जी हाँ मैं भी आम आदमी हूँ, जो आम आदमी कहता है वह मुझे सीधे दिल पर लगता है, क्योंकि वे वाकई वही बातें करते हैं जो मुझ जैसे आम आदमी की जरूरत हैं। आजकल हल्ला काट रहे हैं कि केजरीवाल बिजनेस क्लाम में सफर कर दुबई गये, मैं ज्यादा गहराई में न जाते हुए केवल इतना कहना चाहूँगा कि अगर मुझे भी कोई अन्य बिजनेस क्लास का टिकट देगा तो मैं मना नहीं करूँगा, और खुशी खुशी बिजनेस क्लास का सफर तय करूँगा। हालांकि एक बार मैं भी एक बार एयर लाईंस की गलती के कारण बिजनेस क्लास में दुबई से मुँबई तक सफर कर चुका हूँ। पर अगर इकोनोमी में भी मुझे टिकट खरीद कर सफर करना हो तो कम से कम सौ बार सोचना पड़ता है। अगर केजरीवाल के किसी सम्मान के लिय बुलाया गया है तो या तो टिकट उन्होंने दिया है या फिर उनके किसी दोस्त ने स्पांसर किया है, तो इस बात पर हल्ला क्यों ?
क्या हमारे विपक्षी दलों के नेता जो आरोप प्रत्यारोप भी बिजनेस क्लास में सफर नहीं करते हैं ? या वे यह नहीं देख पा रहे हैं कि आम आदमी कैसे विलास कर सकता है, भले ही वह स्पांसर हो ?
विपक्षी दल आम आदमी पर पता नहीं कैसे कैसे आरोप लगाते रहते हैं, अभी सुबह ही एक केन्द्रीय सरकार के दल के एक नेता जी को बोलते सुना कि अगर बाहर से चुनाव लड़ने के लिये पैसा आयेगा तो फिर ये लोग बाहर के लोगों के लिये ही कार्य करेंगे ना कि भारत के लोगों के लिये, तो बहुत
ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं है, अभी जब लोकसभा के लिये चुनाव हुए थे तब भी भारत की बड़े दलों को बहुत सारा चंदा मिला था, तो वे अपने सोर्स बताने में क्यों कोताही बरत रहे हैं, अगर वे आम आदमी के जैसे वाकई ईमानदार हैं तो वे भी ऐसा करके बताये, जनता ने तो केवल एक अच्छी मछली के नाम पर वोट डाला है, पर अब देश को भुगतना तो पूरे तालाब की गंदी मछलियों को पड़ रहा है। अगर हमारे प्रधानमंत्री जी भारत के बाहर से निवेश ला रहे हैं तो भारतीय सरकार भी तो विदेशी निवेशकों के हितों को ध्यान रखते हुए कार्य करेगी, तो अपनी बातों को छुपाते हुए क्यों दूसरे पर आरोप जड़ा जा रहा है।
ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं है, अभी जब लोकसभा के लिये चुनाव हुए थे तब भी भारत की बड़े दलों को बहुत सारा चंदा मिला था, तो वे अपने सोर्स बताने में क्यों कोताही बरत रहे हैं, अगर वे आम आदमी के जैसे वाकई ईमानदार हैं तो वे भी ऐसा करके बताये, जनता ने तो केवल एक अच्छी मछली के नाम पर वोट डाला है, पर अब देश को भुगतना तो पूरे तालाब की गंदी मछलियों को पड़ रहा है। अगर हमारे प्रधानमंत्री जी भारत के बाहर से निवेश ला रहे हैं तो भारतीय सरकार भी तो विदेशी निवेशकों के हितों को ध्यान रखते हुए कार्य करेगी, तो अपनी बातों को छुपाते हुए क्यों दूसरे पर आरोप जड़ा जा रहा है।