दिखने वाली शायरी फ़ोकटियों के लिये (Visual Shayari Fokatiyo ke liye) November 6, 2009UncategorizedईमेलVivek Rastogi Share this... Facebook Pinterest Twitter Linkedin Whatsapp
ना भाई हमको नही खाना ऐसा खाना.:)
रामराम.
वाह…कमाल का व्यंग चित्र…आप की इस कला को नमन…
नीरज
bahut khoob kyaa kahane
खाने का मेन्यू बतायें तो आगे सार्थक सोचा जाये! 🙂
सबसे अच्छी बात तो बोर्ड पर जलने बुझने वाली लाईट है