अश्विन सांघी की एक किताब हमने पहले पढ़ी थी, उसका नाम था चाणक्य चांट, चाणक्य चांट को अश्विन ने बड़े ही रोमांचकारी तरीके से लिखा था, तभी हमने सोचा था कि अब अश्विन सांघी का अगली किताब प्राईवेटइंडिया आने वाली थी, जरूर पढ़ेंगे। हम किताब का ऑर्डर करने ही वाले थे कि ब्लॉगअड्डा का बुक रिव्यू प्रोग्राम का एक ईमेल आ गया, जिसमें प्राईवेट इंडिया किताब ब्लॉगअड्डा की तरफ से भेजा जा रहा था और हमें प्राईवेट इंडिया का रिव्यू लिखने के लिये कहा गया था । किताब तो बहुत पहले ही मिल गई थी, अच्छी बात य़ह थी कि किताब पर लेखक अश्विन सांघी के हस्ताक्षर थे। बस हमें पढ़ने के समय नही मिल पाया, कभी निजी तो कभी व्यावसायिक कार्यों में व्यस्त ही रहे। पर आखिरकार हमने 447 पेज का यह रोमांचकारी उपन्यास कल पूरा पढ़ लिया।
फ्रंटपेज जबरदस्त आकर्षण वाला बनाया गया है, जिसमें मुंबई की प्रसिद्ध जगहों को दर्शाया गया है, और काला कोट पहने, नीचे सफेद बनियान पहने व्यक्ति दौड़ता हुआ दर्शाया गया है, जिससे पता चलता है कि व्यक्ति बदहवास भाग रहा है और मुंबई में किसी सनसनीखेज वारदात के बारे में इंगित करता है। फ्रंटपेज का रंग संयोजन भी इस किताब को आकर्षक बनाता है और बड़े अक्षरों में किताब का नाम लिखा होना उसके विषय को ज्यादा गहराई से दर्शाता है।
जिस तरह से पुलिस पर माफिया की पकड़ दिखाई गई है, जिस तरह माफिया व पुलिस के काम करने का तरीका दर्शाया गया है, वह अप्रितम है, पर इसका अंधकारमय पक्ष यह है कि इसमें कई जगह उपन्यास में कहानी की पकड़ खत्म होती दिखती है, कब कहाँ कैसे क्या घटित हो रहा है, वह पता ही नहीं चलता है, पर फिर भी कहानी के कुछ आगे बढ़ने पर घटनाओं के बारे में अंदाजा लगता है, लिखने का तरीका जबरदस्त है, कुछ जगहों पर तो जानकारियों का भंडार भी मिल जाता है।
किताब में बीच बीच में कई रहस्यों को गढ़ने की कोशिश की गई है, कई जगह रोचकता और साहस के शब्दों से उपन्यास को और भी पठनीय बनाने की कोशिश की गई है, पर बीच बीच में फ्लेशबैक वाली कहानी पाठक को उपन्यास से दूर ले जाती है, फिर भी अधिकतर उपन्यास अंतिम पंक्ति तक रोचक बना रहता है, पाठक की लेखन शैली जबरदस्त है और कभी कभी अंग्रेजी के उपन्यास पढ़ने के बावजूद मुझे पढ़ने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई, कुछ नये शब्द और जानकारी ने मेरे ज्ञान को बढ़ाया।
आगे आने वाले उपन्यासों को पढ़ने की जिज्ञासा बनी रहेगी ।
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Nice review…enjoyed it…. 🙂
जेम्स पैटरसन के साथ को-ऑथर होने का क्या मामला है। 'प्राइवेट' शृंखला के अन्य उपन्यास भी हैं!