मैं ठीक नहीं हूँ
ऐसा जीवन में कई बार, बार बार किसी न किसी दिन होता रहता है।
पर इस ठीक नहीं हूँ के पीछे क्या है, इसका कोई डॉक्टर नहीं होता।
हमें अकेले ही मैं ठीक नहीं हूँ, समस्या से उस समय को निकालना होता है।
इस ठीक नहीं हूँ का, हमारे पास कोई समाधान भी तो नहीं होता।
अगर ठीक नहीं हूँ का, समाधान पता होता तो मैं ठीक ही होता।
ठीक नहीं होने से ठीक होने के सफर में, खुद ही ठीक होना होता है।