सत्य यही है कि दुनिया में कोई भी सर्वगुण संपन्न नहीं है और यह भी उतना ही सत्य है कि हर कोई कभी ना कभी कोई ना कोई गलती करता ही है। और मजा तो तब आता है जब आप किसी ऑफिस में काम करते हो और इसी प्रकार की किसी परिस्थिति से आप कम से कम एक बार या एक से अधिक बार रोज ही रूबरू होते हैं।अगर आप किसी मीटिंग में जा रहे हो और कोई आप को रोक कर कह दे भाई साहब आपकी पैंट की चैन खुली हुई है तो बहुत ही खराब लगता है या फिर आप किसी अपने सहकर्मी का नाम ही भूल गए या पसीने की बदबू आ रही है या फिर सांसों से बदबू आ रही है और या फिर जैसे खाना खाने के बाद पालक ही आपके दांत में अटक गया हो और वह सामने ही दिख रहा हो, इस तरह की असहज परिस्थितियों से निपटना मुश्किल होता है परंतु नामुमकिन नहीं होता।
परिस्थिति 1
आप ऑफिस में बैठे हैं और नौकरी ढूँढते हुए पकड़े जाते हैं।
सबसे पहली बात अपना सीवी कभी भी ऑफिस में प्रिंट ना करें और अगर गड़बड़ हो ही गई है तो अपने मैनेजर से जाकर बात करें और उसको बतायें कि आप क्यों नई नौकरी ढूँढ रहे हैं, तो हो सकता है कि उनके पास में आपकी समस्या का कोई समाधान हो।
परिस्थिति 2
आप लिफ्ट में अपने बॉस के साथ अकेले हैं और यह समय आपको कुछ बात करके बिताना है।
सबसे पहली बात तो कि आप अपने बॉस को इग्नोर ना करें, खुद ही कुछ बात करके शुरुआत करें। मौसम के बारे में बात करें, सप्ताहांत के घूमने के बारे में बात करें, आपको पूरे रास्ते बात करने की जरूरत नहीं है और जब आप लिफ्ट से बाहर जा रहे हों तो उन्हें कहें आपका दिन शुभ हो।
परिस्थिति 3
आपके बॉस ने आपको ऑनलाइन टाइमपास करते हुए पकड़ लिया।
बॉस को उस समय झूठ तो नहीं बोल सकते। बॉस आपके पास आया और आपको उसने कोई वायरल वीडियो देखते हुए पकड़ लिया, आप उसको बोलें आओ देखो कितना अच्छा वीडियो है जो वायरल हुआ है और बात को खत्म कर दें। उसके बाद अपना काम करना शुरू कर दें। अगर आप अपने बॉस के निकट नहीं हैं या उससे साफ साफ बात नहीं कर सकते हैं तो उनको बता दे कि थोड़ा सा दिमाग साफ कर रहा था।
परिस्थिति 4
आप मीटिंग में किसी का नाम भूल गये हैं।
अपनी गलती मान लें और कहें मेरे दिमाग से आपका नाम निकल गया है कृपया मुझे माफ कर दें यह थोड़ा असहज जरूर लगेगा, लेकिन चुप रहने से बेहतर है।
परिस्थिति 5
आप अपने ऑफिस में जोर से चिल्लाना चाहते हैं।
कई बार ऐसा होता है जब हम परेशान होते हैं और जोर से चिल्लाकर अपनी भड़ास निकालना चाहते हैं तो अपने आप को किसी शांत जगह पर ले जायें, जहाँ पर आप अपना गुस्सा शांत कर पायें और उस कारण को सोचना बंद कर दें जिसके कारण आप परेशान हैं गहरी साँसे लें और शांत हो जायें।
बहुत अच्छी काम की बातें हैं
धन्यवाद प्रस्तुति के लिए
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन हिंदी पत्रकारिता दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर …. आभार।।
“व्यायाम”
नार्वे से आया फरमान ,बचालो पंचो अपनी जान
याद करो वह अपना धाम ,शारीरिक श्रम बनाए काम |
बचाता डिप्रेशन व्यायाम ,शारीरिक क्षमता हो बालवान
शोधकर्ता पहुचे मुकाम ,मानसिक बीमारी सुरधाम |
वयस्कों पर आया अध्ययन ,डिप्रेशन से न हों अनजान
उल्लेखनीय कमी कअनुमान,व्यायाम सुगम बनाता काम |
‘मंगल’ सुख करे प्रणाम , दवा से मुक्ति दे व्यायाम
नार्वे से आया फरमान ,बचालो पांचो अपनी जान ||