आपके डेस्कटॉप पर कितना कचरा है और कितनी काम की फ़ाईले हैं, उसमें कितनी सार्वजनिक हैं, कितनी निजी हैं, कितनी गोपनीय और कितनी अतिगोपनीय हैं। क्या कभी सोचा है ?
सोचा भी है तो कभी ध्यान नहीं दिया, कभी अपना परीक्षा का एन्ट्री टिकट की पी.डी.एफ़. फ़ाईल छोड़ दी, कभी कोई महत्वपूर्ण दस्तावेज काम करते करते डेस्कटॉप पर छोड़ दिया, अपने वित्तीय आंकड़ों को छोड़ दिया। अपने कुछ निजी चित्र जो कि शायद किसी से भी शेयर नहीं करना थे, वे डेस्कटॉप पर ही कॉपी करके छोड़ दिये हैं।
हम बहुत ही ज्यादा आलसी नहीं हैं ? अपने काम के महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संभालने में ? सोचिये अगर ढंग से जमाया जाये तो कितना समय लगेगा। अरे १ मिनिट ज्यादा लगेगा, परंतु हम इधर से उधर घूमना, गप्पें मारने में वो एक मिनिट गंवाना उचित समझते हैं। परंतु दस्तावेजीकरण में नहीं।
डेस्कटॉप पर कई बार कुछ फ़ाईलें ऐसी होती हैं, जो किसी एक आदमी को न बतानी हो और वो ही आपके कम्प्य़ूटर पर आकर बैठ जाये और गलती से उसकी नजर उस फ़ाईल पर पढ़ जाये, और वो खोल ले तो !!! आप तो संकोच के मारे मरे ही जा रहे हैं, तो ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिये १ मिनिट बहुत जरुरी है।
अगर कोई जरुरी फ़ाईल ढ़ूँढ़नी है, तो नहीं मिलेगी क्योंकि आपको याद ही नहीं है कि वह फ़ाईल कहाँ सेव कर दी है, फ़िर ढूँढते रहेंगे और अपना कीमती वक्त बर्बाद करते रहेंगे। नहीं !!!
अगर सभी श्रेणियों के फ़ोल्डर एक फ़ोल्डर के अंदर बनाकर अच्छे से दस्तावेजीकरण कर दिया जाये तो वक्त की बचत भी होगी और एक तरह के दस्तावेज एकदम मिलेंगे।
जैसे ओफ़िस का एक फ़ोल्डर बना लिया – फ़िर अलग अलग प्रोजेक्ट के फ़ोल्डर, और निजी नाम से एक और भी जरुरत के अनुसार और फ़िर प्रोजेक्ट फ़ोल्डर में जरुरत अनुसार फ़ोल्डर बना सकते हैं, जिससे जब किसी प्रोजेक्ट की फ़ाईल की जरुरत हो तो एकदम से उस फ़ोल्डर में जाकर मिल पाये।
थोड़े से आत्मअनुशासन से अपने गोपनीय दस्तावेजों की गोपनीयता बचा सकते हैं। अब खुद देखिये कि आपके डेस्कटॉप पर कोई ओर बैठ जाये तो कौन कौन सी फ़ाईलें नहीं दिखना चाहिये, तो शुरु हो जाईये अपना डेस्कटॉप की फ़ाईलों को करीने से लगाने में, बात मानिये पहली बार १० मिनिट से ज्यादा नहीं लगेंगे। और ज्यादा सुखी और खुशी महसूस करेंगे।