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क्या ट्रम्प 1829 वाला दौर दुबारा ला रहे हैं?

अमेरिकी राजनीति में यह दौर असाधारण लग सकता है। विशेष रूप से डोनाल्ड ट्रम्प के आलोचक उन्हें अभूतपूर्व रूप से चित्रित कर रहे हैं। नवंबर का चुनाव युगों के बाद वापसी का था- एक ऐसे व्यक्ति की सत्ता में वापसी होती है, जो यह मानता है कि उसके प्रतिद्वंद्वी ने चार साल पहले उससे राष्ट्रपति पद छीन लिया था। उद्घाटन के लिए उमड़ी भीड़ से वाशिंगटन की सांस्कृतिक और राजनीतिक व्यवस्था स्तब्ध थी।

ट्रम्प ने अपने राष्ट्रपति पद के अधिकार का प्रयोग करने में बिल्कुल समय बर्बाद नहीं किया। उन्होंने राजनीति, मीडिया, व्यवसाय और संस्कृति में देश के अभिजात वर्ग पर तुरंत हमला किया। सत्ता-विरोधी लोगों को जो कि संघीय सेवा में कर्मचारी थे, उनको धड़ाधड़ निकालना शुरू कर दिया। ट्रम्प ने कामचोरी, धोखाधड़ी, दुरुपयोग और अक्षमता के आरोपों को उचित ठहराया।

राष्ट्रपति के इन कार्यों ने आलोचक मीडिया और राजनीतिक विरोधियों ने उन्हें एक राजा के रूप में चित्रित करने की कोशिश करी। उन्होंने डेनमार्क से शुरू करके विदेशी देशों के बहुत से नेताओं को नाराज़ किया – जहाँ उन्हें लगा कि कोई और देश अमेरिका में मिला लेना चाहिए। उन्होंने यह कहकर वैश्विक राय को और भड़का दिया कि पड़ोसी देश को राज्य बना दिया जाना चाहिए।

आर्थिक मोर्चे पर, उन्होंने उच्च टैरिफ का बचाव किया और ब्याज दरों को लेकर सेंट्रल बैंक को विरोध किया। लेकिन सच्चाई तो यह है कि जो कुछ भी ट्रम्प ने किया है, कुछ भी नया नहीं है। लगभग 200 साल पहले, एंड्रयू जैक्सन के रूप में अमेरिका ने यह सब पहले भी देखा है। 1828 में जैक्सन का चुनाव भी ऐसे ही हुआ था, जिन्होंने दावा किया था कि पिछले चुनाव में उन्हें “भ्रष्टाचार और सौदेबाज” के ग़लत संदेश हराया था।

1824 में, जैक्सन ने चार उम्मीदवारों की दौड़ में 40.5% जीत दर्ज करी, 24 राज्यों में से 11 पर कब्जा किया। लेकिन वे बहुमत से 32 इलेक्टर दूर थे। 47वें राष्ट्रपति कई मायनों में सातवें राष्ट्रपति की तरह हैं।

जब फरवरी 1825 में सदन में मत हुआ तो चार राज्य पलट गए जिन्होंने जैक्सन के विरोध में मतदान किया था। नवंबर में दूसरे स्थान पर रहे जॉन क्विंसी एडम्स ने 24 में से 13 राज्यों और व्हाइट हाउस पर कब्ज़ा कर लिया। जैक्सन ने कथित तौर पर कहा, “लोगों को” “धोखा दिया गया है”। “भ्रष्टाचार और षड्यंत्रों ने लोगों की इच्छा को हरा दिया।” उन्होंने चार साल बाद दक्षिण कैरोलिना के उप राष्ट्रपति जॉन कैलहॉन के साथ जीत दर्ज की।

जैक्सन के जीतने के समारोह के दौरान, जश्न मनाने वाले समर्थकों ने सड़कों को जाम कर दिया, कैपिटल को उनसे हाथ मिलाने के लिए भर दिया, फिर व्हाइट हाउस को घेर लिया। जैक्सन ने, श्री ट्रम्प की तरह, अपने समय की सरकार की निंदा की, 1824 में अपनी पत्नी से कहा कि वह “देश को लोकतंत्रवादियों के शासन से बचाएंगे।”

सत्ता संभालने के बाद, उन्होंने बहुत से सरकारी कर्मचारियों को तुरंत ही पद से हटा दिया, जैक्सन राष्ट्रपति पद की शक्ति बढ़ाना चाहते थे। उनके अत्याचारी कार्यों और कांग्रेस को नज़रअंदाज़ करने के कारण विरोधियों ने 1832 में उन्हें “राजा एंड्रयू प्रथम” कहकर प्रसिद्ध करने लगे, जो मुकुट और वस्त्र पहने हुए थे और राजदंड लिए हुए थे।

नेपोलोनिक युद्धों के दौरान जब्त किए गए अमेरिकी जहाजों के लिए लूट के दावों को लेकर उनका डेनमार्क और अन्य यूरोपीय शक्तियों के साथ विवाद हो गया। जैक्सन चाहते थे कि टेक्सास-जो 1836 में स्वतंत्रता की घोषणा करने से पहले मेक्सिको का हिस्सा था-एक राज्य बन जाए। उन्होंने “टैरिफ ऑफ़ एबोमिनेशन” की अध्यक्षता की, जो इतने अधिक थे कि 1832 में दक्षिण कैरोलिना ने उनसे अलग होने की धमकी दी। उन्होंने बैंक ऑफ़ अमेरिका की उच्च ब्याज दरों का कड़ा विरोध किया।

दोनों राष्ट्रपति आत्म-मुग्ध व्यक्तित्व वाले, कट्टर पक्षपाती और प्रतिशोध लेने वाले थे। लेकिन दोनों में उल्लेखनीय अंतर हैं। जैक्सन युद्ध नायक थे; ट्रम्प नहीं हैं। जैक्सन गरीबी में पैदा हुए थे, ट्रम्प अमीरी में। जैक्सन भ्रष्टाचार को रोकना चाहते थे; ट्रम्प को राष्ट्रपति-चुनाव के दौरान अपना स्वयं का क्रिप्टो जारी करने में कोई हिचक नहीं थी। जैक्सन ने राष्ट्रीय ऋणों का भुगतान किया; ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में इसमें भारी वृद्धि की।

जैक्सन ने लोकतंत्र का समर्थन किया और अधिक आर्थिक समानता के लिए काम किया। क्या ट्रम्प ऐसा करेंगे? समय बहुत अलग है और आज दांव पर भी बहुत कुछ लगा हुआ है। दुनिया आर्थिक रूप से बहुत अधिक परस्पर निर्भर और खतरनाक तरीके से चल रही है।

19वीं शताब्दी के मध्य में यूरोपीय शक्तियों के बीच युद्ध ने अमेरिका के लिए उतना खतरा पैदा नहीं किया था, जितना आज है। विशाल महासागर अब हमारी शांति और समृद्धि की गारंटी नहीं हैं। इन अतिरिक्त चुनौतियों के साथ, क्या राष्ट्रपति ट्रम्प अपने जैक्सनियन वादों को पूरा करेंगे? क्या सीमा की सुरक्षा पर उनकी प्रगति मुद्रास्फीति के अंत और सभी अमेरिकियों के लिए बढ़ती समृद्धि को आगे बढ़ा पायेंगे? क्या अमेरिका फिर से एक मजबूत, सम्मानित शक्ति के रूप में खड़ा होगा या कमजोर दिखाई देगा और अपना विश्वास बचा पायेगा? क्या संवैधानिक सुरक्षा व्यवस्था कायम रहेगी?

भारत में लेबर लॉ लचर हैं

हमारे भारत में लेबर लॉ को और कड़ा करने की व कड़ाई से पालन करवाने की जरूरत है।

एक महीने में 3 मौतें हो चुकी हैं।

  1. एना सेबस्टियन EY
  2. सदफ फातिमा Hdfc Bank
  3. तरुण Bajaj Finance

और भी ऐसे कई केस होंगे जो पता ही नहीं चले
आजकल काम की जगहों पर स्ट्रेस इतना है, कि जान की कीमत बहुत सस्ती हो गई है।

तरुण वर्क प्रेशर के चलते 45 दिन सो नहीं पाया और अंततः आत्महत्या कर ली।

जीवन कठिन है, पर अगर वर्क प्रेशर है तो काम छोड़ दीजिये, पर अपने जीवन की हत्या न करें, कोई न कोई रास्ता जरूर निकल आयेगा।

गूगल की मनमानी, सब्सक्रिप्शन फीस 50-60% बढ़ाई

Google अभी तक फैमिली प्लान के हर महीने ₹189 ले रहा था, अक्टूबर से ₹299 कर दिये, हमने गूगल की यह शर्त नहीं मानी और अपना सब्सक्रिप्शन कैंसल कर दिया।

क्यों मानें गूगल की शर्त, अब वीडियो के बीच में विज्ञापन आयेंगे, तो ठीक है भई देख लेंगे, अगर ज्यादा विज्ञापनों ने परेशान किया तो फिर रिन्यू करवाने की सोचेंगे।

पर ऐसी मनमानी भी गजब है कि भाव 50% से ज्यादा ही बढ़ा दिये, 10-20% समझ में भी आती है, लगता है कि गूगल भी खुद की भारत सरकार समझने लगा। कि कोई कुछ नहीं कहेगा।

ये कोई इनकम टैक्स थोड़े ही है कि गूगल जबरदस्ती हमसे ले लेगा, यह सेवा है जो हमारी मर्जी पर निर्भर करती है, नेटफ्लिक्स भारत में ज्यादा चल नहीं रहा था तो उसने अपने दाम कम कर दिये, पर गूगल के जलवे ही अलग हैं।

विकसित भारत कैसा होगा? कोई जबाब नहीं देता

इस बार स्वतंत्रता दिवस पर यह कितने ही लोगों से सुना कि जो संकल्प लिया है वह पूरा करेंगे – 2047 तक विकसित भारत।

मैंने पूछना चाहा पर ऐसा लगा कि जबाब कोई नहीं देना चाहता, बस लोग भी जुमला पसंद हो गये हैं।

विकसित भारत में क्या जनता भी आती है, या इस विकसित भारत का मतलब केवल अर्थव्यवस्था से कि हम नम्बर 1 बन जायेंगे, पर 80 क्या उस समय हम 100 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देंगे।

कैसा होगा विकसित भारत, इसकी संकल्पना में जनता कहीं है या केवल जनता से टैक्स वसूल कर विकसित भारत बनना है।

जनता के लिये, विकसित भारत के लिये क्या क्या जतन किये जा रहे हैं, उसका कहीं उदाहरण नहीं मिला।

  • नये सरकारी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं।
  • नये सरकारी चिकित्सालय खोले जा रहे हैं।
  • नये सरकारी परिवहनों को उतारा जा रहा है, उनकी देखभाल ठीक से हो रही है।
  • नये एयरपोर्ट्स तक सार्वजनिक परिवहनों की बढ़िया पहुँच है।
  • सड़कों पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिये, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाया जा रहा है।
  • नौकरियों के लिये युवाओं को भरपूर रोजगार के मौके मिल रहे हैं।
  • व्यापार को खोलने की जरूरी प्रक्रिया में क्या पारदर्शिता लाई जा रही है, कोई टाईम लिमिट सेट की गई है।
  • स्वच्छ हवा, स्वच्छ जल के लिये क्या किया जा रहा है।
  • बिजली 24 घण्टों मिले, इसके लिये क्या किया जा रहा है।

यह तो बहुत थोड़े से बिंदु हैं, इनकी सूची बहुत लंबी है, पर ऐसा कुछ हो रहा है जिससे लगे कि हम विकसित देश बन पायेंगे, अब केवल 22 साल ही बचे हैं 2047 आने में, 2024 तो गिन ही नहीं रहे क्योंकि लगभग निकल ही चुका है।

विकसितभारत

Limitless Review

Book – Limitless
Writer – Radhika Gupta

जब राधिका गुप्ता को मैंने पहली बार शार्क टैंक में देखा और आत्मविश्वास से भरपूर आवाज सुनी तो अच्छा लगा, फिर किसी पॉडकास्ट में सुन रहा था तो पता चला कि इन्होंने एक किताब भी लिखी है, पर इस पॉडकास्ट में राधिका नहीं थीं, किसी और ने इस किताब का नाम लिया था। सोचा चलो पढ़ते हैं, देखते हैं कि एक एंटरप्रेन्योर की यात्रा कैसी रही और उनके क्या अनुभव रहे।

हम किंडल पर पढ़ते हैं, किताब में अब वह फील नहीं आती, आदत की बात है।

किताब में बहुत ही अच्छे से कई महत्वपूर्ण चीजों को विस्तार में लिखा गया है, क्यों कुछ चीजें जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं, डर सबको लगता है, पर जीत आपको ही पाना होगी। मुझे लगता था हो upenn से पढ़ा है, उसको कैसा डर, पर पता चला डर तो उसको भी था। जीवन में कभी कोई मौका न छोड़ना, आपको लग रहा है कि इतने सारे लोगों में मेरा ही क्यों होगा, पर हो सकता है कि वह मौका केवल आपके लिये ही हो।

रिजेक्शन, हर कोई रिजेक्ट होता है और उससे तकलीफ होती है, पर हार न मानकर बस आप गैंडे की खाल पहनकर परिस्थितियों का सामना करते जाओ, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। हाँ बचपन से अपने अंदर कोई न कोई एक शौक जरूर रखें और उस शौक को पैशन जैसा जीवन में रखें।

कितनी रिस्क कहाँ लेनी चाहिये, छोटी छोटी चीजें कैसे आपके लिये पावरफुल हो सकती हैं। हर बार दुनिया ही यही नहीं होती, आपको अपने लिये दुनिया को ठीक करना होता है।

नेटवर्किंग क्यों जरूरी है, इसके क्या फायदे होते हैं, इसके बारे में विस्तार से उदाहरणों के साथ लिखा है, जॉब क्यों बदलना चाहिये, पैसे के बारे में कैसे सोचना चाहिये, अगर आपको इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के हिसाब से पैसे कम मिलते हैं, तो भी कोई बात नहीं, जब तक कि आपको लगता है कि अब ज्यादा ही फायदा उठाया जा रहा है।

कैसे कुछ लोग वर्क लाइफ बेलेंस की जगह अब इंटीग्रेशन की बात कर रहे हैं, जिससे वे परिवार और ऑफिस के बीच सामंजस्य बनाये रख सकें।

मुझे लगता है कि उन चंद क़िताबों में से है, जिसे सभी लोगों को पढ़ना चाहिये, खासकर जो बच्चे अपनी प्रोफेशनल लाईफ शुरू करने जा रहे हैं।

इक्विटी म्युचुअल फंड क्या होते हैं? और इक्विटी म्युचुअल फंड कितने प्रकार कर होते हैं? कुछ इक्विटी म्युचुअल फंड के नाम बताइये।

इक्विटी म्युचुअल फंड एक प्रकार का म्युचुअल फंड होता है जिसमें अधिकांश निवेश कॉरपोरेट्स के इक्विटी शेयरों में किया जाता है। इसमें स्टॉक मार्केट में प्रतिभूति के माध्यम से पैसे को निवेश किया जाता है।

इक्विटी म्युचुअल फंड के प्रमुख प्रकार होते हैं:

  • Large-cap funds (लार्ज-कैप म्युचुअल फंड): संस्थानों के समूहों के साथ संबंधित बड़ी कंपनियों में पैसे को निवेश करते हैं।
  • Mid-cap funds (मिड-कैप म्युचुअल फंड): संस्थानों के समूहों के साथ संबंधित मध्यम कंपनियों में पैसे को निवेश करते हैं।
  • Small-cap funds (स्मॉल-कैप म्युचुअल फंड): संस्थानों के समूहों के साथ संबंधित छोटी कंपनियों में पैसे को निवेश करते हैं 1

म्युचुअल फंड क्या होते हैं? और कितने प्रकार के म्युचुअल फंड होते हैं?

म्युचुअल फंड एक सामूहिक निवेश होता है। इसमें कई लोग अपना पैसा निवेश करते हैं और इस जमा धन से म्युचुअल फंड कंपनी (एसेट मैनेजमेंट कंपनी या ए.एम.सी) विभिन्न सिक्योरिटिपज जैसे स्टॉक्स, बॉन्ड्स आदि में निवेश करती है। निवेशित राशि के अनुसार, निवेशकों को म्युचुअल फंड का हिस्सा या यूनिट प्राप्त होता है।

म्युचुअल फंड के प्रमुख प्रकार होते हैं:

  • Equity funds (इक्विटी म्युचुअल फंड): स्टॉक मार्केट में प्रतिभूति के माध्यम से पैसे को निवेश करते हैं।
  • Debt funds (डेब्‍ट म्युचुअल फंड): सुरक्षित संपत्ति में पैसे को निवेश करते हैं।
  • Hybrid funds (हाइब्रिड म्युचुअल फंड): स्टॉक मार्केट में प्रतिभूति के साथ सुरक्षित संपत्ति में पैसे को निवेश करते हैं।
  • Money market funds (मनी मार्केट म्युचुअल फंड): सुरक्षित संपत्ति में पैसे को निवेश करते हैं, 12 महीनों से कम समय के लिए उपयुक्‍त होते हैं.
  • Index funds (इंडेक्‍स म्युचुअल फंड): स्‍पी500, Nifty50, Sensex50, BSE100, BSE200, BSE500, Nifty Midcap 100, Nifty Smallcap 100, Nifty Next 50, Nifty Midcap 50, Nifty Smallcap 50, Nifty Midcap 150, Nifty Smallcap 250, Nifty LargeMidcap 250, Nifty Midcap Liquid 15 Indexes etc. में प्रतिभूति के माध्‍यम से पैसे का निवेश करते हैं।

अपने अपने खतरे और iskcon मंदिर

स्वास्थ्य ठीक रखना हम सबका अपने शरीर के प्रति सबसे प्रथम कर्तव्य है, परंतु हम इसमें बहुत लापरवाही बरतते हैं। हम हमेशा ज्ञान तो बहुत देते हैं, लेकिन पिछले 3 सालों से लगातार लापरवाही चल रही है। जिसके चलते वजन ज्यादा बढ़ गया है और बीपी भी अभी कंट्रोल में नहीं है। कभी-कभी ऐसा लगता है कि मैं हार्ट अटैक के बाद हॉस्पिटल में आईसीयू में भर्ती हूँ, और सारे परिवार जन मुझे लेकर चिंतित हैं। उसी समय मेरी निद्रा टूट जाती है और फिर से मैं संकल्प ले लेता हूं कि अब तो ठीक हो कर ही रहूँगा।

अपने ना रह पाने की स्थिति में अपने परिवार जनों के चेहरे देख पाना बहुत मुश्किल लगता है, परंतु जीवन इसी का नाम है यह चलता ही रहता है। वैसे तो अपने आप को वित्तीय क्षेत्र में थोड़ा बहुत समझदार मानते हैं परंतु फिर भी कई बार ऐसा लगता है कि बहुत सारी चीजों से अनजान हैं, पर सब कुछ जान लेना भी संभव नहीं है। इसलिए जितना हो सके इतना तो जान ही लेते हैं और परिवारजनों को भी उसकी जानकारी दे देते हैं। सभी को अपने ऐसेट ओर लायबिलिटी की जानकारी अपने परिवार जनों से शेयर करनी चाहिए, जिससे आकस्मिक परिस्थिति में उनको सहायता हो सके और वह आगे का जीवन ठीक से गुजार सकें

पिछले 3 दिनों से घूमना बंद था काम का लोड ज्यादा था, पर आज फिर यह विचार आते ही वापस से सुबह 3 किलोमीटर घूम आए साथ ही तीन बार एनिमा भी ले लिया। जिससे तत्काल ही बीपी कंट्रोल में आ गया है। अब अपना वजन कम करना है, जिससे कि बीपी कंट्रोल में रहे और वजन कम हो सके। सुबह घूमने के अनुभव पर एक अलग ब्लॉग लिखने का मन है इसलिए यहां पर नहीं लिख रहा हूँ।

एनिमा लेना सुबह और शाम जारी रखेंगे, जिससे एकदम से बीपी में आराम मिलेगा, साथ ही मुँह पर भी टेप चिपकाकर कंट्रोल करेंगे। पर आज भी हो नहीं पाया, सुबह iskcon मंदिर गये थे और दर्शन करने के बाद निकलते समय उनकी केंटीन में गरमा गरम समोसे आये थे, तो अपने आपको कैसे रोकते, और खा लिये। गरम गरम समोसे खाते हुए ग्लानि भी हो रही थी, पर स्वाद बढ़िया था।

परेशानी, शेयर बाजार कमाई और सीखने की चाहत

आज बड़ी परेशानी हुई, ऑफिस का लेपटॉप अचानक ही क्रेश हो गया, मतलब कि लेपटॉप चार्ज ही नहीं हो रहा था और कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट बनाने थे, जिस पर एक बड़ी मीटिंग शेड्यूल थी। डॉक्यूमेंट में आलमोस्ट सारी चीजें अपडेट कर चुके थे, और onedrive पर सिंक हो गई, यह एक बढ़िया बात रही। हमने क्रेश होने के बाद मोबाइल पर onedrive डाऊनलोड करा और अपने सहकर्मियों को शेयर कर दिया। जिससे फायदा यह हुआ कि मीटिंग री शेड्यूल नहीं करना पड़ी। हाँ अपने बॉस को जरूर अपडेट कर दिया था और कंपनी के IS टीम के साथ टिकट खोला और फिर पता चला कि वे कुछ नहीं कर सकते, लेपटॉप अभी वारंटी में है तो लेपटॉप कंपनी से टिकट ओपन किया गया और अब वो हमारे घर पर आकर कुछ पार्ट बदलेगा।

बाद में लेपटॉप कंपनी वालों का फोन आया, और उन्होंने बताया कि हम मोबाईल के सी टाइप चार्जर से भी चार्ज करके देख सकते हैं, हमने मोबाईल के चार्जर से चार्ज करके देखा तो थोड़ा बहुत चार्ज हो गया। पर चार्जिंग बहुत ही धीमी हो रही है। अब लेपटॉप कम्पनी वाला परसों आयेगा और लेपटॉप का चार्जिंग पोर्ट बदलेगा। तब तक मोबाईल के चार्जर से ही काम चलाना पड़ेगा। लेपटॉप का सी टाइप चार्जर मिल जाये, इसका जुगाड़ भी जारी है। वहीं अगर यह काम नहीं हुआ तो कंपनी डॉकिंग स्टेशन भेजेगी।

पर एक छोटी सी चीज खराब होने से बहुत ही समस्या हो जाती है, और दिनभर का शेड्यूल बिगड़ जाता है, बहुत सारा काम था, पर दिमाग में काम की बजाय यही चल रहा था कि अब काम कैसे चलेगा। ऐसी परेशानियों को झेलना मुश्किल होता है।

वहीं परसों मंथली एक्सपायरी है और एक डील गलत होने से अपना 4% का प्रॉफिट चला गया, फिर भी 1% प्रॉफिट इस महीने का रहेगा। अब शेयर बाजार में यह सब तो चलता ही रहता है। अब vix जब थोड़ी ज्यादा होगी तो ऑप्शन की प्रीमियम भी ज्यादा बेचने को मिलेगी। फेसबुक पर एक मित्र ने अपनी पोस्ट में ऑप्शन बेचने का लिखा था, हमने उनकी पोस्ट पर कमेंट किया कि You are on right track, just use 3 months support and resistance and sell strangle for safe side, vix is important factor. No need to learn from anywhere, just do your paper trade. And soon you will be able to earn minimum 3 to 6% monthly on your capital with risk management.

अब उनको सीखने में मदद भी कर रहा हूँ, देखते हैं कि हम कितना सिखा पाते हैं और वे कितना सीख पाते हैं। मुझे ऐसे लोग पसंद आते हैं जो सीखने की कोशिश करते हैं, न कि टिप्स के पीछे भागते हैं। कल ही एक मित्र को कह रहा था कि कोई अगर 10 लाख से यह काम शुरू करे तो 30 हजार रुपये हर महीने के आराम से रिस्क मैनेज करके कमा सकता है, बस सीखना पड़ेगा और बाजार स्व कमाने की जल्दीबाजी न करे। वहीं इससे ज्यादा कमाई का सोचा तो रिस्क मैनेज नहीं कर पायेंगे। साल का 40% रिटर्न अपने कैपिटल पर बहुत बढ़िया होता है। पर पब्लिक को तो रातों रात अमीर बनना होता है, और फिर शेयर बाजार को सट्टा बाजार कहते हैं, उन पर तरस आता है।

Iron Condor Adjustment

Iron Condor adjustment strategy कैसे बनायें

Iron Condor में adjustment करके हम अपनी risk बेहतर तरीके से manage करते हैं, यहाँ हमने may 2022 की expiry के strikes लिये हैं और यहाँ आप देख सकते हैं कि probability of profit 63% है। Iron Condor में एक ही समस्या है कि आपका Risk & Reward ratio बहुत ज्यादा है, अगर हम दो बार profit में रहते हैं और केवल एक बार loss करते हैं तो हमारा profit तो जायेगा ही साथ ही जेब का पैसा भी जायेगा।

अब हम देखेंगे कि इस Iron Condor में adjustments से कैसे अपने capital को protect करें। ध्यान रखें कि Adjustment के लिये हमें और पैसा चाहिये होगा, अगर आपके पास और capital नहीं है तो आपको अपनी positions को roll up या roll down करना होगा।

अगर Nifty तेज़ी से नीचे गिर रहा है तो यहाँ आप roll down कर सकते हैं, मतलब कि अपनी Call positions को और नीचे ले आयेंगे, वैसे ही अगर Nifty तेजी से बढ़ रहा है तो आप अपनी Put positions को ऊपर की ओर ले जायेंगे।

लेकिन जब हम कोई भी Strategy पर काम करते हैं, तो हमारे दिमाग़ में हमेशा ही adjustment strategy रहना चाहिये, यहाँ इस Iron condor में जब तक Nifty 16500 & 17700 के बीच में रहता है तो चिंता करने की कोई जरूरत ही नहीं है, क्योंकि उस समय तक आपकी दोनों legs में आपको profit हो रहा होगा, Time Value decay के कारण। पर जैसे ही Nifty 17700 के ऊपर जाता है तो आप put की 16500 PE और 16000 PE positions को close करके और ऊपर की तरफ shift कर देंगे, मतलब कि 17000PE बेच देंगे और 16500 PE खरीद लेंगे।

अगर फिर भी Nifty continuous ऊपर की ओर जा रहा है, और 18200 Cross करने पर आ गया है तो आप 17000PE और 16500 PE position को और ऊपर shift करे देंगे। मतलब कि 17700PE & 17200PE। पर हमेशा ध्यान रखें कि हमें अपने Iron Condor को ITM याने कि In the money में जाने का इंतजार नहीं करना है। मतलब कि Adjustment 18200 के पहले ही कर लेना है, 18200 के cross करने का इंतजार नहीं करना है।और यहाँ Call के loss बुक करके और 300 या 500 strike ऊपर की position बना लेना है।

समस्या तब होती है जब Nifty जब थोड़ा ऊपर जाता है और हम अपनी position accordingly move करते हैं और फिर Nifty अगर crash कर दिया तो इसमें trap होने के chances ज्यादा होते हैं। इसके लिये हमें बाजार को मोटे तौर पर पढ़ना भी आना चाहिये, कि बाजार में क्या हो रहा है, जिससे उसकी range कितनी बढ़ सकती है और कितना move कर सकती है।