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शेयर बाजार में ट्रेडिंग की कमाई

एक हमारे बहुत ही अच्छे मित्र हैं, बढ़िया सेट हैं, शेयर बाजार में जो भी निवेश करना चाहते हैं वे हमसे पूछते रहते थे, फिर एक दिन बोले कि आप हमारे लिये एक एकाउंट में ट्रेडिंग करिये, हमने कहा हम तो ऑप्शन सेलिंग करते हैं, वे बोले तो बताइये मिनिमम कितना कैपिटल लगेगा, हमने कहा कि 1.5 लाख से शुरू कर सकते हैं, पर आपकी होल्डिंग को हम कोलेट्रोल पर लेकर मार्जिन मनी के लिये उपयोग करेंगे तो वे बोले हाँ यह भी ठीक है, तो कैश 1.5 लाख और कोलेट्रोल से लगभग 1.2 लाख मिल गया, जिसे हम केवल एडिशनल मार्जिन के लिये ही उपयोग करते हैं।

वे बोले आप अपनी फीस भी बता दो, तो हमने कहा कि हम कैपिटल का हर महीने 1% फीस ले लेंगे, पर प्रॉफिट की फुल गारंटी नहीं है, लॉस भी हो सकता है, पर हमारी फीस में कोई बदलाव नहीं होगा। हमारे मित्र ने कहा कोई नहीं जो आप कहते हैं, वह सब हम मान लेते हैं, आप बस हमारे एकाउंट में ट्रेडिंग करिये और longterm पोर्टफोलियो भी बना दीजिये। हमने अगस्त 2023 से उनके एकाउंट में काम करना शुरू किया। कैपिटल के अनुसार ही ट्रेड लिये, कभी 3% मिला तो कभी 6%, बाजार के ऊपर निर्भर करता है। सितंबर में एक ट्रेड ज्यादा drawdown दिखा रही थी, हमें पूरी उम्मीद थी कि मार्जिन नहीं भरना पड़ेगा, पर वह ट्रेड ब्रोकर ने मार्जिन न होने के कारण लॉस में स्क्वेयर ऑफ कर दी, सितंबर का महीना नुकसान में नहीं रहा पर 5% प्रॉफिट की जगह मात्र ₹480 का प्रॉफिट हुआ, तब मित्र को समझ आया कि मार्जिन की कमी के कारण गड़बड़ हुई, उन्होंने एकदम अक्टूबर की शुरुआत में ₹50,000 और डाल दिये, इस प्रकार कैश अब 2 लाख हो चुका था।

सारे चार्जेस और ब्रोकरेज के बाद प्रॉफिट अब इस प्रकार है –
अगस्त 2023 – ₹9,493
सितंबर 2023 – ₹480
अक्टूबर 2023 – ₹9,477
नवंबर 2023 – ₹8,575
दिसंबर 2023 – ₹4,593
जनवरी 2024 – ₹14,178

कुल प्रॉफिट – ₹47,685
चार्जेस व ब्रोकरेज के बाद – ₹46,638

जनवरी 2024 से अब वे हर महीने ₹50,000 इस एकाउंट में डाल रहे हैं, तो अब कैपिटल कैश का 2.50 लाख और प्रॉफिट है, तो जब भी हमें कोई बढ़िया शेयर दिखता है तो हम उसे longterm होल्डिंग में खरीद देते हैं, एक शेयर हमने उनके लिये 100 qty खरीदी थी, अब वह 40% प्रोफिट में है, वहीं एक साल में यही कमाई बढ़कर कम से कम 250% हो जायेगी। अभी यह काम हम व्यवसायिक तरीके से नहीं कर रहे हैं पर लगता है कि जल्दी ही शुरू करना चाहिये, एक हमारे मित्र हैं ब्रोकर कम्पनी में बड़ी पोज़िशन पर हैं, वे कई बार कह चुके कि आराम से इसे ₹10 करोड़ तक ले जा सकते हैं, पर हमें कोई जल्दीबाजी नहीं है, अभी नौकरी कर रहे हैं, तो घरवाली को सबकुछ सीखा दिया है, तो हम चैन से नौकरी करते हैं, और ट्रेडिंग घरवाली करती है, अगर कहीं कोई समस्या होती है, तो हम देख लेते हैं। क्योंकि मुख्य चीज है monitoring करना, तो उसके लिये हमें घरवाली की भरपूर मदद मिल जाती है, अब एक प्रकार से उनका ही यह बिजनेस है, हम केवल मेंटर हैं। अब वे चार्ट रीडिंग बेहतरीन करती हैं, ब्रेकआउट, सपोर्ट रेसिस्टेंस सब कुछ खुद निकाल लेती हैं। बस ऐसा जीवनसाथी हो तो जीवन आसान हो जाता है।

अब हमारे मित्र हमसे कई बार कह चुके हैं कि आप अपनी फीस ले लीजिये, हमने कहा जब जरूरत होगी ले लेंगे, कम से कम एक नया फोन तो सालभर की फीस से आ ही जायेगा।

ये आज इसलिये लिखा कि कई लोग चेलेंज करते हैं कि अपना प्रॉफिट दिखाओ, तो आप इसे डेमो अकॉउंट के तौर पर देख सकते हैं, क्योंकि हम आपना प्रॉफिट सार्वजनिक नहीं करना चाहते। प्रॉफिट का स्क्रीनशॉट भी लगा रहे हैं।

और ध्यान रखें कि हम अभी किसी का पैसा मैनेज कर पाने की स्थिति में नहीं हैं, हम अपने प्रॉफिट से पूर्णतया संतुष्ट हैं, हम न ट्रेनिंग देते हैं, न कोई टिप्स, बस सीखने पर जोर देते हैं, नई स्ट्रेटेजी देखते रहते हैं और अपनी स्ट्रेटेजी में और सुधार करते रहते हैं।

जो हमेशा सीखता रहेगा, वही जीवन में आगे बढ़ पायेगा। अगर आपमें पास ठीक ठाक कैपिटल है तो आप खुद अंदाजा लगा लीजिये कि आप शेयरबाजार के इस समुंदर से कितना कमा सकते हैं।

अगली पोस्ट में बेटेलाल के बारे में लिखेंगे, कि वो कितना सीखे, कैसे सीखे, और निवेश में क्या करते हैं।

NCC में ड्रिल

ड्रिल देखना मेरी मनपसंद चीजों में से एक है, इससे पहले NCC में ड्रिल करना बेहद पसंद था, और मैं सीनियर अंडर ऑफीसर हुआ करता था। कई camp मैंने NCC के दौरान किये, और सबसे बेहतरीन कैम्प मेरा रहा, आर्मी अटैचमेंट कैम्प, जबलपुर, जहाँ हमें ग्रेनेडियर रेजिमेंट अलॉट हुआ था, सेना की बैरकों में ही हमारा ठिकाना था, वहीं हमारी मेस हुआ करती थी।

रंगरूटों की जबरदस्त तबियत से रगड़ाई होते हुए हम देखते थे, वैसे हमारी जो रगड़ाई होती थी, वो उनके मुकाबले कुछ भी नहीं होती थी।

26 जनवरी और 15 अगस्त को हम हमेशा ही NCC की तरफ से समारोह में शामिल हुए। इसके लिये कुछ दिनों पहले से ही समारोह के लिये रिहर्सल करने भी जाते थे। अब तो खैर ये सब यादें ही रह गईं हैं।

हमारी बड़ी दिली इच्छा थी, सेना में भर्ती होने की, पर अपन सेना भर्ती परीक्षा निकाल लेते, उतने बुद्धिमान नहीं थे, और न ही हमारे घुटने, जो मेडिकल ही पास नहीं होने देते।

अभी tv पर परेड देखकर अपने सारे कमांड भी याद करता रहता हूँ, परेड दाहिने देख, खाली एक, परेड सामने देख, खाली एक 😀

रोज महाकाल की संध्या आरती में जाना

हम जब उज्जैन रहने पहुँचे तो दोस्त लोग शाम को घूमने जाते थे, पर हम कुछ दोस्तों ने थोड़े दिनों बाद इधर उधर जाने की जगह रोज शाम को 7 बजे महाकाल मंदिर में आरती में जाने का निर्णय लिया और नंदी जी के पीछे उस समय तीन बड़ी घंटियाँ हुआ करती थीं, तो वहाँ एक बड़ा लंबे से पटरे पर खड़े होकर हम तीन दोस्त कई बार पूरी आरती में घंटियाँ बजाते थे। अगर कोई और भक्त आकर निवेदन करता था, तो उनको भी मौका मिलता था। पर लगातार हाथ ऊपर करके घंटियाँ बजाना भी आसान काम नहीं, हाथ दुख जाते थे, पर धीरे धीरे आदत पड़ गई, उस समय डमरू और झांझ मंजीरे भी हाथ से ही बजाये जाते थे, फिर डमरू और झांझ मजीरे की मशीन आ गई।

महाकाल की संध्या आरती के बाद हम महाकाल परिसर में स्थित बाल विजयमस्त हनुमान जी की आरती में शामिल होते थे, वहाँ एक आरती रोज पढ़ी जाती थी, जो हमें नहीं आती थी, और वह आरती हमने घर पर भी रोज पढ़ना शुरू की तो हमें कंठस्थ हो गई, अब भी कंठस्थ है। वह है श्रीराम स्तुति – सुनने में ही इतनी मोहित करने वाली और और जब आप डूबकर भक्तों के साथ स्तुति करते हैं तो एक अलग ही दुनिया में होते हैं।

श्रीराम स्तुति (Shri Ram Stuti)

श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन

हरण भव भय दारुणम्।

नवकंजलोचन, कंज-मुख

कर-कंज पद-कंजारुणम्।।……

…..

बाल विजयमस्त हनुमानजी की आरती के बाद महाकाल परिसर में स्थित 84 महादेव व उज्जैन के हर मंदिर की छोटी प्रतिकृति भी वहाँ है, उनके दर्शन के बाद, माँ हरसिद्धि पहुँच जाते थे, कई बार वहाँ आरती मिलती कई बार नहीं।

इस प्रकार अपने जीवन के कुछ 2 वर्ष शाम को यही दिनचर्या रही। बाबा महाकाल मेरे जीवन के अभिन्न अंग हैं। और आज यह बातें अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर याद आ गईं।

शेयर बाजार में एक से एक गुरु आज NKStockTalk

शेयर बाजार में एक से एक गुरु हैं, पर कोई खुलकर नहीं सिखाता और जो सिखाता है और फेमस हो जाता है वो कहीं न कहीं किसी स्कैम में फंस जाता है या फंसा दिया जाता है। यह पैसा है ही ऐसी चीज। खुलकर सिखाने का मतलब बारीकी से एक एक चीज, कि कैसे चार्ट काम करता है, स्मार्ट मनी कैसे पोजिशन लेती है, और स्मार्ट मनी की तरह कैसे पोजिशन लेकर शेयर बाजार से फायदा उठाया जाये, मतलब कि कब खरीदना है ओर कब बेचना है।

इस मामले में मैं नीतीश कुमार NKStocktalk सर का फैन हूँ, प्यूर टेक्निकल बातें करते हैं, सिंपल फंडे समझाते हैं, 99% साइकोलॉजी ठीक करने की बात करते हैं। केवल 1% सिखाते हैं, क्योंकि सीखने के लिये होता ही उतना है। वे फालतू की बातें करते नहीं या ये कहें कि उनको करना नहीं आता तो ज्यादा बेहतर होगा।

मैं उनके बहुत से फंडे अपने ट्रेड्स में इस्तेमाल करता हूँ, और उन्होंने गांववालों की भाषा में अपनी शब्दावली रखी है, जैसे हवा चिप्स, हिलेगा मिलेगा, हिलेगा मिलेगा उनकी सबसे बेहतरीन स्ट्रेटेजी लगी, इस इंडिकेटर को आप अपने हिसाब से इम्प्रूव भी कर सकते हैं। cnbc में भी उनको कई बार बुलाया गया, पर उनकी भाषा व उदाहरण नहीं जमे तो उनको बैन कर दिया गया।

आजकल वे केवल बास्केट पर जोर देते हैं, बताते हैं कि कैसे बास्केट बनाई जाये, कैश स्टॉक से ही सालभर में 50% से ज्यादा कमाई कैसे की जाये, इत्यादि इत्यादि। NKStocktalk के नाम से ही सर का यूट्यूब चैनल और टेलीग्राम चैनल है।

कल fno वाली पोस्ट के बाद कई कमेंट व मैसेज आये कि उनको fno सीखना है, मैं बस इतना कहना चाहता हूँ कि रिस्क कैसे मैनेज करना है वो सीखना सबसे जरूरी है, बाजार के धुरंधर आपके पैसे पर निगाहें लगाये बैठे हैं। और वे चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा रिटेलर बिना सीखे बाजार में आये। वही उनका प्रॉफिट है।जब कोई लॉस लेगा, तभी किसी का प्रॉफिट होगा। मैं सिखाना नहीं जानता, क्योंकि मैंने भी सिस्टेमेटिक ढंग से नहीं, बल्कि over the time सीखा है। इसके लिये बहुत से यूट्यूब चैनल हैं जो निस्वार्थ भाव से सिखा रहे हैं, जब आप खुद थोड़ा बहुत सीख जायेंगे, तो आपको खुद समझ आ जायेगा कि कौन सिखा रहा है और कौन बेवकूफ बना रहा है।

यह किसी की भी मार्केटिंग नहीं है, आगे भी और इसी तरह की पोस्ट लिखते रहेंगे, बस इतना ही कहना चाहते हैं कि सीखने के लिये कम से कम 2 साल पेपर ट्रेड करिये, उसके बाद पैसों से ट्रेड करिये। बस आपको सीरियसनेस समझ आनी चाहिये।

fno से बर्बादी

हमारे एक बहुत बड़े सीनियर से कल बात हो रही थी, 4 वर्ष पहले वे रिटायर हुए और उनका अच्छा खासा पोर्टफोलियो था, मतलब की शेयर भी एक से एक थे, सब टॉप के शेयर बहुत ही सस्ते भाव के, यह समझ लीजिये कि उनका 80 लाख के लगभग का पोर्टफोलियो था, और उनकी इन्वेस्टमेंट लगभग 15 लाख रही होगी, वे कल बता रहे थे कि रिटायमेंट के बाद खर्च के लिये उसमें से लगभग 20 लाख निकाल लिये।

फिर कोविड के दौरान उन्हें लगा फ़्यूचर एंड ऑप्शन में ज्यादा तेजी से पैसा बनाया जा सकता है, तो उन्होंने fno को बिना सीखे समझे, इसमें काम शुरू कर दिया, जब कुछ लॉस हुआ, तब वे मुझसे कनेक्ट हुए, मैंने उन्हें fno की बहुत सी बारीकियों को समझाया व सलाह दी कि चूँकि आप रिटायर हो चुके हैं और fno में ट्रेडिंग के लिये बहुत अनुभव की आवश्यकता होती है और सिस्टमेटिक काम करना होता है, वरना जैसे पैसा आता है, उससे डबल स्पीड से पैसा वापिस चला जाता है।

जब नया पैसा बाजार में आता है, मतलब नया नवेला ट्रेडर, तो वो दुनिया में सलाह देनेवाले को बेवकूफ समझता है, और वो सोचता है कि उसे ही सब कुछ पता है, उसे समझ तब आता है जब उसका सब कुछ बर्बाद हो गया होता है। यही सर के साथ हुआ, वे बोले अरे विवेक अब तो मैं fno में एक्सपर्ट हूँ, तुम फालतू डराते हो, मैंने उन्हें तब भी बहुत समझाने की कोशिश करी थी, पर ये को नशा है न, जो मजा देता है, वो सोचने समझने की शक्ति खत्म कर देता है। शेयर बाजार में आने के पहले हमेशा अपना मनोविज्ञान ठीक कर लेना चाहिये। सर को बिना सीखे समझे, दूसरों की टिप पर या अपनी खुद की कोई स्ट्रेटेजी से पैसे बनाने थे, कितने बनाने थे, यह उन्हें क्लियर ही नहीं था।

यह बात तो समझ लीजिये कि शेयर बाजार पैसों का समुद्र है, तो आप समुद्र को लूट नहीं सकते, किनारे लहरों की आवाजें बहुत अच्छी लगती हैं पर जब आप किनारे से लहरों के पास जाते हैं तो लहरें आपको समुद्र में खींचने का प्रयास करती हैं, जो इस स्किल को नहीं जानते वे समुद्र में अपनी जान दे देते हैं। आपको कितना पानी इस समुद्र से निकालना है, यह निश्चय कर लेना चाहिये। आप लोटा भरेंगे तो समुद्र को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, पर अगर बाल्टी भरने जायेंगे तो निश्चित ही समुद्र आपकी बाल्टी अपने साथ ले जायेगा, या फिर बाल्टी से पानी निकालने की कला में सिद्धहस्त होना पड़ेगा।

हम लोटा भरने में विश्वास रखते हैं, हर महीने अपनी कैपिटल का 2 से 4% रिस्क मैनेजमेंट के साथ निकालते हैं। जो कि साल का एवरेज लगभग 40% से ऊपर होता है, 40% प्रॉफिट कम नहीं होता, बस संयम रखना पड़ता है।

fno में लॉस ही होता है ऐसा है, यह एक हैज़ इंस्ट्रूमेंट है और इसलिये इसे fno एक साथ कहा जाता है, फ्यूचर और ऑप्शन बहुत कमाल की चीज है, अगर बारीकियों को सीख लिया जाये, वरना तो यह ऐसी तलवार है किधर भी चलाओ, खून आपका ही बहेगा।

सर ने बस ऐसे ही अपना fno का सफर जारी रखा और कई बार या ये कहना बेहतर होगा कि लगभग रोज ही अगले दिन का प्रिडिक्शन पूछते थे, जो उनकी ट्रेड के रिलेटेड होते थे, मैंने उनको उनकी गलतियों के बारे में समझाने की कोशिश करी, और कहा कि मैं आपकी ट्रेड नहीं सुधार सकता क्योंकि मेरा ट्रेड लेने का माइंडसेट अलग है, आपका अलग, पर वही नशा उनको समझने ही नहीं देता था, लॉस से प्रॉफिट में ट्रेड जाने की संभावना हमेशा तलाशते थे। फिर कुछ दिनों बाद उन्होंने मेरे ग्रुप के कुछ और मित्रों को भी कॉल करना शुरू किया और ट्रेड पर बात करते थे, पर सबने यही समझाया कि ऐसे fno में काम नहीं किया जाता। पर उनको न समझना था, और न वे समझे।

कल जब मैंने उनका मैसेज व्हाट्सऐप पर देखा तो शाम को फोन किया और मैं यह जानकर शॉक्ड था कि उनका बचा हुआ सारा पैसा लगभग 60 लाख वे fno में गंवा चुके हैं। जबकि मैंने उन्हें कई बार कहा था कि सबसे पहले आप ये काम बंद करो, साइक्लोजी ठीक करिये, वे नहीं माने। अब उनके पास कैपिटल नहीं बचा और अपने रिटायरमेंट फंड, जो कि अलग से रखा है, उससे कुछ करना चाहते हैं, हमने कहा कि उस फ़ंड को हाथ ही न लगाना, नहीं तो आप सड़क पर आ जाओगे।

ये सब बताने का केवल यही मकसद है कि आप पहले सीखें, बाजार कहीं नहीं जा रहा, पर अगर नहीं सीखेंगे तो बर्बाद हो जायेंगे।

भारत की दो चीजों ने तहलका मचा रखा है

दुनिया में भारत की दो चीजों ने तहलका मचा रखा है। और कई भारतीयों को इसके बारे में पता ही नहीं।

  1. सुला क़ाबरनेट शिराज वाइन – यह रेड वाइन है और इसका वाइन यार्ड नासिक के पास है, इस वाइन को बनाने के लिये चेरी, काली मिर्च महत्वपूर्ण अवयव होते है। भारत में इसकी कीमत ₹955 है।
  2. इंद्री सिंगल माल्ट व्हिस्की – यह हरियाणा की 3 साल पुरानी कंपनी पिकाडिली बनाती है और वैसे सिंगल माल्ट व्हिस्की में इंद्री के अलावा अमृत और रेडिको खेतान की रामपुर व्हिस्की ने भी अपना जलवा दुनिया में बिखेर रखा है। इंद्री की 10,000 बोतल रोज प्रोडक्शन से बाहर आती हैं पर फिर भी यह हमेशा बाजार से गायब रहती है। सनद रहे कि भारत में व्हिस्की सबसे ज्यादा पी जाती है, और नम्बर 1 पर कब्जा करने के लिये फ्रांस की पेरनोड रिकार्ड की ग़लेंलिवेट को भी भारतीय व्हिस्की से आगे निकलने में अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसकी कीमत ₹3900 है।
  3. हम वेल्थ के पर्सपेक्टिव से देखते हैं। जैसे पिकाडिली 2021 में ₹10 का शेयर था आज ₹300 का है, ऐसे ही सुला ₹330 का ₹630 है मात्र एक साल में, रेडिको खेतान ₹500 से ₹1600 है। हम opportunity देखते हैं। ऐसे ही यूनाइटेड स्प्रिट ₹500 से ₹1100

साकेत रामकृष्ण शेयरबाजार में कैरियर

शेयरबाजार में अपना कैरियर बनाने का सपना जीवन में एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है।

ऐसा ही निर्णय लिया था 2017 में साकेत रामकृष्ण ने अपनी शेयरबाजार के कैरियर की शुरुआत करी मात्र ₹25,000 से और ऑप्शन राइटिंग शुरू कर दिया, उस समय 35x लेवरेज मिलता था तो वे लगभग ₹7,50,000 के option बेच सकते थे।

साकेत ने सीखने में बहुत स्ट्रगल किया, सब तरह के मार्केट के उतार चढ़ाव इस दौरान देखने को मिले, अपनी स्ट्रेटेजी को रिफाइन किया और नए तरह की स्ट्रेटेजी बनाईं, खुद भी बनाना सीखीं, बड़ी बात यह है कि वे इस दौरान यूट्यूब पर अपनी ट्रेडस को लेकर पारदर्शी रहे और हमेशा ही अपनी साइकोलॉजी भी समझाते रहे, क्योंकि शेयर बाजार में सबसे महत्वपूर्ण है साइकोलॉजी जो आपके ट्रेड्स को प्रभावित करती है। वे अपने यूट्यूब चैनल optionable पर अब भी वीडियो डालते हैं, अब उनकी कम्पनी का नाम quick alpha है और इसी नाम से यूट्यूब चैनल भी है।

साकेत ने बैंगलोर से क्रिस्ट कॉलेज से बीकॉम किया और फिर cfa करने लगे, पर कोविड के कारण और optionable के बहुत ज्यादा ग्रो कर जाने से वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे सके और अब 2024 में cfa पास करने का लक्ष्य है।

आज साकेत ₹50 करोड़ की कैपिटल संभालते हैं और उनका वार्षिक लाभ पिछले वर्ष 36% था और चार्जेस व ब्रोकरेज काटने के बाद लगभग 32%। लगभग 6% अपने कैपिटल पर ब्रोकरेज देने के बाद वे अब इस पर भी काम कर रहे हैं, देखते हैं कि इस वित्तीय वर्ष में क्या सुधार आता है।

साकेत अपने ट्रेड्स के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर करते हैं, और उनसे फॉलो करके बहुत कुछ सीखा जा सकता है। वैसे इनके लाखों में फ़ॉलोअर्स हैं और अब वे खुद ही एक ऑटोमेटिक ऑप्शन ट्रेडिंग प्लेटफार्म लांच कर चुके हैं जिसका नाम fintarget डॉट in है।

बाजार में असीम संभावनायें हैं और कैरियर इसमें भी बनाया जा सकता है।

देवराज इंद्र और नृपश्रेष्ठ ययाति के बीच वार्तालाप

देवराज इंद्र और नृपश्रेष्ठ ययाति के बीच वार्तालाप हुआ और इंद्र ने पूछा पुरु तुमसे वृद्धावस्था लेकर तुम्हारे स्वरूप में इस पृथ्वी पर विचरण करने लगा तो, उस समय राज्य देकर तुमने उसको क्या आदेश दिया था?

ययाति ने कहा – मनुष्य दीनता, शठता और क्रोध न करे। कुटिलता, मात्सर्य और वैर कहीं न करे। माता-पिता, विद्वान, तपस्वी तथा क्षमाशील पुरुष का बुद्धिमान मनुष्य कभी अपमान न करे। शक्तिशाली मनुष्य सदा क्षमा करता है। दुष्ट मनुष्य साधु पुरुष से और दुर्बल अधिक बलवान से द्वैष करता है। इसी प्रकार गुणहीन मनुष्य गुणवान से डाह रखता है। इंद्र! यह कलि का लक्षण है।

क्रोध करने वालों से वह पुरुष श्रेष्ठ है, जो कभी क्रोध नहीं करता, इसी प्रकार असहनशील से सहनशील उत्तम है, मनुष्येतर प्राणियों में मनुष्य श्रेष्ठ है और मूर्खों से विद्वान उत्तम है।

यदि कोई किसी की निंदा करता है या उसे गाली देता है तो वह बदले में निंदा या गाली-गलौच न करे; क्योंकि जो गाली या निंदा सह लेता है, उस पुरूष का आंतरिक दुख ही गाली देनेवाले या अपमान करने वाले को जला डालता है, साथ ही उसके पुण्य को भी वह ले लेता है।

क्रोधवश किसी के मर्म-स्थान पर चोट न पहुँचाये, किसी के प्रति कठोर बात भी मुँह से न निकालें। अनुचित उपाय से शत्रु को वश में न करें, जो जी को जलाने वाली हो, जिससे दूसरे को उद्वेग होता हो, ऐसी बातें मुँह से न बोलें; क्योंकि पापी लोग ही ऐसी बातें बोला करते हैं।

जो स्वभाव का कठोर हो, दूसरों के मर्म को चोट पहुंचाता हो, तीखी बातें बोलता हो और कठोर वचनरूपी काँटों से दूसरे मनुष्य को पीड़ा देता हौज़ उसे अत्यंत दरिद्र या अभागा समझें। (उसको देखना भी बुरा है, क्योंकि) वह कड़वी बोली के रूप में अपने मुँह में बँधी हुई एक पिशाचनी को ढो रहा है।

अपना बर्ताव और व्यवहार ऐसा रखें, जिससे साधु पुरूष सामने तो सत्कार करे ही, पीठ पीछे भी उनके द्वारा अपनी रक्षा हो। दुष्ट लोगों की कही हुई अनुचित बातें सदा सह लेनी चाहिये तथा श्रेष्ठ पुरुषों के सदाचार का आश्रय लेकर साधु पुरुषों के व्यवहार को अपनाना चाहिये।

दुष्ट मनुष्यों के मुख से कटु वचनरूपी बाण सदा छूटते रहते हैं, जिनसे आहत होकर मनुष्य रात दिन शोक और चिंता में डूबा रहता है। वे वाग्बाण दूसरों के मर्मस्थानों पर ही चोट करते हैं। अतः विद्वान पुरुष दूसरे के प्रति ऐसी कठोर वाणी का प्रयोग न करे।

सभी प्राणियों के प्रति दया और मैत्री का बर्तावज़ दान और सबके प्रति मधुर वाणी का प्रयोग -तीनों लोकों में इनके समान कोई वशीकरण नहीं है। इसलिये कभी कठोर वचन न बोलें। सदा सांत्वनापूर्ण मधुर वचन ही बोलें। पूजनीय पुरुषों का आदर-सत्कार करें। दूसरों को दान दें और स्वयं कभी कुछ न माँगें।

आदिपर्व सम्भवपर्व अध्याय 87

स्कूल में होमवर्क की शुरुआत किसने करी?

AI से पूछा

स्कूल में होमवर्क की शुरुआत किसने करी?

जबाब मिला –

स्कूल में होमवर्क की शुरुआत का इतिहास बहुत पुराना और विवादास्पद है। कुछ लोग मानते हैं कि होमवर्क की शुरुआत 1095 में इटली के एक शिक्षक रोबर्टो नेविलिस ने की थी, जो अपने छात्रों को घर पर अध्ययन करने के लिए प्रेरित करता था। दूसरे लोग मानते हैं कि होमवर्क की शुरुआत 1905 में अमेरिका के एक शिक्षक अबेलियनो डे विलारोय मोर्गन ने की थी, जो अपने छात्रों को घर पर अतिरिक्त काम देता था।

होमवर्क के लाभ और हानि के बारे में भी शिक्षक, माता-पिता और शोधकर्ता विभिन्न विचार रखते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि होमवर्क बच्चों को अकादमिक उपलब्धि, अध्ययन की आदतें, आत्म-अनुशासन और समस्या सुलझाने के कौशल में सुधार करता है। दूसरे लोग मानते हैं कि होमवर्क बच्चों को शारीरिक और भावनात्मक थकान, सीखने के बारे में नकारात्मक दृष्टिकोण और खाली समय की कमी का कारण बन सकता है।

महाभयंकर महाबली वीरभद्र और महाकाली का प्राकट्य

सतीमाता के योगाग्नि में अपने आपको भस्म करने के बाद आकाशवाणी हुई कि राजा दक्ष तुम अहंकार में थे, अब तेरा सर्वनाश निश्चित है और कोई भी देवता तुम्हें बचा नहीं सकता।

जब गणों से भगवान शिवजी को यज्ञ का हाल कह सुनाया कर नारदजी से भी वृत्तांत जानकर, लोकसंहारकारी रुद्र ने अपने सिर से एक जटा उखाड़ी और रोषपूर्वक कैलाश पर्वत पर दे मारा, उस जटा के दो टुकड़े हुए और महाप्रलय के समान भयंकर शब्द प्रकट हुए। उस जटा के पूर्व भाग से महाभयंकर महाबली वीरभद्र प्रकट हुए, जो समस्त गणों के अगुआ हैं एवं देखने में ही प्रलयाग्नि के समान जान पड़ते थे, उनका शरीर बहुत ऊँचा और उनकी एक हजार भुजायें थीं। उन महारुद्र के क्रोधपूर्वक प्रकट हुए निःश्वास से सौ प्रकार के ज्वर और तेरह प्रकार के संनिपात रोग पैदा हो गये। उस जटा के दूसरे भाग से महाकाली प्रकट हुईं, वे भयंकर दिखाई देती थीं और करोड़ों भूतों से घिरी हुई थीं।

वीरभद्र ने भगवान शिव से कहा है प्रभो आज्ञा दीजिये कि मुझे इस समय क्या करना है। क्या मुझे आधे ही क्षण में सारे समुद्रों को सुखा देना है? या इतने ही समय में संपूर्ण पर्वतों को पीस देना डालना है? मैं एक ही क्षण में ब्रह्मांड को भस्म कर डालूँ या सबको जलाकर राख कर दूँ? क्या मैं समस्त लोकों को उलट पुलट दूँ या संपूर्ण प्राणियों का विनाश कर डालूँ? है महेश्वर! आपकी कृपा से ऐसा कोई कार्य नहीं जो मैं न कर सकूँ। मेरे दाहिने अंग बारंबार फड़क रहे हैं, इससे पता चल रहा है कि मेरी विजय अवश्य होगी।

भगवान शिव ने कहा – वीरभद्र तुम्हारी जय हो! ब्रह्माजी का पुत्र दक्ष बड़ा दुष्ट है और वह इस समय एक यज्ञ कर रहा है तुम इस यज्ञ और उसमें शामिल लोगों को भस्म करके मेरे स्थान पर लौट आओ। जो कोई तुम्हारे सामने आये उसे भस्म कर देना भले वह देवता हो, ऋषि हो है गन्धर्व, यक्ष ही क्यों न हो। भगवान शिव ने केवल शोभा के लिये वीरभद्र के साथ करोड़ों गणों को भेज दिया। इसी प्रकार काली, कात्यायनी, ईशानी, चामुंडा, मुंडमर्दिनी, भद्रकाली, भद्रा, त्वरिता एवं वैष्णवी – इन नवदुर्गाओं के साथ महाकाली दक्ष का विनाश करने चलीं।

दक्ष की बायीं आँख, भुजा और जाँघ फड़कने लगी, वाम अंगों का फड़कना अशुभसूचक माना जाता है, दक्ष को दोपहर के समय दिन में ही अद्भुत तारे दिखने लगेज दिशाएँ मलिन हो गईं, आकाशवाणी हुई दक्ष तेरा अंत निकट ही है।