डिजिटल दुनिया की सबसे रहस्यमयी और ताकतवर ताकतों में से एक है – “एनोनिमस”। ये नाम सुनते ही एक छवि दिमाग में उभरती है – गाय फॉक्स मास्क, काला हुडी, और एक ऐसी आवाज जो सत्ता को चुनौती देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये एनोनिमस है कौन? और क्यों दुनिया की सबसे बड़ी सरकारें और कंपनियाँ इनसे डरती हैं?
“एनोनिमस” की शुरुआत 2000 के दशक में एक ऑनलाइन फोरम “4chan” से हुई थी। यहाँ लोग बिना नाम के पोस्ट करते थे, और हर पोस्ट के आगे बस “एनोनिमस” लिखा होता था। ये सिर्फ एक मंच था, लेकिन धीरे-धीरे ये एक आंदोलन बन गया। 2008 में, जब चर्च ऑफ साइंटोलॉजी ने टॉम क्रूज का एक इंटरव्यू इंटरनेट से हटवा दिया, तो एनोनिमस ने इसे सेंसरशिप के खिलाफ एक जंग की शुरुआत माना। उन्होंने चर्च को एक डरावना संदेश भेजा: “हम एनोनिमस हैं। हम माफ नहीं करते। हम भूलते नहीं हैं। हमसे उम्मीद रखें।”
इसके बाद जो हुआ, वो इतिहास बन गया। एनोनिमस ने “गूगल बॉम्बिंग” की, जिससे साइंटोलॉजी की सर्च में सिर्फ उनकी बुराइयाँ सामने आने लगीं। उन्होंने चर्च की वेबसाइट क्रैश कर दी और 127 अलग-अलग जगहों पर हजारों लोग गाय फॉक्स मास्क पहनकर प्रदर्शन करने पहुँच गए। ये मास्क सिर्फ उनकी पहचान छुपाने के लिए नहीं था, बल्कि ये एक वैश्विक प्रतीक बन गया – स्वतंत्रता और विद्रोह का प्रतीक।
एनोनिमस की ताकत उनकी संरचना में है – कोई सदस्यता नहीं, कोई नेता नहीं, कोई ढांचा नहीं। कोई भी उनके बैनर तले काम कर सकता है। 2011 में, उन्होंने सोनी पर हमला किया, जिसके चलते 77 मिलियन अकाउंट्स हैक हुए और सोनी को 171 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। उसी साल, उन्होंने नाटो और कई सरकारों के गोपनीय दस्तावेज लीक किए। 2022 में, रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान, उन्होंने रूस की 2,500 से ज्यादा वेबसाइट्स को ठप कर दिया, राज्य टीवी को हैक किया और आंतरिक संदेश लीक कर दिए। ये डिजिटल युद्ध की एक मिसाल थी।
लेकिन एनोनिमस को इतना खतरनाक क्या बनाता है? पहला, उनका प्रतीक – गाय फॉक्स मास्क, जो हर भाषा और सीमा को पार करता है। दूसरा, उनकी आवाज – जो सीधे, डरावनी और स्वतंत्रता की बात करती है। और तीसरा, उनकी सच्चाई – वे सिर्फ बातें नहीं करते, बल्कि जो कहते हैं, वो करते हैं।