बहुत सालों बाद कल जागृति थियेटर में प्ले देखने गये नाम था ‘उर्मिला’।
आदिशक्ति माँ सीता की बहन उर्मिला, जब श्रीराम का विवाह सीता से हुआ, तब लक्ष्मण का विवाह उर्मिला से हुआ।
बनवास के समय लक्ष्मण दिन में श्रीराम व सीतामाता की सेवा करते थे, और रात्रि में रक्षा करते थे, लक्ष्मण ने निद्रादेवी से वरदान मांगा था कि उन्हें 14 वर्ष तक नींद न आये, तब निद्रादेवी ने एक शर्त पर यह वरदान देने को कहा कि कोई और तुम्हारी जगह 14 साल तक सोयेगा, तब उर्मिला ने लक्ष्मण की नींद ली।
दक्षिण भारत में कुम्भकर्ण निंद्रा के साथ ही उर्मिला निंद्रा की लोकोक्ति प्रचलित है। जैसे हमारे यहाँ ज्यादा सोने वाले को कुम्भकर्ण कहते हैं।
इस प्ले की मुख्य पात्र थी उर्मिला, जो अपनी नींद को सुला रही है, प्ले शानदार था, जबरदस्त लाइटिंग और कलाकारों ने अपने अभिनय से चार चाँद लगा दिये। इस प्ले में कालारियपट्टू बॉडी लैंग्वेज का भरपूर प्रयोग किया गया है। अभिनय के साथ ही जो व्यायाम इसमें किया गया है, वह अद्वितीय है, जिसके लिये बहुत ऊर्जा चाहिये।
फोटो ले नहीं पाये, क्योंकि फोन बंद करवा दिये गये थे, नहीं तो थियेटर की लाइटिंग के प्रभाव में कमी आ जाती है।