इस बार स्वतंत्रता दिवस पर यह कितने ही लोगों से सुना कि जो संकल्प लिया है वह पूरा करेंगे – 2047 तक विकसित भारत।
मैंने पूछना चाहा पर ऐसा लगा कि जबाब कोई नहीं देना चाहता, बस लोग भी जुमला पसंद हो गये हैं।
विकसित भारत में क्या जनता भी आती है, या इस विकसित भारत का मतलब केवल अर्थव्यवस्था से कि हम नम्बर 1 बन जायेंगे, पर 80 क्या उस समय हम 100 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देंगे।
कैसा होगा विकसित भारत, इसकी संकल्पना में जनता कहीं है या केवल जनता से टैक्स वसूल कर विकसित भारत बनना है।
जनता के लिये, विकसित भारत के लिये क्या क्या जतन किये जा रहे हैं, उसका कहीं उदाहरण नहीं मिला।
- नये सरकारी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं।
- नये सरकारी चिकित्सालय खोले जा रहे हैं।
- नये सरकारी परिवहनों को उतारा जा रहा है, उनकी देखभाल ठीक से हो रही है।
- नये एयरपोर्ट्स तक सार्वजनिक परिवहनों की बढ़िया पहुँच है।
- सड़कों पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिये, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाया जा रहा है।
- नौकरियों के लिये युवाओं को भरपूर रोजगार के मौके मिल रहे हैं।
- व्यापार को खोलने की जरूरी प्रक्रिया में क्या पारदर्शिता लाई जा रही है, कोई टाईम लिमिट सेट की गई है।
- स्वच्छ हवा, स्वच्छ जल के लिये क्या किया जा रहा है।
- बिजली 24 घण्टों मिले, इसके लिये क्या किया जा रहा है।
यह तो बहुत थोड़े से बिंदु हैं, इनकी सूची बहुत लंबी है, पर ऐसा कुछ हो रहा है जिससे लगे कि हम विकसित देश बन पायेंगे, अब केवल 22 साल ही बचे हैं 2047 आने में, 2024 तो गिन ही नहीं रहे क्योंकि लगभग निकल ही चुका है।