आज सुबह मैं अपने ब्लॉग पर ही विचरण कर रहा था कि एकाएक ब्लॉगवाणी का कोड वापिस से नजर आ गया और फ़िर ब्लॉगवाणी साईट खोली तो वापिस से वह अपनी जगह पर अपनी नई पोस्टों के साथ हमारा मुस्कराकर अभिवादन कर रही थी।
बधाई हो ब्लॉगवाणी के संचालको आपको कि आपने हिन्दी के प्रति प्रेम और सम्मान प्रदर्शित किया और हिन्दी ब्लॉगजगत के आव्हान पर आप वापिस से ब्लॉगवाणी को ले आये। आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
एक विनम्र निवेदन है कि ऐसे बुरा न मानें यह तो समाज है और इसमें हरेक तरह के लोग होते हैं अगर गुण्डे न होंगे तो पुलिस की जरुरत ही न होगी उससे पता नहीं कितने लोगों की रोजी रोटी पर असर पड़ेगा। कृप्या अपना बड़्प्पन बनाये रखें।
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