बेटेलाल का लर्निंग लाइसेंस के बाद टेस्ट और परमानेंट लाइसेंस इतनी आसानी से बन गया कि पता ही नहीं चला।
बेटेलाल जैसे ही अप्रैल में घर आये, हमने कहा कि लर्निंग लाइसेंस ले लो, और गाड़ी चलानी शुरू करो, बाईक और कार दोनों। पर वे केवल बाइक के लिये ही राजी थे, कहने लगे कि अभी कार की जरूरत नहीं है, पर बाईक की बहुत जरूरत पड़ती है। बिना गियर वाली बाइक तो हर कोई चला लेता है, पर गियर वाली बाइक की अपनी मुश्किलें होती हैं।
खैर बेटेलाल को बाईक पहले भी चलानी आती थी, पर प्रेक्टिस की जरूरत थी, तो करने लगेज रोज gym भी बाईक से जाने लगे, कल का टेस्ट बुक करवाया था, rto जाकर बस कागज वेलिडेशन करवाया और फोटो खींची गई, फिर सीधे टेस्ट हो गया। हमने पूछा भी कि पास या फेल, वे बोले कि sms आयेगा।
बेटेलाल तो जेब में पैसे रखकर ले गये थे और वहीं खड़े होकर कहने लगे कि इस आदमी ने अभी अभी 500 के 2 नोट कमाने का मौका गँवा दिया, उन्होंने कहीं तो ऑनलाइन पढा था कि रिश्वत देनी पड़ती है, तो हमने भी मना नहीं किया, कि तुम ये भी ट्राय कर लो।
पर गजब हुआ हम घर पहुँचे 2 बजे और 3 बजे sms आ गया कि pass हो गये, क्या ही झूम झूमकर खुश हुए, उनकी दादी जी कहने लगीं कि इतनी खुशी तो 12वीं पास होने की भी नहीं हुई थीं, बेटेलाल बोले ये मेरे कॉन्फिडेंस की exam था। और 10 मिनिट बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन वर्शन भी आ गया।
अब बेटेलाल को भी यकीन हो गया कि कुछ काम खुद से करवा लो तो ही ठीक रहता है, हमने भी यही सिखाया की न रिश्वत लो न दो।