बेटा बड़ा हो रहा है और घरवाली को भी आजकल बाहर जाने के लिये किसी साधन की जरूरत महसूस होती है, क्योंकि पहले तो हम हर जगह ले जाते थे, पर अब हमारा समय ऑफिस में ज्यादा निकलता है तो अब एक दोपहिया वाहन की जरूरत महसूस जरूर होती है, जिसे बेटा और घरवाली दोनों चला सकें, सारे दोपहिया वाहन देखे, पसंद आया TVS Jupiter।
तभी हमें इंडीब्लॉगर की तरफ से TVS Jupiter की फेक्टरी में जाने के लिये मौका भी मिल गया, जिसमें केवल हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के ब्लॉगरों को बुलाया गया था। हम बैंगलोर के प्रसिद्ध ट्रॉफिक से होते हुए TVS Jupiter की फेक्टरी होसुर पहुँचे। जब हम फेक्टरी पहुँचे तो वहाँ की हरियाली देखकर मंत्रमुग्ध हो गये, चारों तरफ फेक्टरी की इमारतों के बीच जगह जगह कतार से लगे पेड़ और लंबे फैले घास के मैदान।
TVS के अधिकारियों द्वारा हमें TVS Jupiter के बारे में बहुत बारीकी से जानकारियों को बताया गया, सबसे अच्छा हमें उनका रिसर्च लगा कि कैसा दोपहिया वाहन समाज के लिये होना चाहिये, समाज क्या सोचता है, कैसे आगे बढ़ता है, स्कूटर की जरूरत कब कहाँ और किसे पड़ती है, कैसे बाईक से स्कूटर पर लोग आयेंगे। स्कूटर में TVS Jupiter की जगह कैसे बनेगी, TVS Jupiter में उन्होंने इतनी सारी खूबियों का समावेश कर दिया कि दूसरे ब्रांडों ने उसके बारे में सोचा भी नहीं।
खूबियों और तकनीकी जानकारी के बाद हमें TVS Jupiter के बनने की प्रक्रिया दिखाई गई, पहले हमें दिखाया गया कि कैसे पार्टस को तैयार किया जाता है, वहाँ पर अधिकतर काम रोबोट के द्वारा किया जाता है, और यह डिपार्टमेंट 24 घंटे काम करता है, क्योंकि यहाँ मानवीय श्रम की जरूरत ही नहीं है। कुछ रोबोट जापान के हैं तो कुछ TVS ने खुद ही बनाये हैं। बेहतरीन तकनीकी व्यवस्था का समायोजन हमने देखा, सब कुछ IOT से जुड़ा है और कोई भी गड़बड़ होते ही तुरंत स्क्रीन पर अलर्ट आ जाता है, हमेशा स्क्रीन पर देखा जा सकता है कि मशीनें सही तरीके सा कार्य कर रही हैं या नहीं। फिर हमें इंजिन बनाने के सेक्शन में ले जाया गया, जहाँ दो सेक्शन हैं, पहला जहाँ इंजिन के पार्टस को जोड़ा जा रहा था, क्योंकि ये एक सुरक्षित क्षैत्र है, तो वहाँ जाना वर्जित था, पर दूसरा क्षैत्र जहाँ इंजिन की टेस्टिंग हो रही थी, वहाँ हमें दिखाया गया कि सारे इंजिनों को टेस्टिंग की प्रक्रिया से गुजरना होता है और हर इंजिन को डेढ़ मिनिट की टेस्टिंग से गुजरना होता है, जहाँ कुछ मानक हैं, जिसे इंजिन को पास करना होता है। यहाँ 80% काम करने वाली महिलायें हैं, यह देखकर ही गर्व हुआ, कि महिलायें पूरा तकनीकी कार्य कर रही हैं और उसमें दक्ष हैं।
अब हम पहुँचे असेम्बलिंग सेक्शन में जहाँ पर कन्वेयर बेल्ट पर स्कूटर का चेसिस लाया जा रहा था, और उसे तैयार किया जा रहा था, लगातार सारे तकनीक श्रमिक कार्य कर रहे थे और हर 27 सेकेंड में एक TVS Jupiter तैयार हो रहा था, प्लांट में अभी 4800 स्कूटर हर रोज बनाये जाते हैं, हालांकि रोज कहीं अधिक स्कूटर बनाने की क्षमता प्लांट की है। TVS Jupiter के ऊपर रंगने की प्रक्रिया को भी दिखाया गया, जिसमें 90% कार्य रोबोट करते हैं और केवल 10% मानवीय श्रम का उपयोग किया जाता है।
फैक्टरी के बाद हम लोग खाने के लिये कैन्टीन TVS के अधिकारियों के साथ पहुँचे। वहाँ यह देखकर आश्चर्य हुआ कि खाने का टोकन खरीदने का कोई काऊँटर नहीं है, और अपना निजी समान रखने के लिये बहुत से काऊँटर बने हुए हैं जहाँ आप अपना समान रखकर खाना खाने इत्मिनान से जा सकते हैं। हाथ धोने के लिये नल में फव्वारे का उपयोग किया गया है, जिससे पानी का ज्यादा सा ज्यादा उपयोग किया जा सके, बेहतरीन दक्षिण भारतीय खाना केन्टीन में था, जिसमें रोटी, चावल, दाल, गाजर दाल की सलाद, साँभर, रसम, दही और खीरा था, बाद में इमरती और वड़ा भी दिया गया। खाने का स्वाद बेहतरीन था, ऐसा खाना बहुत ही अच्छी होटलों में या फिर बेहतरीन कुक के हाथ से ही बन सकता है। हमने बहुत स्वाद लेकर खाने का आनंद लिया। बर्तन धोने के लिये भी मशीन लगी हुई है, जो कि ऑटोमैटिक है।
खाने के बाद हम पहुँचे सबसे आखिरी और महत्वपूर्ण पड़ाव ट्रेक पर राईड करने के लिये, जिसमें हमें राईटर की जैकेट, घुटनों पर सुरक्षा के लिये कवर, हाथ में ग्लब्स और हेलमेट। पहले हमें इलेकट्रिक कार से पूरा 1.7 किमी का ट्रेक दिखाया गया, फिर हमने उस ट्रेक पर 2 बार TVS Jupiter की टेस्ट राईड ली। इस पूरी ट्रिप पर TVS के अधिकारियों द्वार बहुत ही आत्मीयता से स्कूटर की हर विशेषता और फेक्टरी के बारे में बताया गया।
TVS Jupiter के बारे में कुछ खास बातें – J. D. Power 2018 का सबसे अपीलिंग एक्जीक्यूटिव स्कूटर का अवार्ड मिला है। 5 वर्ष पहले TVS Jupiter टीवीएस ग्रुप ने बाजार में उतारा था और 25 लाख से ज्यादा स्कूटर अभी तक बेच चुके हैं। जो कि अभी तक किसी भी स्कूटर ब्रांड में सबसे ज्यादा तेजी से बिकने का रिकार्ड है।
भारत में स्कूटर केटेगरी में नंबर 2 पर TVS Jupiter आता है और अमिताभ बच्चन इस स्कूटर के ब्रांड एम्बेसेडर हैं, चलाने के बाद यह समझ में आया कि TVS Jupiter ऐसे ही “ज्यादा का फायदा” नहीं कहता है, इसमें दिये गयी छोटी छोटी बातों से TVS Jupiter खास स्कूटर बनता है। चलाते समय संतुलन न खोना सबसे अच्छी बात है, वैसे भी अच्छी बात यह है कि हम 50 से ज्यादा रफ्तार पर चलते ही नहीं है। केवल 30 महीने में ही 10 लाख लोगों ने इसे खरीद लिया था, जिससे पता चलता है कि लोगों की TVS ग्रुप पर विश्वसनीयता तो है ही साथ ही उनका बेहतरीन उत्पाद इसका मुख्य कारण है।
TVS Jupiter 110 सीसी का इंजिन है, सिंगल सिलेंडर है, फोर स्ट्रोक है, याने कि सारी वे तकनीक जो कि एक आधुनिक स्कूटर में होनी चाहिये। स्कूटर 60 किमी की रफ्तार मात्र 11.2 सेकेंड पकड़ लेता है। इसमें एक इकोनोमीटर भी है और यह एक लीटर पेट्रोल में 62 किमी चलता है। इसमें पैर रखने की जगह ज्यादा है, सीट के नीचे का स्टोरेज ज्यादा है, साथ ही पेट्रोल भरवाने के लिये टंकी का ढक्कन बाहर ही है, तो इसके लिये हर बार सीट खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। TVS Jupiter तीन वैरियेंट में आता है, Base, ZX and Classic Edition. स्कूटर बहुत से रंगों में आता है, तो खरीदने के लिये आप अपना मन पसंदीदा रंग चुन सकते हैं। TVS Jupiter ने क्लासिक एडीशन 2017 में ही उतारा है, जिसमें कि क्रोम वाले काँच हैं, आगे हैंडल पर विंडशील्ड है, पीछे बैठने वाले के लिये एक कुशन के साथ बैकरेस्ट दिया है और सीट के नीचे एक USB Charger भी दिया है, जिससे कि मोबाईल चार्ज कर सकते हैं।
TVS Jupiter के बारे में ज्यादा जानने के लिये यहाँ पर भी जा सकते हैं –
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- Instagram: https://www.instagram.com/tvs_jupiter/
ये संयंत्र बेहद सलीके से काम कर रहा था। इस दिन की स्मृतियां बनी रहेंगी। इसी बहाने आपसे मुलाकात भी ही गई।
ये संयंत्र बेहद सलीके से काम कर रहा था। इस दिन की स्मृतियां बनी रहेंगी। इसी बहाने आपसे मुलाकात भी हो गई।
great