कोई भी सदस्य बीमार हो सकता है तो बेहतर है कि परिवार के लिये एक मेडिक्लेम लो जिसमें सारे सदस्य बीमित हों।
हमने कहा कि आप कम से कम ५ लाख का फ़ैमिली फ़्लोटर मेडिक्लेम बीमा लो, आजकल वैसे ५ लाख भी कम पड़ते हैं, पर फ़िर भी आपात स्थिति से निपटने के लिये बहुत हैं, फ़ैमिली फ़्लोटर मेडिक्लेम का फ़ायदा यह है कि परिवार के चारों सदस्य ५ लाख से बीमित हैं और चारों में से कोई भी एक ५ लाख तक फ़ायदा उठा सकता है या फ़िर एक से ज्यादा सदस्य भी, बस चारों सदस्य मिलकर ५ लाख तक का ही चिकित्सकीय व्यय से बीमित हैं और उससे ज्यादा लेना है तो उसके लिये आजकल टॉप अप सुविधा भी उपलब्ध है, जो कि आप हर वर्ष अपने हिसाब से कम ज्यादा कर सकते हैं।
अब आगे बतायेंगे कि कैसे दूसरी स्थिति से निपटा जाये “चिकित्सक ने घर पर ५० दिन का आराम बता दिया और करना भी जरूरी है, उस दिशा में क्या करोगे ?” क्या आपने भी कभी सोचा है ? तो बताइये ?
सेवानिवृत्ति के बाद सोचेंगे
अभी तो शानदार सरकारी सेवा मिल रही
सरकार ने सुविधा दे रखी है।
आप से ज्ञान लेकर हम भी थोड़ा सुधर जायेंगे।
मैने स्टार हेल्स इंशोरेंस कंपनी से मेडिक्लेम करवाया था लेकिन जब मेरा एक्सीडेन्ट हुआ और मै लगभग 1 माह तक घर पर पडा रहा तब मैने कंपनी के कस्टमर केयर पर फोन लगा कर पूरी स्थिति बताई तब उस कस्टमर केयर प्रतिनिधि जो कि हिन्दी में कम समझ पा रहा था केवल साउथ की भाषा में इंग्लिश ही बोल पा रहा था हर बार काॅल करने पर कह रहा था आप हमारे ब्रांच आॅफिस में सम्पर्क करें जब भोपाल बं्राच आॅफिस में सम्पर्क किया तो वे बोले कि यदि आप हाॅस्पिटल में बेडरेस्ट पर होते तो मिल जाता पैसा अब नही मिल पायेगा
सतर्क करता अच्छी जानकारी भरा लेख.आभार.
बढ़िया. सेवा निवृत्ति के बाद या तो बीमा मिलता नहीं या फिर बहुत मंहगा मिलता है.
जी हाँ ६५ वर्ष की उम्र के बाद बीमा महँगा मिलता है, और साथ ही २०% बीमारी का खर्च बीमित व्यक्ति को भुगतना होता है अगर उसने मेडिक्लेम ६० वर्ष की अवस्था के बाद करवाया है, अगर मेडिक्लेम पहले से चल रहा है तो उसे सारी सुविधाएँ मिलेंगी, केवल प्रीमियम ज्यादा हो जायेगी ।