आज शाम के समय की बात है हमारे एक सहकर्मी ने अपने ऑफिशियल चैट प्रोग्राम पर पिंग किया और पूछा कि बिटक्वाईन में निवेश किया या नहीं? हमने रोज वाले अंदाज में ही कहा कि नहीं भई, अपने को बिटक्वाईन नहीं जमता और न ही अभी तक समझे हैं, तो बेहतर है कि ऐसी चीजों के निवेश से दूर ही रहें, जो समझ में न आती हों। तब वे बताने लगे कि एक उनके मित्र ने 8 लाख बिटक्वाईन में लगाये थे जो कि अब लगभग 48 लाख रूपये हो चुके हैं, और उन्होंने भी देखा देखी 4 लाख 3 सप्ताह पहले लगाये हैं जो अब 6.24 लाख रूपये हो चुके हैं। हमें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि जो बंदा म्यूचुअल फंड तक में पैसे लगाने से डरता था, केवल किसी और के पैसे बढ़ गये तो उसने अपने 4 लाख रूपये का रिस्क याने कि जोखिम ले लिया। हमें कहने लगे कि और 2-3 सप्ताह देखते हैं, अगर सब कुछ ठीक रहा तो पैसा दोगुना तो हो ही जायेगा।
उन्होंने एक बात और बताई कि एक बंदे ने पिछले 2 वर्ष से अपनी सारी की सारी कमाई केवल बिटक्वाईन में ही निवेश की हुई थी, उस बंदे को फाइनेंस की ए बी सी डी भी नहीं आती थी, और न ही म्यूचुअल फंड या इक्विटी के बारे में पता था, परंतु उसने इतना बड़ा जोखिम लिया कि अपनी सारी कमाई और पिछले 2 वर्षों से सारी कमाई बिटक्वाईन में निवेश कर दिया, और कल के दिन उसने अपने सारे बिटक्वाईन का हिसाब लगाया तो पाया कि उसके पास 12 करोड़ रूपये के बिटक्वाईन हैं, तो उसने सारे ही बिटक्वाईन एकदम से बेच दिये और 12 करोड़ कैश कर लिये। साथ ही आईटी कंपनी से नौकरी भी छोड़ दी। ये बता रहे थे कि बंदे को तो अब कुछ करने की जरूरत ही नहीं है अगर 6% के हिसाब से एफ डी में भी पैसे रखेगा तो उसे हर महीने 6 लाख तो केवल ब्याज ही मिलेगा।
हमने अपने सहकर्मी को कहा कि भई जितना बड़ा उसने जोखिम लिया उतनी ही बड़ा उसे ईनाम मिला, और दो साल में ही वो करोड़पति (Millionaire) हो गया।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (06-12-2017) को “पैंतालिसवीं वैवाहिक वर्षगाँठ पर शुभकामनायें ” चर्चामंच 2809 पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
“नदी -नेता ”
धनबल पर नदियाँ /
लगीं सिकुड़ने आज ?
चौकस पहरा पड़ा/
खूटा -खूटा खाप |
सूख -सिसकती नदी /
गंगा बहे असहाय |
बैठ चौतरा चौचक/
भांग धतूरा खाय |
पापी -पाप दुराचार /
घुल -नदिया -जाय |
अन्न ऊपर डाका पड़ा/
पावन नदिया बहती जाय |
जा बैठा पानी पाताले /
अफसर बैठ-बैठ हर्षाय ?
बढ़ी खाद्द्य पर सव्सीड़ी/
अधमुख अधिकारी मुस्काय !
दसो कनक अँगुलियों में /
नेता बैठे -बैठे खाय ??
अभी ऐसे लोगों को बिटक्वाइन सबक सिखा रही है जो बिना समझे-बूझे इसमें कूद पड़े थे. 🙂