इन अविष्कारों को करने वाले कोई बहुत बड़े वैज्ञानिक नहीं हैं परंतु रोजमर्रा की परेशानियों से निपटने के लिये लोगों ने कुछ उपाय करना शुरु किये और बिना कापीराईट के आपस में उसकी विधी बताना शुरु किया, और एक संस्था बनाई अंतर्राष्ट्रीय चिन्डोगु सोसायटी। ये लोग अभी तक ६०० से ज्यादा अविष्कार कर चुके हैं। कुछ अविष्कारों के चित्र देखिये।
vaah kyaa baat hai tabhee to kahaa gayaa hai ki aavashyakataa hee avishkaar ki janani hai aabhaar
हमारे अपने जुगाड़ मास्टर भी किसी से कम नहीं हैं
वाह..बहुत बढिया.
रामराम.
वाह ! खूबसूरत ।
बढ़िया है सब, क्या आप मुझे finacle के नोट्स या यूज़र गाइड दिला सकते हैं!
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पढ़िए: सबसे दूर स्थित सुपरनोवा खोजा गया
बहुत बढिया.
क्या चिंदीचोरां चीजां हैं; उने लोगा को और कोई कामां नई है क्या…. पिंडेगी मेरी! मा की किरकिरी~!
जुगाड बढिया हैं!
बहुत ही अच्छी जानकारी दी आपने..
यह जानकारी अमूल्य है उनके लिए, जो बहुत पहुंचे हुए अविष्कारक नहीं है लकिन आँखों में एक सपना है और छोटे बजट में अपने सपने पूरा करना चाहते हैं,, कभी-कभी बहुत ही छोटा सा अविष्कार बहुत बड़ी सहूलियत बन जाता है, जैसे फ्रिज के ऊपर लगे हुए चुम्बक…या फिर पेपर क्लिप…
मुझे बहुत ही ज्यादा पसंद आई आपकी पोस्ट, उम्मीद है इसका भरपूर लाभ उठाएंगे कुछ तिक्ष्ण दीमाग..
ह्रदय से धन्यवाद….
रोचक जानकारी…..वैसे ये जानकारी पहले भी पढ़ चुके हैं एक ई-मेल के माध्यम से….इस तरह की ई-मेल्स अपने इन्बोक्स में काफी पड़ी हैं….कभी वक्त मिला तो सांझा करेंगे….
साभार
हमसफ़र यादों का…….
ये जो एनोनामस महोदय हैं ये इन्दौर से आये थे और 122.168.218.193 इस आई.पी. पते से आये थे। ये ऐसे ही गुस्सा होकर चले गये अरे भाई जरा अपना नाम पता तो बता देते।