उम्र बढ़ती जाती है और यह जीवन चक्र का निश्चित क्रम है। लेकिन मुख्य प्रश्न यह है कि हम अपनी उम्र के साथ बढ़ते हुए कैसे कम से कम दवाइयों और डॉक्टरी सुख सुविधाओं को लेते हुए आगे बढ़ें। हममें से अधिकतर लोग स्वास्थ्य बीमा में बहुत सा पैसा खर्च करते हैं, लेकिन हममें से ऐसे कितने लोग हैं जो स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए पैसा खर्च करते हैं। हम लोगों ने यह मान लिया है और यह समझ लिया है कि उम्र बढ़ने के साथ में बीमारियाँ और दर्द आते जायेंगे। तो यहाँ हम बात करेंगे कि किस प्रकार से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और जब उम्र बढ़ती है तो अपने जीवन चक्र में क्या क्या ध्यान रखें। ऐसे ही अपनी उम्र बढ़ने से रोकने के उपाय पर हम बात करते हैं।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ायें
अगर आपकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी है तो वह किसी बढ़िया स्वास्थ्य बीमा से कम नहीं है। आपको अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रोज ही कार्य करना चाहिये। अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए यह पहली और आखिरी बात है। हम लोगों की जीवनशैली इतनी बिगड़ चुकी है कि हम लोग बीमारियों को अपने गले लगा चुके हैं। कुछ बुनियादी बातों का हमें ध्यान रखना चाहिये, जो कि सीधे हमारे जीवन पर प्रभाव डालती हैं, जैसे कि व्यायाम, पूरी नींद लेना, अच्छा खाना, साफ बर्तन, शुद्ध मसाले, कच्ची सब्जी और कच्चे फल, सकारात्मक सोचना, ध्यान लगाना और गहरी साँसे लेना। इन सब से हम अपनी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी कर सकते हैं
कमियों को दूर करना
कोई भी एक न्यूट्रेंट जैसे कि विटामिन या कोई मिनरल्स हमारे बहुत सारे सेलुलर फंक्शंस को सप्लाई करता है और उसकी कमी हमारे स्वास्थ्य को बहुत बुरी तरीके से प्रभावित कर सकती है। जो अधिकतर न्यूट्रिएंट्स की कमियां होती है वह लोगों में देखने को मिलती हैं विटामिन डी 3, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और इन सब की कमियों से बहुत सी समस्यायें स्वास्थ्य में आ सकती हैं। जैसे कि मसल में दर्द होना, हड्डियों की बीमारियाँ, हार्मोन का असंतुलित होना, ब्रेन डिसऑर्डर, हृदय से संबंधित बीमारियाँ इत्यादि। सबसे खराब बात है कि इन सब के कारण हमारी प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। विटामिन बी 12 हमारे दिमाग के लिये, याददाश्त के लिये और न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है और इसकी कमी से अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियाँ बढ़ती उम्र के साथ घेर सकती हैं। नियमित हेल्थ चेकअप करवाते रहें और किसी भी प्रकार की कमी हो तो उसको जल्दी से जल्दी दूर करने का प्रयत्न करें।
समय के साथ आगे बढ़ते रहें
हर पल दवाई है जिससे आप बच भी सकते हैं और बचा भी सकते हैं। रोज अपना थोड़ा समय व्यायाम में निवेशित करें, यह बहुत जरूरी है – खून के प्रवाह के लिये, डिटॉक्सीफिकेशन के लिये, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये, हारमोनल स्वास्थ्य के लिये, मूड अच्छा करने के लिये, मसल्स मजबूत करने के लिये और इससे आपके शरीर की मुद्रा सही रहेगी। चलना सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है, कोशिश करें कि हल्का सा दौड़ पायें। साथ में प्राणायाम या फिर अन्य व्यायाम जिसमें कि आप गहरी सांसे ले पायें, भी करते रहें।
व्रत रखना
अगर आपको अपने शरीर को सही तरीके से आराम देना है तो व्रत करना इसका सही उपाय है। जब हम व्रत करते हैं तो हमारा पाचन तंत्र कुछ समय के लिए बंद हो जाता है और हमारे शरीर की हीलिंग डिटॉक्सीफिकेशन, बीमार सेल्स की रिपेयरिंग करना और हमारे जो सेल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं उनको वापस से जीवित करता है। व्रत के बहुत फायदे हैं, और इसका फायदा उठाना आपके हाथ में है।
अच्छी नींद
हम लोग अच्छी नींद का महत्व तब तक नहीं जानते, जब तक कि हम लोग बीमार ना पड़ जायें। हममें से अधिकतर लोग यही सोचते हैं कि इससे होता क्या है, और हमारा शरीर व्याधियों से बढ़ता जाता है। हमारी जो एनर्जी लेवल है, वह कम हो जाता है, हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, खाने-पीने की झूठी इच्छा होने लगती है, हार्मोन इंबैलेंस हो जाते हैं और सबसे बड़ी बात प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। हमें सबसे पहले हर रात अच्छी नींद लेने का अभ्यास करना चाहिये। यही वह समय है जब हमारे शरीर को अपने अंदरूनी मरम्मत का समय मिलता है।
यह सब करना आज की जीवनशैली में थोड़ा मुश्किल है, लेकिन धीरे-धीरे जब शुरू करेंगे तो एक ना एक दिन हम लक्ष्य को पा ही लेंगे।