मोटापा कम कैसे किया जाये पर हमने अभी तक बात की कि मोटापा कम करने के प्रचलित तरीके क्या हैं और खाना कैसे खाना चाहिये, अब हम बात करेंगे कि पानी कैसे पिया जाये या पेय पदार्थों का सेवन कैसे किया जाये। जैसे हमारी पाचन क्रिया में भोजन को बत्तीस बार चबाना बहुत ही महत्वपूर्ण है वैसे ही पानी कैसे पिया जाये भी बहुत ही महत्वपूर्ण है।
पहले के भाग – (आगे पढ़ने से पहले यह जरूर पढ़ें) –
मोटापा कम कैसे किया जाये – मेरा अनुभव 20 किलो कम करने का
मोटापा कम कैसे किया जाये – खाने का सही तरीका
जैसे भोजन करना एक कला है, पानी पीना भी एक कला है जो हर किसी को नहीं पता होता है और सही तरीके से हमें इसका अभ्यास करना चाहिये, हमें पानी का हमारे शरीर पर कैसे प्रभाव पड़ता है यह भी पता नहीं होता है। जब भी हमें प्यास लगती है हम गटागट एक साथ ही बहुत सारा पानी पी जाते हैं और कई लोग तो पानी पीते नहीं केवल अपने शरीर में मुँह के द्वारा उंडेलते हैं, अपना मुँह पूरा खोलकर चौड़े पाइप के आकार का मुँह बनाकर बोतल को पलट लेते हैं और अपनी इस क्रिया से अपने आप पर गर्व करते हैं कि बहुत से लोग यह नहीं कर पाते हैं, पर मैं बता दूँ कि अभ्यास से सब कुछ संभव है फिर भले ही वह क्रिया सही हो या गलत। हम गलत क्रियाओं के सीखने में कम वक्त लगाते हैं क्योंकि उससे कहीं न कहीं हम दुनिया से अलग दिखने की कोशिश करते हैं और अपने अहम को संतुष्ट करने की कोशिश करते हैं।
कई लोगों को मैंने कहते सुना है कि ज्यादा पानी पीना शरीर के लिये हानिकारक है, क्या आपको पता है कि हमारा शरीर अपने आप में एक सुपर कंप्यूटर है और उसे पता है कि कौन सी चीज कितनी मात्रा में लेनी है, अगर आप शरीर को ज्यादा मात्रा में पानी देने की कोशिश करेंगे याने कि ज्यादा पानी पीने की कोशिश करेंगे तो शरीर अपने आप ही पानी को लेने से मना कर देगा, और फिर भी जबरदस्ती पानी पी भी लेते हैं तो शरीर उस पानी को उल्टी, दस्त या मूत्र के माध्यम से तुरंत ही बाहर निकालने की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगा।
जब भी पानी पियें तो गिलास में पानी पीने की आदत बनायें, जिससे कि आपके होंठों और पानी पीने के बर्तन के बीच बिल्कुल भी जगह न हो और आप केवल पानी पियें न कि साथ में हवा भी पियें। गिलास से पानी पीने की संतुष्टि अलग ही होती है जो कि आपको कभी भी बोतल या जग से पीने में नहीं मिल सकती है। पानी का घूँट मुँह में भरने के बाद एकदम से न पियें अपने मुँह में थोड़ी देर रखें और पानी में मुँह की लार को मिलने दें, धीरे धीरे आपके लगने लगेगा कि मुँह में पानी का स्वाद थोड़ा अलग हो गया है और फिर पानी को पी लें। किसी भी तरह का पेय पदार्थ हो वह इसी तरह से आपको पीना चाहिये, जिससे हमारे मुँह से लार की पर्याप्त मात्रा हमारे शरीर में पहुँचती रहे।
भोजन करने के 45 मिनिट पहले तक पानी न पीने की कोशिश करें, क्योंकि पानी को पचाने में हमारा शरीर लगभग 40-45 मिनिट लगाता है और जब कुछ भी हमारे पेट में पचने के लिये नहीं होगा तब भोजन अच्छे से शरीर की भट्टी में पहुँचेगा, खाने के बीच में पानी कभी भी न पियें। खाने के बीच में पानी पीना बिल्कुल वैसा ही है जैसे कि आग जल रही है और आप बीच में उसमें पानी डाल दें, जब आप अच्छे से बत्तीस बार चबाकर खायेंगे तो कभी भी खाने के बीच पानी की जरूरत ही नहीं रहेगी, यहाँ तक कि मिर्ची भी नहीं लगेगी, सारा कमाल हमारे मुँह की लार का होता है।
भोजन करने के बाद कभी भी एकदम पानी न पियें, अगर ठसका लगता है या प्यास लग भी रही है तो कोशिश करें कि केवल एक घूँटभर पानी मुँह में रखें और लार मिलने तक उसे न पियें जब पानी में लार मिल जाये तब पी लें। भोजन करने के 1.30 घंटे तक पानी न पियें, उसके बाद आपका शरीर अपने आप ही पानी माँगने लगेगा। तब आप पर्याप्त मात्रा में इसी विधि के द्वारा पानी पियें, जब तक कि आपकी प्यास नहीं बुझ जाती है। यह मान लीजिये कि आपको पानी पीना नहीं है, पानी खाना है।
खाने का सही तरीका और पानी पीने का सही तरीका दोनों ही बच्चों को भी सिखायें। कभी भी बच्चों को जल्दी जल्दी खाने के लिये प्रोत्साहित न करें, जल्दबाजी में खाना खाने को उद्यत न करें, खाने के लिये कम से कम 15-20 मिनिट का समय दें, जिससे अच्छी प्रकार से खाना खाय जा सकें। अगर खाना सही तरीके से खाया जायेगा तो बाकी की जीवनचर्या पर आप इसका प्रभाव बहुत ही शीघ्र देख पायेंगे, जैसे कि वायु विकार खत्म हो जायेगा।
अमल करने की कोशिश रहेगी …. समय लगेगा ..भोजन के बीच में और बाद में तुरन्त पानी पीना पड़ता है .. 🙂
Very Informative
लम्बे अरसे के बाद किसी ब्लॉग पर आ कर बहूत ख़ुशी हो रही है। वजन कम करना है मुझे भी।
यानि खाने को पिएं और पानी/तरल पदार्थ को खाएं?
जी बिल्कुल सही तरीका तो यही है