हम बहुत दिनों से देख रहे हैं कि सारे चिट्ठाचर्चा वाले चर्चाकार शायद हमसे नाराज हैं क्यों, क्योंकि हमें लगता है कि सब हमसे नाराज हैं, क्योंकि हमारे ब्लॉग की लिंक ही नहीं दी जा रही है। हमें लगता है कि यह हमें नहीं कहना चाहिये पर फ़िर भी आज पता नहीं क्यों फ़िर भी कह ही रहे हैं। हाँ भई हम कोई प्रसिद्ध ब्लॉगर तो नहीं फ़िर भी ब्लॉगर तो हैं, कुछ हमारे रोज के पाठक तो हैं ही जो कि हमें ब्लॉग लिखने के लिये प्रेरित करता है, अब देखते हैं कि आखिर हमें ये चर्चाकार कब तक इग्नोर करते हैं।
ब्लॉगर भले ही उम्र में बढ़े होते हैं पर फ़िर भी हमेशा यही मन करता है कि हमारी चर्चा कहीं न कहीं हो, क्योंकि कहीं न कहीं मन बालसुलभ या हठी होता है। सोचा था कि कभी भी यह बात न बोलेंगे और चुपचाप ब्लॉगरी करते रहेंगे। पर पता नहीं आज जब विन्डोज लाईव राईटर खोला ब्लॉग लिखने के लिये तो अपने आप ही कीबोर्ड पर ऊँगलियाँ चलने लगीं और यह सब लिख दिया।