लॉकडाउन में बेटेलाल ने जमकर खाना बनाने का लुत्फ उठाया है, केवल वीडियो देखकर, थोड़ी अपनी अक्ल लगाकर जो पारंगत हुए हैं, काबिले तारीफ है।
खाना बनाना बहुत आसान नहीं है, इसमें सबसे मुश्किल है खाना बनाने के लिये अपने आप को तैयार करना। खाना बनाना दरअसल केवल महिलाओं का ही काम समझा जाता है, पर बेटेलाल कहते हैं कि जो स्वाद मेरे हाथ का होगा, वह किसी और के हाथ में नहीं, ध्यान रखना। वाकई स्वाद तो है।
आटा गूँथना भी रख स्किल है, रोटी, पराँठे, पूरी, बाटी, बाफले, मैदा सबको अलग अलग तरह से गूँथा जाता है। पर बेटेलाल अब इन सबमें परफेक्ट हो चुके हैं। उन्हें नान बहुत पसंद है, जिस दिन खाने की इच्छा होती है सबसे पूछ लेते हैं, फिर नान और पनीर की सब्जी बनाते हैं।
यही हाल इनका गेमिंग में है, पब्जी में पता नहीं कौन सी रैंकिंग हो गई है,चेस खेलने का शौक है तो पता नहीं कहाँ कहाँ के चेस के मैच देखते रहते हैं, फिर यूट्यूब के वीडियो, मूवीज और वेबसिरिज में लगे रहते हैं। पढाई जिस दिन मूड होता है किसी एक विषय का पूरा चेप्टर निपटा देते हैं। वीडियो में भी कुछ अलग ही देखते हैं, जैसे शार्क टैंक और भी कई एंटरप्रेन्योरशिप के कुछ अलग अलग।
रोको टोको मत बस, जो करना चाहते हैं करने दो, हम कहे, करो भई करो, इन सबका भी कुछ विधान ही होगा।
बहुत खूब।