मुझे मच्छर बचपन से ही पसंद थे, क्योंकि मेरे लिये तो ये छोटे से हैलीकॉप्टर थे जो मेरे इर्द गिर्द घूमते रहते थे। हैलीकॉप्टर तो केवल कभी कभी आसमान में दिखते थे, मुझे याद है जब होश सँभाला था और पहली बार हैलीकॉप्टर देखा था तो वो किचन और बाथरूम के बीच एक जाल डला हुआ मेरा छोटा आसमान था, वहाँ से देखा था, मैं उसके बाद हमेशा ही उस आसमान में ताकता रहता था, क्योंकि मुझे हमेशा से ही उम्मीद रहती कि मेरे छोटे से आसमान में फिर से कोई हैलीकॉप्टर उड़ता हुआ आयेगा। मुझे तो उस समय यह भी कभी कभी ध्यान नहीं रहता कि मेरा छोटा सा आसमान उस बड़े से आसमान का ही एक हिस्सा है। मैंने अपना एक छोटा सा आसमान बना लिया था। Continue reading मेरा छोटा आसमान
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मरना क्या होता है, अजीब सा प्रश्न है
मरना क्या होता है, अजीब सा प्रश्न है, परंतु बहुत खोज करने वाला विषय भी है क्योकि सबको केवल जीवन का अनुभव होता है, मरने का नहीं। सोचता हूँ कि काश मरने का अनुभव रखने वाले भी इस दुनिया में बहुत से लोग होते तो पता रहता कि क्या क्या तकलीफें होती हैं, जीवन से मरने के दौरान किन पायदानों से गुजरना पड़ता है। जैसे जीवन के दर्द होते हैं, शायद मरने के भी कई दर्द होते होंगे, जैसे हम कहते हैं कि वह तो अपनी किस्मत पैदा होने के साथ ही लिखवा कर लाया है, तो वैसे ही शायद मरने के बाद के भी कुछ वाक्य होते होंगे, कि मरने के समय ही अपनी किस्मत लिखवा कर लाया है।
अनजान
मैं पता नहीं कितनी बातों से अपनी जिंदगी में अनजान हूँ, यही सोचता रहता हूँ। अपनी कल्पनाओं में पता नहीं क्या क्या अनजाना से बुनता रहता हूँ, मैं हर घटना और हर वस्तु के बारे में अनजान हूँ और अनजान हूँ तभी तो मैं उनके प्रति जानने के लिये जिज्ञासु हूँ। मैं हर नकारात्मक और सकारात्मक पहलू से अनजान हूँ, मैं पक्षियों की बोली से भी अनजान हूँ, मुझे तो केवल कोयल की कूक और कौवे की कर्कश आवाज ही पता है, बाकी के पक्षियों की आवाजों को मैं नहीं पहचान पाता।
अनजान होना मतलब यह नहीं कि मैं जानना नहीं चाहता, पर मेरे दायरे ही उतने हैं, और मैं हमेशा अपने दायरे की चीजों को ही जान पाया। दायरा शायद सबके इर्द गिर्द होता है, जो किसी को दिखता है किसी को महसूस होता है और किसी को पता ही नहीं चलता। जैसा शायद मेरे साथ, पहले दायरा पता नहीं चलता था, पर अब मैं अपने दायरों को मूर्त रूप से देख पाता हूँ, इसलिये चुपचाप उन चीजों को ही जान लेना बेहतर समझता हूँ, जो उन दायरों को लिये फायदेमंद हों। Continue reading अनजान
मोटापा कम करना और कमजोरी – समझिये
मोटापा कम करना इतना आसान भी नहीं है, जब आप मोटापा कम करेंगे तो मोटापा जायेगा और कमजोरी आयेगी। इसीलिये बहुत सारे तत्वों का समावेश मोटापा घटाने के घरेलू उपाय में किया गया है। हर दिन आपको यह उपाय शायद बहुत ही कठिन लगे, परंतु धीरे धीरे आप पायेंगे कि आपकी आदत बन चुकी है, और आप हर दिन अपना वजन कम पायेंगे जो कि बहुत ही जल्दी आपको विश्वास दिलाता है कि हाँ आप अपने मोटापे को घटाने की और अग्रसर हैं।
मोटापा कम करना के पहले के भाग – (आगे पढ़ने से पहले यह जरूर पढ़ें) –
मोटापा कम कैसे किया जाये – मेरा अनुभव 20 किलो कम करने का Continue reading मोटापा कम करना और कमजोरी – समझिये
मोटापा घटाने का घरेलू उपाय – मोटापा कम कैसे किया जाये
हमने अभी तक बात की कि मोटापा कैसे कम किया जाये, खाने का सही तरीका क्या हो और पानी कैसे पिया जाये। अब मैं आपको मोटापा घटाने का घरेलू उपाय के बारे में बताऊँगा, जिसका शायद सबको ही इंतजार है, इस पोस्ट के बाद इस डाईट क्या फायदे आपको होंगे और मेरे अपने अनुभव भी साझा करूँगा, जिससे आप सबको भी बहुत सी बातें पता चलेंगी और आपके लिये वे बातें मददगार साबित होंगी। इस डाईट को शुरू करने के 15 दिनों बाद ही आप अपने डॉक्टर से अपना अवश्य ही मिलें क्योंकि इस डाईट से आपका शरीर बिल्कुल प्राकृतिक तरीके से शुद्ध होने लगेगा और जो भी दवाईयाँ आप ले रहे हों खासकर कि कोलोस्ट्रॉल, उच्च रक्ताचाप और मधुमेह की तो शायद आपकी दवाईयों के डोज की मात्रा आपके डॉक्टर कम करें। Continue reading मोटापा घटाने का घरेलू उपाय – मोटापा कम कैसे किया जाये
मोटापा कम कैसे किया जाये – पानी कैसे पिया जाये
मोटापा कम कैसे किया जाये पर हमने अभी तक बात की कि मोटापा कम करने के प्रचलित तरीके क्या हैं और खाना कैसे खाना चाहिये, अब हम बात करेंगे कि पानी कैसे पिया जाये या पेय पदार्थों का सेवन कैसे किया जाये। जैसे हमारी पाचन क्रिया में भोजन को बत्तीस बार चबाना बहुत ही महत्वपूर्ण है वैसे ही पानी कैसे पिया जाये भी बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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मोटापा कम कैसे किया जाये – खाने का सही तरीका
वजन कम कैसे करें के लिये अगली मुख्य बात है खान पान के तरीके में बदलाव करना याने कि खाने का सही तरीका सीखना। जब हम सही तरीके से खाना खायेंगे या पेय पदार्थ पियेंगे तभी शरीर को ज्यादा फायदा होगा। मैं यहाँ पर कोई बहुत ही ज्यादा आधुनिक बातों को आपसे साझा नहीं करने वाला हूँ, मैंने जो भी किया है वह सब वैज्ञानिक तरीके से सही है और हमारे पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने में सहायता करता है, जिससे हमारा शरीर सही तत्वों को पाता है।
पहला भाग – (आगे पढ़ने से पहले यह जरूर पढ़ें) –
मोटापा कम कैसे किया जाये – मेरा अनुभव 20 किलो कम करने का
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मोटापा कम कैसे किया जाये – मेरा अनुभव 20 किलो कम करने का
खुद पर भरोसा, आत्मनियंत्रण, आत्मसंयम, अनुशासन से क्या नहीं पाया जा सकता, मैं बरसों से बढ़े हुए वजन से परेशान था, पर कई वर्षों से जतन भी कर रहा था किसी भी तरह से मोटापा कम हो जाये, परंतु कभी किसी विधि में सफलता नहीं मिल पायी, कभी कमजोरी आ गई तो कभी थकान ने परेशान किया। विश्व में 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग मोटापे से परेशान हैं और हर कोई मोटापा कम कैसे किया जाये के उपाय ढ़ूँढ़ता रहता है, हम भी कई बरसों से ऐसे ही मोटापा कम कैसे किया जाये के उपाय ढ़ूँढ़ रहे थे। Continue reading मोटापा कम कैसे किया जाये – मेरा अनुभव 20 किलो कम करने का
समाज में आवारा हवाओं के रुख
में फर्क करना सिखाया है। कुछ लोग हमारा दुपट्टा थोड़ा से खिसकने पर भी अपनी बहिन या बेटी मानकर हमें आँखों से ही आगाह कर देते हैं, पर ऐसे लोग समाज ने कम ही बनाये हैं। अधिकतर लोग दुर्दांत भेड़िये होते हैं जिन्हें तो बस अपनी आँखों में लड़की गरम माँस का लोथड़ा लगती है, कब मौका मिले और कब वे उसे उठायें और कच्चा ही खा जायें। लड़की जितनी असुरक्षित बाहर है उतनी ही घर में, जितने भी वहशीपन के किस्से सामने आते हैं, वे जान पहचान वालों के ज्यादा होते हैं।
नहीं आपको पता कैसे चलेगा”
पायें और अपनी कमजोरी को उनका हथियार न बनने दें।
नहीं हूँ, बहुत हिम्मती हूँ
परिवार से, उनके लिये ही डरती हूँ
हमारे हिस्से में क्यों लिखा है
आवारा हवाओं पर समाज का काबू नहीं है
हवाएँ हमें छूने से परहेज करेंगी
हवाओं का रुख बदलेगा
की दीवारें इन्हें रोकेंगी
साफ होंगी
हवाओं से घुटन खत्म होगी
बदलेंगी,
साँस ले पायेंगे ।
हैं कि उसके सपने पूरे हों, हम कभी भी परेशान नहीं करेंगे”
की इच्छा हो रही थी, किसी ने मेरे सारे सपनों को क्षणभर में ही कुचल दिया था। कहीं कोई दूर काश मेरे लिये भी कोई सपनीली दुनिया होती जहाँ मैं अपने सारे अरमानों और सपनों को पूरा कर सकती। यह केवल मेरा चेहरा ही नहीं मेरी आत्मा जल रही थी, जल के छलनी छलनी हो रही थी, क्यों ये सब हमें भोगना पड़ता है, किसी ने तेजाब का इस तरह का उपयोग क्यों करना शुरू किया, इतनी जलन कि मेरे चेहरे के रोम रोम से मेरे माँस के पल पल बहने का अहसास और तेज हो रहा था, अंदर तक उस तेजाब की आग भभक रही थी, और चारों तरफ बेचारी लड़की के सांत्वना वाले शब्दों को मैं सुन पा रही थी। ऊफ्फ मेरे चारों तरफ एक अजीब तरह की घुटन हो रही थी, तभी पापा मेरे पास आये और मैं उनके स्पर्श को पाकर ही फफक फफक कर रो पड़ी।
जिंदगी अगर दूसरा मौका दे तो (Second Chance in Life)
जिंदगी अगर दूसरा मौका दे तो –
है, कितना बीमा लेना चाहिये, लक्ष्य कैसे निर्धारित करें, मिलने वालों को तो फायदा मिलता ही है, पर चाहता हूँ कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिले।
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