अनंत चतुर्दशी पर वैसे तो मुँबई में छुट्टी का ही माहौल रहता है, गणपति उत्सव मुँबई का सबसे बड़ा त्यौहार होता है। भीड़ और उनकी श्रद्धा और उनकी भक्ति देखते ही रह जायेंगे। छोटे बड़े गणपति मुँबई के रास्तों से अपने विसर्जन स्थलों पर रवाना हो गये हैं, गणपति विसर्जन के लिये २ बजे से निकलना शुरु हो गये थे, हम अपने ऑफ़िस से निकलने में थोड़ा लेट
हो गये, करीबन ५ बजे निकले फ़िर करीबन ४५ मिनिट बाद ऑटो मिला और फ़िर एक घंटे में ट्रेफ़िक के कारण बड़ी मुश्किल से घर पहुँचे। लगता था जैसे जनसैलाब सड़कों पर उमड़ आया है, सड़कों पर दौड़ने वाले वाहन तो जैसे गायब ही हो गये।
बस हर जगह गणपति विसर्जन के लिये जाते हुए लोगों के हुजूम, गुलाल से सारोबार, डांस करते हुए, बड़े बड़े स्पीकर के साथ वाहन और कई जगह प्रसाद बँट रहा था उसके लिये लंबी लगी हुई लाईन और जगह जगह स्वागत मंच। बचपन से लेकर पचपन से ज्यादा तक के लोग पूरे आनंद के साथ भाग ले रहे हैं।
सप्तमी पर हम लोग दादार चौपाटी पर गणपती विसर्जन देखने गये थे, उस दिन गौरी गणपति था और बहुत संख्या में लोग पहुँचे थे। बड़े तामझाम के साथ मंडल अपने गणपति को लेकर जा रहे थे, एक मंडल में तो बहुत बड़े ड्रम लड़के और लड़कियाँ अपने कमर पर बाँध कर बजा रहे थे हम तो देखकर ही दंग रह गये। उनके पीछे लेझिम के साथ नृत्य करते हुए लोग।
कुछ फ़ोटो मैंने अपने मोबाईल से खींचे हैं फ़ोटो क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं है, फ़िर भी देखिये –
गणपति विसर्जन के लिये ले जाते हुए
सड़कों पर भीड़
वर्ली सी लिंक ब्रिज दादर चौपाटी से
ट्रेफ़िक