एक संक्रमित सॉफ्टवेयर जो इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि इस सॉफ्टवेयर के आपके कंप्यूटर पर आते ही यह आपके महत्वपूर्ण डाटा तक आपकी पहुंच रोक देता है और अगर आप डाटा तक पहुंचने की कोशिश करेंगे तो एक स्क्रीन दिखाई देगी, जिसके ऊपर यह आपसे रैनसम मांगेगा और रैनसम देने का तरीका भी उस पर लिखा होगा।
मई 2017में वानाक्राई रैनसमवेयर का जो आक्रमण हुआ था, उसमें 150 देशों के कंप्यूटर पर आक्रमण हुआ। लगभग 300000 कंप्यूटर संक्रमित हुए और 33319 डॉलर रैनसम के तौर पर दिए गए। यह आंकड़ा 14 मई 2017 तक का है।
वाइपर अटैक क्या होता है?
वाइपर आक्रमण कंप्यूटर पर किया गया एक ऐसा वायरस अटैक है जिसमें कि कंप्यूटर का डाटा पूर्णत: खत्म कर दिया जाए और रैनसमवेयर वायरस के जैसे किसी भी तरह के भुगतान की बात ना की जाए। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि वानाक्राई रैनसमवेयर था जबकि नॉटपेटिया वाइपर है।
नोटपेटया कैसे फैलता है?
जैसा कि पता चला है वानाक्राई रैनसमवेयर फिशिंग इमेल से फैला था। जबकि साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि नॉटपेटया फैलाने के लिए यूक्रेन की सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर कंपनियों को हैक किया गया और उसके द्वारा नोटपेटया फैैलाया गया था और आक्रमण किया गया।
कौन सी कंपनियों पर ज्यादा आक्रमण हुआ?
रशिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी, यूक्रेन का अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और ग्लोबल शिपिंग फॉर्म AP Moller-Maersk इस आक्रमण से बुरी तरह से प्रभावित हुई। इस आक्रमण से गंभीर तरीके से यूक्रेन की पावर ग्रिड, बैंक और सरकारी दफ्तर भी प्रभावित हुए।
कैसे हम हमारे कंप्यूटर को रैन्समवेयर सॉफ्टवेयर से सुरक्षित रखें?
सबसे पहला एक बुनियादी कदम है कि हमें हमारे डाटा का पूरा बैकअप अपने पास रखना चाहिये। उसके बाद में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के जो भी नए अपग्रेड हैं, उनको इंस्टॉल कर लें और संबंधित रैनसमवेयर के जो नए पेचेस आए हैं उन्हें भी इंस्टॉल कर लें। एक एंटी मैलवेयर प्रोग्राम हमेशा आपके स्टार्ट अप में होना चाहिए, जो कि एक बुनियादी कदम है इस तरह के मैलवेयर से बचने के लिए, जो कि आपको किसी भी अनजानी लिंक पर क्लिक करने से होने वाले गंभीर नुकसान से रोकता है।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (09-07-2017) को ‘पाठक का रोजनामचा’ (चर्चा अंक-2661) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
ये तो बहुत बडा खतरा है. हमने तो डर के मारे जाने पहचान वालों के भी अटैअचमैंट खोलना बंद कर दिये हैं. आप समय समय पर ऐसी ही उपयोगी जानकारियां अवश्य देते रहें, आभार
रामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
ransomware ki jankari dene ke liye shukriya apka
बहुत ही बेहतरीन article लिखा है आपने। Share करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙂 🙂