हमारे बेटेलाल बहुत दिनों से बीमार थे हमने कई डॉक्टरों को दिखाया जिसमे एक डॉक्टर के क्लीनिक का नाम आशा मल्टीस्पेशिलिटी था उन्होंने सीधे ही टाइफाइड बताकर स्लाईन चढ़ा दीं और हमें कहा कि आपके बेटेलाल को टाइफाइड है जब ब्लड कल्चर और बाकी के टेस्ट करवाए तो प्राथमिक रूप से पता चला की टाईफाईड नेगेटिव है फिर हमने कहा गया कि आप मलेरिया की दवाई शुरु करिए हमने उन्हें मना कर दिया हमने कहा जब रिपोर्ट में कुछ आया ही नहीं है, मलेरिया की निगेटिव है तो फिर हम क्यों मलेरिया की दवाई शुरु करें हमने यह पहला डॉक्टर देखा जो कि खुद ही फोन करके हमें रिपोर्ट के बारे में बता रहा था ।
पर डॉक्टर हमें कहते रहे की टाइफाइड के लक्षण हैं हमने सोचा डाक्टर अपने व्यवसाय में पूर्णत: निष्पक्ष होता है और भगवान समान होता है तो हमने कोई प्रश्न नहीं किया और उनका अंधा अनुसरण किया लेकिन एक दिन शाम को चार बजे डॉक्टर का फोन आया कि ब्लड कल्चर की फाइनल रिपोर्ट आ गई है और उसमें टाइफाइड पॉजिटिव आया है तो आप एकदम अभी से बेटेलाल को अस्पताल में भर्ती करवा दीजिए क्यूंकि बहुत ही सीवियर इंफेक्शन आया है।
हम घबराए हुए ऑफिस से घर आए और बीच में से रिपोर्ट कलेक्ट करते हुए आए उस रिपोर्ट को हमने आपने कुछ डॉक्टर मित्रों को whatsapp किया और
उनसे पूछा कि क्या वाकई टाइफाइड पॉजिटिव है तो हमारे सारे मित्रोँ ने कहा ब्लड कल्चर की फाइनल रिपोर्ट में टाइफाइड का नामोनिशान नहीं है केवल वायरल इंफेक्शन हे तो कहीं किसी अस्पताल में भर्ती करवाने की जरुरत नहीं है बेटेलाल को जो खाने की इच्छा हो वो खिलाओ और उनका ध्यान रखो आशा मल्टीस्पेशलिटी क्लीनिक के बाद हमने एक तीसरे डॉक्टर को भी दिखाया जो कि हमें बहुत अच्छे लगे उन्होंने हमें कहा कि केवल एंटीबायोटिक्स चालू रखें बाकी सब ठीक है और इन रिपोर्ट को तो कचरे के डब्बे में डाल दें कुछ डॉक्टरों ने हमारे प्रोफेशन को बदनाम करके रखा हे उनमें से यह एक डॉक्टर है आगे से इस तरह के डॉक्टर से बच्चों को और अपने को दूर रखें ।
उनसे पूछा कि क्या वाकई टाइफाइड पॉजिटिव है तो हमारे सारे मित्रोँ ने कहा ब्लड कल्चर की फाइनल रिपोर्ट में टाइफाइड का नामोनिशान नहीं है केवल वायरल इंफेक्शन हे तो कहीं किसी अस्पताल में भर्ती करवाने की जरुरत नहीं है बेटेलाल को जो खाने की इच्छा हो वो खिलाओ और उनका ध्यान रखो आशा मल्टीस्पेशलिटी क्लीनिक के बाद हमने एक तीसरे डॉक्टर को भी दिखाया जो कि हमें बहुत अच्छे लगे उन्होंने हमें कहा कि केवल एंटीबायोटिक्स चालू रखें बाकी सब ठीक है और इन रिपोर्ट को तो कचरे के डब्बे में डाल दें कुछ डॉक्टरों ने हमारे प्रोफेशन को बदनाम करके रखा हे उनमें से यह एक डॉक्टर है आगे से इस तरह के डॉक्टर से बच्चों को और अपने को दूर रखें ।
अब हमारे बेटेलाल बिल्कुल ठीक हैं आज से फिर से स्कूल जाना शुरु किया है अब बहुत ही अच्छा महसूस कर रहे हैं उनके शरीर का तापमान भी साधारण है जो कि पिछले 12 दिन 103 रहा अब हमें भी थोड़ी राहत महसूस हुई है बस एक ही सवाल मन में है कि कोई भी प्रोफेशनल केवल पैसों के लिए क्या अपने ग्राहकों को धोखा दे सकता है और ऐसे लोगों की दुकान कितने दिन चला सकती है ।
वह तो ग़नीमत रही कि रिपोर्ट उस डॉक्टर ने अपने किसी संगी-साथी से बनवाई नहीं गई थी, नहीं तो नाहक ही अस्पताल का भारी बिल और ऊपर से बेटेलाल को अनावश्यक दवाइयों का डोज़ और समस्या पैदा करते!
ऐसे कई किस्से मेरे साथ हो चुके हैं – शुक्र है कि हर बार सजग रह कर बच निकले. एक बार मैं एक डॉक्टर के चेम्बर में था. उसी समय एक एमआर आया. उसने कुछ दवाइयों का प्रेजेन्टेशन दिया और चला गया. डॉक्टर ने उस एमआर द्वारा बताई दवाई मुझे पर्चे में लिख दी, जबकि वैसी कोई समस्या मुझे थी ही नहीं जो वो दवाई काम आती. एक और किस्सा मेरे बेटेलाल का है. उसे भी कई दिन से बुखार आ रहा था. और अंततः टाइफ़ाइड पॉजिटिव आ गया था. तो उसके लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स के साथ साथ मलेरिया के डोज भी अनावश्यक दिए जा रहा था, जबकि इसकी कोई आवश्यकता ही नहीं थी (मलेरिया नेगेटिव था).
ब्लॉग जगत के विश्व के आशीष को गोंदिया के एक डॉक्टर ने पेट में गैस की मामूली सी समस्या के निदान के लिए मानसिक चिकित्सा में काम आने वाली घोर एडिक्टिव दवाई लिख दी, जिसमें भयंकर विदड्रॉअल सिंड्रोम होता था (मुझे भी एक डॉक्टर ने ऐसी ही डिप्रेशन की दवाई लिख दी थी जिसकी की कोई आवश्यकता नहीं थी, ) और जिसके डोज टैपर कर छोड़ने में महीने लग गए थे और दूसरी समस्याएं आईं, वो अलग. ये डॉक्टर जल्लाद से कम नहीं हैं. ऐसे फर्जी डॉक्टरों की
पहचान की जाकर उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
भारतीय डॉक्टर बिना विशिष्ट और पक्के डायग्नोसिस के, दवाइयों के डोज पे डोज देने में वैसे भी कुख्यात हैं. 🙁
सुधार : ऊपर "ब्लॉग जगत के विज्ञान विश्व के … "पढ़ें
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवार के – चर्चा मंच पर ।।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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अष्टमी-नवमी और गाऩ्धी-लालबहादुर जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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दिनांक 18-19 अक्टूबर को खटीमा (उत्तराखण्ड) में बाल साहित्य संस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
जिसमें एक सत्र बाल साहित्य लिखने वाले ब्लॉगर्स का रखा गया है।
हिन्दी में बाल साहित्य का सृजन करने वाले इसमें प्रतिभाग करने के लिए 10 ब्लॉगर्स को आमन्त्रित करने की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गयी है।
कृपया मेरे ई-मेल
[email protected]
पर अपने आने की स्वीकृति से अनुग्रहीत करने की कृपा करें।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
सम्पर्क- 07417619828, 9997996437
कृपया सहायता करें।
बाल साहित्य के ब्लॉगरों के नाम-पते मुझे बताने में।