अभी एक मित्र बैंक से आ रहे हैं, बहुत लंबी लाईन थी और बैंक में एक समय में एक ही बन्दे को अन्दर जाने दे रहे थे। अंदर जाकर देखा कि 1 ही लाईन है, जमा और भुगतान दोनों की। उन्हें पुराने नोट जमा करने थे, उसमें उन्हें 2 घंटे लग गये, उन्होंने देखा कि कुछ वृद्ध लोग भी लाईन में लगे हैं, महिलायें भी लगी हैं, तो उनसे रहा नहीं गया। अपना पैसा जमा करने के बाद, वे बैंक मैनेजर के केबिन में गये और बोले कि बाहर इतनी लंबी लाईन लगी है और आपने केवल एक ही काऊँटर खोल रखा है, आखिर बात क्या है, आप के बैंक की समस्या क्या है
बैंक मैनेजर ने कहा – सर मुझे भी एक काऊँटर खोलने की शर्मिंदगी है, परंतु मैं भी क्या करूँ, मेरे पास स्टॉफ भी है, पर देने के लिये रूपये नहीं हैं। इसलिये केवल एक काऊँटर खोला है और काऊँटर पर जो बंदा बैठा है उसको कहा है कि आराम से काम करो, जल्दी करोगे, तो हमें बैंक के बाहर बोर्ड लगाना होगा कि बैंक में नगद नहीं है, आप समझिये कि हम बहुत ही डेंजरस सिचुएशन में बैठे हुए हैं, अगर नगद खत्म होने का बोर्ड लगाया तो हमारे बैंक की साख चली जायेगी, और हमारे पास रूपये उतनी मात्रा में आ नहीं रहे, जितनी डिमांड है। अगर मेरे पास नगद होता तो मैं सारे स्टॉफ को केवल नगद के ही काम में लगा देता, परंतु ऐसा नहीं है। मुझे पता है कि जनता गुस्सा हो रही है, उनको तकलीफ हो रही है, ऐसा नहीं है कि बैंक में ऊपर वालों को ये सब पता नहीं है, उनको भी सब पता है, और वो ही हमें अनाधिकारिक तौर पर मौखिक आदेश दे रहे हैं।
आज तो फिर भी ठीक है, कि आज शुक्रवार है, कल शनिवार है, पता नहीं कल क्या होगा, क्योंकि कल बैंक खुला है, और हमारे पास उतना नगद नहीं है, जितनी डिमांड है। मैंने तो अपने ऊपर वालों को कह दिया है कि हमें कल 11 बजे ही बैंक बंद करनी पड़ जायेगी, क्योंकि नगद की जितनी डिमांड है उतनी आपूर्ति नहीं है।
हमारे मित्र ने कहा – आप उन बंदों को रोकिये जो 24 हजार के चैक लेकर आ रहे हैं, तो बैंक ज्यादा लोगों को नगद दे पायेगा। तो बैंक मैनेजर ने कहा कि उनको भी नहीं रोक सकते, और कहा कि एक ही बंदा 4 बेयरर चेक 24 हजार के लेकर लगा है, तो उसको भी मना नहीं कर सकते हैं। उनको बोला कि कम निकाल लो, तो वे बोलते हैं कि सरकार ने ऐसा कोई नियम नहीं बनाया है, तो बैंक भी नहीं बना सकती है।
बता सही है, मैनेजर अपनी जगह ठीक है और ग्राहक अपनी जगह ठीक है। बस अब जनता का नगद से भरोसा ही उठने लगा है क्योंकि जब खाते में पैसा है पर खर्च करने के लिये निकाल नहीं सकते हैं। सारे एटीएम के शटर डाऊन हैं, कहीं भी आज मुझे कोई एटीएम काम करता नहीं दिखा और बैंकों के आगे लंबी कतारें लगी देखी जा सकती हैं।
हमारे पास भी अभी थोड़े से 100 रूपये के नोट हैं, उम्मीद हैं कि जब तक स्थिती सुधरेगी तब तक हमारा काम उनसे चल जायेगा, नहीं तो वाकई बहुत मुश्किल होने वाली है।
Bahut hi Sundar Aur sajiv Varnan . but koi nhi sochta ki aakhir itne note kam chhape hai to sarkar ki kya mansha hai agar hm cashless ki taraf dhyan de to nischit hi thoda paresani ho skta hai lekin aage hme hi fayda hone wala hai