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निराशा, जीवन और भूल जाना

जीवन में निराशा कभी आ जाये तो जीवन थोड़ा ढीला और धीमा हो जाता है। निराश कदमी को लगता है कि वो ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो कुछ नहीं कर पाता, वरना तो दुनिया उसके आगे ही है। और वह व्यक्ति हमेशा भाग्य को कोसता रहता है। पर भला कोसने से कभी कुछ होता है, जो होना होगा वह तो होकर ही रहेगा। जीवन में सोच ही व्यक्ति के प्रारब्ध का निर्माण करती है। पर कभी सोचता हूँ कि कोई ज्योतिष गुरू मेरी इस विचारधारा को सुनकर कहीं न कहीं मुझे धिक्कार ही देगा। वे हमेशा कहेंगे कि फलाने ग्रह और फलाने योग में यह सब होता है। शायद उनकी बातें सत्य भी होती हों। पर जीवन की निराशा में मौसम का भी बहुत हद तक हाथ होता है और अगर शरीर में निराशा प्रकार के रसायनों का बोलबाला हो तो जीवन चलना जटिल हो जाता है।

कल जब मोबाईल पर स्क्रीन गार्ड लगवाने के लिये एक दुकान के सामने कार रोकी, तो देखा दुकान पर कोई नहीं था, तभी देखा एक बंदा दुकान की ओर दौड़ता आ रहा है जिसके हाथ में मोबाईल है औऱ कान में कनकव्वा लगा हुआ है। दुकान में घुसते ही उसने हमारा स्वागत किया और हमने अपने आने का कारण बताया। बंदे ने सबसे पहले रेडी रेकनर टाइप का पेज निकाला और मोबाईल का मॉडल देखकर उसके स्क्रीन गार्ड का डब्बा निकाला। फिर एक drawer में देखने लगा, इससे यह तो पता चल गया कि इन भाईसाहब को कुछ पता नहीं है। 2 – 4 मिनिट नाटक करने के बाद बोला कि स्टाफ को पता होगा कि कहाँ रखा है, आप बाद में आइयेगा।

केवल इसी चक्कर में अपन पिछले 15 वर्षों से रेस्टोरेंट नहीं खोल पाये। काम अपन वही करना चाहते हैं जो खुद कर पायें, जिस काम में डिपेंडेंसी हो वह काम करना बहुत मुश्किल होता है। अगर स्टाफ गायब हो जाए तो अपनी दुकान बंद, तो ऐसी दुकान खोलने का कोई मतलब नहीं।

कई वर्षों बाद उज्जैन आया हूँ, तो बहुत से चेहरे जाने पहचाने हैं जिनके बाल काले थे, वे अब सफेद दिखने लगे हैं और चेहरे भी बदल गए हैं। मुझे देख कर पहचानने की कोशिश करते हैं और कभी कभार मैं भी पहचानने की कोशिश करता हूँ, पर अब ऐसी कोशिशें कामयाब नहीं हो पाती हैं, शायद उम्र का असर है। मैं अक्सर ही चीजें भूल जाता हूँ, फिर तो यह शक्ल है जिन्हें में 5 साल बाद देख रहा हूँ। हाँ इस बार बहुत दुख हुआ कई लोगों को मिल नहीं पाया, क्योंकि वे अब इस दुनिया में ही नहीं हैं।

पुराना मोबाईल कैसे बेचें, अब एक्सचेंज बंद है।

इस बार के अमेजन प्राइम डे में बेटेलाल के लिए नया फोन तो ले लिया। पुराने फोन के साथ एक्सचेंज ऑफर उपलब्ध तो थे, परंतु जब पेमेंट पेज पर आते थे तो लिखा हुआ आता था कि यह फोन बिना एक्सचेंज के आपके पिनकोड पर उपलब्ध है, मतलब कि बेंगलुरु में एक्सचेंज उपलब्ध नहीं था।

फिर हमने अमेजन कस्टमर केयर पर बात करी, पर समस्या का हल नहीं निकला, उन्होंने कहा कि यह कूरियर की प्रॉब्लम है। कूरियर वाले एक्सचेंज को सपोर्ट नहीं कर रहे है। हमने कई और पिन कोड पर एक्सचेंज के साथ डिलीवरी करने का ट्राई किया, तो लगभग सब जगह वही मैसेज हमें दिखाई दिया।

फोन लेना जरूरी था तो हमने ले लिया। फिर उसके बाद हम यह सोचने लगे अब इस पुराने फोन को कैसे ठिकाने लगाया जाए, क्योंकि कुछ ही दिनों में वह बेकार हो जाता फोन 6 वर्ष पुराना हो चुका था और बॉडी तथा स्क्रीन में थोड़ा डैमेज भी था।

इंटरनेट पर घूमते हुए हमें रिसाइकल डिवाइस कंपनी का पता चला और हमने ऑनलाइन पुराने फोन के डिटेल डाल दिये, जिसमें कि हमारे पुराने फोन की कीमत लगभग ₹3100 दिखा रहा था और अमेजॉन वाउचर लेने पर 10% एक्स्ट्रा दे रहा था तो लगभग हमें ₹3400 का एस्टीमेट मिला।

आज रीसाइकिल डिवाइस (recycledevice) से उनका बंदा आया और फोन चेक करने के बाद हमें बताया की बॉडी ज्यादा ही डैमेज है, इसके लिए हम टोटल ₹3000 दे पाएंगे हमने तत्काल ही हाँ कर दी और उन्होंने हमारा आधार कार्ड लिया और आधार कार्ड का ओटीपी भेजकर आधार कार्ड से वेरीफाई किया। हमने पूछा ऐसा क्यों कर रहे हो तब वे बोले रेगुलेटरी अथॉरिटी का नया फरमान है कि एक्सचेंज के समय ओरिजिनल मोबाइल का डब्बा, चार्जर मोबाइल के साथ लेना जरूरी है। यह कदम इसलिए है इससे चोरी का मोबाइल एक्सचेंज में नहीं जा सकेगा साथ ही सेकंड हैंड मार्केट में चोरी का मोबाइल कोई खरीद नहीं पाएगा।

तब हमें ध्यान आया कि फ्लिपकार्ट ने अब ओरिजिनल मोबाइल के डब्बे के साथ चार्जर भी लेना शुरू कर दिया है इसके बिना वह एक्सचेंज नहीं लेते।

हमने उनसे पूछा आप इस मोबाइल का आखिर करोगे क्या? तो वह बोले इसके अंदर के पार्ट्स जो सही सलामत हैं उसकी वैल्यू बहुत ज्यादा है, इसलिए हमें इसमें भी बहुत फायदा है।

एक फोनटैब जो आज तक बिक न सका #CleanUpCashOut

पहला स्मार्टफोन होना ही अपने आप में बड़ी बात होती थी, मुझे याद है कि मैंने पहला स्मार्टफोन केवल इसलिये लिया था कि मुझे भी टच स्क्रीन वाला फोन का अनुभव लेना था, तो मैंने अपने कीबोर्ड वाले मोबाईल को स्टोर पर ही बॉय बैक में दे दिया था।

अब तक उसके बाद मैं कई बार अपने फोन बदल चुका हूँ, इस वर्ष भी मात्र 7 दिन पहले ही फोन बदला है। मेरे पास एक पुराना 7 इंच का टचस्क्रीन फोन था, जिसका मैं अधिकतर उपयोग केवल किताबों को पढ़ने के लिये करता था, फिर मैंने किताब पढ़ने के लिये अमेजन किंडल का उपयोग करना शुरू कर दिया और यह 7 इंच का टैब मेरे पास फ्री हो गया। मैंने सोचा कि चलो इसको बेच देते हैं, क्योंकि अब वह टैब मेरे किसी काम नहीं आने वाला था। पर मैं निश्चय ही नहीं कर पा रहा था कि यह फोन बिकेगा भी या नहीं, क्योंकि टैब की तकनीक 3 वर्ष पुरानी हो चुकी थी, पर किताब पढ़ने के लिये ठीक था। मैंने ऑनलाईन स्टोर पर इस टैब को बेचने के लिये फोटो के साथ इसकी कीमत भी डाल दी।

सबसे आश्चर्य की बात है कि मेरे पास कई लोगों के चैट पर मैसेज आये और फोन आये, परंतु एक बंदा जो था वह बहुत ही जल्दी में था और उसको भी केवल किताब पढ़ने के लिये ही टैब चाहिये था, मैंने कहा कि आप पहले टैब देख लो और फिर निर्णय ले लो कि आपको यह टैब चाहिये या नहीं, वह बंदा राजी हो गया। हमने एक कॉमन जगह पर मिलने का समय निश्चित किया, जिससे वह बंदा टैब देखकर अपनी तसल्ली कर ले और मुझे मेरी लगाई गई कीमत दे दे। मैंने टैब को फॉर्मेट भी नहीं किया था और फेक्टरी रीसेट भी नहीं किया था, उसमें सारी किताबें वैसी की वैसी ही डाउनलोडेड थीं।

हम निश्चित समय पर मिले और उस बंदे ने लगभग 5-10 मिनिट तक टैब को अपने हाथ में लेकर देखा परखा और बोला कि मुझे या टैब पसंद है, हमने कहा ठीक है, हम इसे फेक्टरी रीसेट कर देते हैं, क्योंकि इसमें हमारे सारे लॉगिन वगैरह सुरक्षित हैं और कुछ निजी जानकारी भी है। उसने भी हामी भरी और कहा कि जो किताबें आपके पास हैं वे ईमेल कर दें, तो मैंने कहा कि वो किताबें मैं बाद में ईमेल कर दूँगा। हमने सेटिंग्स में जाकर टैब को फेक्टरी रीसेट कर दिया। अब यहाँ से समस्या की शुरूआत हुई कि जैसे ही हमने फैक्टरी रीसेट किया और वापिस से सेट करने लगे, तो कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम की एरर आ गई, हमें लगा कि हो सकता है कि कुछ समस्या हो गई हो, तो हमने वापिस से रिसेट किया और फिर से इंतजार करने लगे, इसी बीच बातों ही बातों में हम पास की कॉफी शॉप पर चले गये और कॉफी का ऑर्डर कर दिया, पता चला कि हम दोनों एक ही फील्ड से हैं और शौक भी बहुत से मिलते जुलते हैं। टैब रिसेट होकर वापिस से शुरू हुआ तो हमने देखा कि फिर से वही एरर आ रही है, हमने उस बंदे से कहा कि लगता है इस टैब को हमें छोड़ने के मन ही नहीं है, देखना घर पहुँचते ही ठीक हो जायेगा, वह बंदा भी हँसने लगा और कहने लगा कि दो बार देख लिया है, एक बार और रिसेट करके देख लो। हमने कहा यह भी सही है, कि एक बार और रिसेट करके देख लें। इसी बीच हमारी एक कॉफी खत्म हो चुकी थी, और रिसेट के बाद वापिस से तीसरी बार भी वही एरर आने लगी।

हमने उस बंदे से कहा कि एक काम करो, आप इस टैब को ले जाओ और जब आपको तसल्ली हो जाये तब आप इसके पैसे हमारे एकाऊँट में ट्रांसफर कर देना, उस बंदे ने कहा कि नहीं, जब तक टैब सही हालत में नहीं होगा वह लेकर नहीं जायेगा। नहीं तो उसके ऊपर टैब खरीदने का दबाब होगा। हमने कहा चलो ठीक है, हम घर जाकर फिर से कोशिश करेंगे, हो सकता है कि हो जाये और फिर हम आपको बता देंगे कि आप इस टैब को कब ले सकते हैं।

हम टैब लेकर घर चले आये, परंतु जितनी बार रिसेट किया, उतनी बार ही एरर आई, कुछ दिन हमने बहुत ट्राय किया परंतु कुछ नहीं हुआ, फिर वही हुआ कि हमने उस टैब को अपने ड्रॉअर के हवाले कर दिया और वह आज तक हमारे ड्रॉअर में ही है, और घर में पहली बार हमारे पास एक पुराना टैब फोन पड़ा ही रह गया।

अब इसके लिये कैशिफाई का ऑप्शन भी उपलब्ध है। जहाँ केवल 60 सेकंड में फोन बेचा जा सकता है। जो #CleanUpCashOut के काम आता है।

अगर आप भी कैशिफाई पर कुछ पुराना गैजेट बेचते हैं और CLEANCASH कोड का उपयोग करते हैं तो आपके Rs.250 ज्यादा मिलेंगे।

पॉकीमोन गो Pokémon Go

Pokémon Go
Pokémon Go

पॉकीमोन गो Pokémon Go एक खेल है जो कि मोबाईल फोन पर खेला जाता है, पिछले कुछ समय से उस खेल में मोबाईल गेमिंग की दुनिया में तहलका मचा रखा है। आधिकारिक तौर पर भारत में भी अब गूगल प्ले स्टोर पर पॉकीमोन गो खेल उपलब्ध है। इस खेल को नियान्टिक इनकार्पोरेशन नाम की कंपनी ने बनाया है और इस खेल को ऑफिशियली 6 जुलाई 2016 को रिलीज किया गया था।

पॉकीमोन गो Pokémon Go को एन्ड्रॉयड और एप्पल दोनों पर खेला जा सकता है, यह खेल फ्री है आप इसे डाऊनलोड कर सकते हैं यह 84.4 एम.बी. का है। इस खेल को खेलने के लिये आपको जीपीएस और डाटा कनेक्शन दोनों ही चाहिये होता है और कई बार यह खेल आपका कैमरा भी उपयोग करता है। यह खेल लोकेशन बेस होने के कारण रियल फीलिंग देता है।

इस खेल को खेलने के पहले आपको अपने आपको रजिस्टर करना होता है, आप अपने जीमेल खाते से भी लॉगिन कर सकते हैं। उसके बाद आपको पॉकीमोन स्टॉप पर से बॉल और अंडे लेने होते हैं और जब भी आप पैदल घूमते हैं तो आपको मोबाईल पर पॉकीमोन दिखते हैं तो आपको उन पॉकीमोन को बॉल फेंककर पकड़ना होता है और कई जगहों पर इनके जिम भी होते हैं।

इसमें कई तरह के पॉकीमोन होते हैं जो कि आपको पकड़ने होते हैं और इस खेल में कई लेवल हैं, जो कि आपको पॉइंट्स और पॉकीमोन के आधार पर बढ़ते हैं। जितना आप पैदल चलेंगे उतने ज्यादा पॉइंट्स आपको मिलते जायेंगे और आपके पॉकीमोन शक्तिशाली होते जायेंगे।

Gameplay screenshots of Pokémon Go
Gameplay screenshots of Pokémon Go

तो यह तो आप समझ ही गये होंगे कि पॉकीमोन खेल में चलना बहुत पड़ता है, अगर आप वाहन पर हैं तो एकदम से आपको चेतावनी मिल जायेगी कि आप वाहन चलाते समय पॉकीमोन गो नहीं खेलें, और अपने आस पास का ध्यान रखें। बेहतर है कि जब भी आप इस खेल को खेलें अपने आसपास भी ध्यान रखें और सावधानी पूर्वक खेलें।

विदेश में कई तरह की दुर्घटनायें हो चुकी हैं कि पॉकीमोन गो खेलते खेलते ही हाईवे और सड़कों पर आ गये और भयानक दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं। कई लोग आपस में टकरा चुके हैं और कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। ध्यान रखें कि खेल मनोरंजन के लिये बनाया गया है, परंतु मनोरंजन जान से ज्यादा कीमती नहीं है।

कई देश पॉकीमोन गो Pokémon Go को खेलने के लिये अपने नागरिकों के लिये चेतावनी जारी कर चुके हैं और कई शहरों में इस खेल को खेलने के लिये प्रतिबंध की भी बात की गई है। कई सार्वजनिक स्थानों पर पॉकीमोन गो खेलने के प्रतिबंध के बोर्ड लगाये गये हैं।

इस खेल के बारे में वर्ष 2014 में पहली बार सोचा गया था और 2016 में जब पॉकीमोन गो को रिलीज किया गया तो केवल कुछ ही देशों में इस खेल को डाऊनलोड के लिये दिया गया, धीरे धीरे जब कंपनी अपने सर्वरों को स्टेबल करने लगी तो उन्होंने अपना विस्तार बढ़ाना शुरू किया, 7 जुलाई 2016 को जब पॉकीमोन गो को बाजार में उतारा गया तो निन्टेन्डो कंपनी के शेयर 10 प्रतिशत बढ़ गये थे और 14 जुलाई तक तो शेयरों के भाव में 50 प्रतिशत का उछाल देखा गया, क्योंकि यह खेल रातोंरात प्रसिद्ध हो चुका था। इस तरह का कोई और खेल मोबाईल गेमिंग की दुनिया में पहली बार उतारा गया था।

रिलायंस जिओ का टेलीकॉम युद्ध

आज सुबह रिलायंस जिओ के प्लॉन समाचार पत्र में पढ़े तो देखकर ही दिमाग चकरघिन्नी हो गया। अब लगा कि रिलायंस जिओ, आईडिया एयरटेल की दुकानों पर भारी पड़ने वाला है, और रिलायंस जिओ का टेलीकॉम युद्ध शुरू हो गया है जो बाकी के सभी ऑपरेटर्स को बहुत भारी पड़ने वाला है, क्योंकि जिओ का सारा इन्फ्रास्ट्रक्चर नया है और उनकी कॉस्ट कम है, और बाकी के लोग हाथी हो चुके हैं। यहाँ तक कि इनके प्लॉन से अब ब्रॉडबैंड कंपनियों तक की बैंड बजने की उम्मीद है।

परसों ही ऑफिस के केन्टीन में लाईन से बैठे मोबाईल ऑपरेटर्स के डेस्कों पर गया और पूछने लगा कि अभी जो प्लॉन है, उससे मेरा काम नहीं चल रहा है। ज्यादा वाला प्लॉन बता दो, जिसमें लोकल और एस.टी.डी. दोनों ज्यादा हों, डाटा जितना है उतना ही चलेगा।

पहली डेस्क वोदाफोन जो अभी मेरा नेटवर्क ऑपरेटर है –

उनके प्लॉन देखे, तो कोई प्लॉन जमा ही नहीं, कहीं न कहीं कोई न कोई ट्रिक, ज्यादा कॉल्स तो डाटा प्लॉन में कमी, और डाटा ज्यादा तो कॉल में कमी। हमने कहा यार तुम लोग तो लूटने में ही लगे हो, और कितना निचोड़ोगे जनता को, Continue reading रिलायंस जिओ का टेलीकॉम युद्ध

आसुस जेनफोन 2 से अपने स्मार्टफोन के अनुभव को चार चाँद लगायें

जब से स्मार्टफोन उपयोग करना शुरू किया है तब से अब तक हमने बहुत कुछ अनुभव किया और ऐसा लगता रहा कि काश हमारा यह अनुभव ओर अच्छा होता, हम जो भी चीज चाहें वह हमारे हिसाब से ही काम करे, कम्पयूटर की दुनिया में यह संभव है कि कुछ चीजों को अलग से लगाकर आप अपने अनुभव को अपने कार्य करने के तरीके को उत्कृष्ट बना सकते हैं, पर छोटे से मोबाईल की दुनिया में यह कठिन ही नहीं हमेशा मुझे नामुमकिन लगा, और अभी भी असंभव ही लगता है, कई बार ऐसा लगा कि काश मेरा विन्डोज फोन को मैं ऑपरेटिंग सिस्टम एन्ड्रॉयड भी संस्थापित कर पाता, हालांकि अभी तक यह मेरी सोच ही है, अभी तक यह हार्डवेयर डिपेन्डेन्ट होने के कारण संभव भी नहीं हो पाया है।

 

स्मार्टफोन में सबसे बड़ी समस्या है बैटरी बहुत ही जल्दी खत्म होती है, और 3जी चलाने पर तो ऐसा लगता है कि किसी ने बैटरी के पानी के सारे नल एकसाथ खोल दिये हैं, और फिर से बैटरी चार्ज करने में लगने वाला ज्यादा समय और ज्यादा परेशानी का सबब है। हमारा स्मार्टफोन हमेशा ही बहुत सारी एप्प से भरा रहता है और हम हमेशा कई सारी एप्प का उपयोग एक साथ करते हैं, तो हमारा स्मार्टफोन का उपयोग करने का अनुभव हमेशा ही खराब रहता है और हम देखते हैं कि हमारा स्मार्टफोन या तो धीमा काम करने लगा है या फिर हैंग हो गया है और हमेशा ही यह अनुभव तकलीफदेह होता है। हमेशा ही मेरा बेटा फोन पर गेम्स खेलने का शौकीन रहा है और हमेशा ही मुझे शिकायत करता है कि डैडी यह स्मार्टफोन बेकार है, हमेशा ही मेरे गेम्स खेलने के बीच में ही हैंग हो जाता है या फिर इसका वीडियो खराब हो जाता है, इसका वीडियो गड़बड़ा जाता है, क्योंकि इसकी रैम बहुत कम है।

 

मोबाईल के जमाने में सेल्फी तो बनती ही है, और अगर फ्रंट कैमरा ठीक न हो तो सेल्फी भी अच्छे नहीं आते हैं, और अब अलग से कैमरा ले जाने का जमाना भी नहीं है, अगर कहीं घूमने भी गये तो पूरा ट्रिप हम अब कैमरे से ही शूट करते हैं, इस काम के लिये हमारे मोबाईल का कैमरा भी अच्छा होना चाहिये, जिससे हमारी यादें आगे के लिये हम सहेज सकें।

 

मुझे ऐसा लगता है कि आसुस जेनफोन 2 मेरे स्मार्टफोन के अनुभव को एक नया ही अवतार देने में सक्षम है और इसके लिये ये पाँच मुख्य फीचर आसुस जेनफोन 2 के हैं –

 

  1. आसुस जेनफोन 2 में 4 जीबी रेम है तो मेरा गेमिंग अनुभव और वीडियो का अनुभव बहुत ही अच्छा होगा।
  2. बैटरी खत्म होने के बाद केवल 39 मिनिट में ही 60 प्रतिशत बैटरी चार्ज हो जायेगी। जिससे मेरी जिंदगी ज्यादा आसान हो जायेगी।
  3. अब मैं बिना फ्लेश के भी अँधेरे में साफ फोटो ले सकता हूँ, क्योंकि यह 400 प्रतिशत ज्यादा ब्राईटन के साथ रात में फोटो खींच सकता है।
  4. 2.3 GHz के प्रोसेसर से मेरे सारे एप्प बहुत ही तेज रिस्पाँस देंगे और मेरा स्मार्टफोन अनुभव बहुत ही उम्दा होगा। मेरा वीडियो भी अच्छा दिखेगा।
  5. रियर कैमरा 13 मेगा पिक्सल और फ्रंट कैमरा 5 मेगा पिक्सल होने से मेरे सेल्फी बहुत ही अच्छे और मेरे ट्रिप के सारे फोटो अच्छे आयेंगे।

 

तो बस अब मुझे है इंतजार आसुस जेनफोन 2 के लांच होने का, और मैं अपने स्मार्टफोन के अनुभव को और परिष्कृत कर सकूँगा।

900रू. के मोबाईल से 9 लाख रू. की गाड़ी चोरी से बचाई

   हम जीवन में मेहनत करते हैं, आगे बढ़ते हैं और अपने यत्नों से प्रगति पथ पर अग्रसर होते हैं। कार हमारे जीवन की एक मूलभूत सुविधाओ में शामिल हो जाती है, जब हम कार को अफोर्ड कर सकते हैं। कई बार दोपहिया वाहन हमारे दैनिक आवाजाही के लिये उपयुक्त नहीं होता है, क्योंकि कई बार हमें हाईवे पर ही सफर करना पड़ता है, कार जीवन में एक महँगा साधन है, और हर कोई कार को अपने सपनों की कार मानकर ही लेता है, जब हम अपना सपना सच कर लेते हैं, तो हमें यह भी ध्यान रखना चाहिये कि हमारे सपनों में कोई सेंध न लगा दे, कोई कार या गाड़ी को चुरा न ले। हालांकि गाड़ी चोरी के लिये बीमा होता है, परन्तु अगर हम ध्यान रखें और सावधानी बरतें तो हम सेंध लगाने से रोक सकते हैं।

   अभी गुड़गाँव में ही एक केस हुआ था और अपनी सूझबूझ से उसने अपनी कार को वापस पा लिया। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने होंडा की मोबिलिय कार 9 लाख रूपये की खरीदी थी और उनके एक मित्र ने उन्हें एक मशविरा दिया कि आप अपनी कार में एक मोबाईल में सिम डालकर वाइब्रेट मोड में रख दें,तो उन्होंने भी उनके मित्र की राय मान ली, और एक 900 वाला मोबाईल लिया उसमें सिम डालकर कार में छिपाकर रख दिया। हर दूसरे तीसरे दिन चार्ज भी कर देते थे, जिससे मोबाईल डिस्चार्ज न हो पाये।

   शाम को ऑफिस से आने के बाद जब इन भाईसाहब ने रात को अपने घर के सामने अपनी हाँडा मोबिलिया खड़ी की, और अगले दिन सुबह जब उन्होंने देखा कि उनकी गाड़ी गायब तो उनके तो होश फाख्ता हो गये, उन्होंने तत्काल ही पुलिस को फोन किया और थोड़ी ही देर में पुलिस उनके घर पर थी, और इन भाईसाहब ने सबसे बड़ी गलती यह की कि गाड़ी के कागज भी गाड़ी में ही छोड़ दिया थे। पुलिस भी मुँह लटकाकर केस लिख रही थी, पर जैसे ही इन्होंने बताया कि गाड़ी में एक मोबाईल रखा छोड़ दिया है तो पुलिस वाले खुश हो गये और बोले कि आप हर 10-15 मिनिट में एस.एम.एस. करिये और हर 30 मिनिट में कॉल करते रहिये, पुलिस ने अपनी साईबर टीम की मदद ली और मोबाईल को ट्रेस कर 3-4 घंटे में ही गाड़ी ढ़ूँढ़ ली गई।

   तो केवल 900 रू. के मोबाईल रखने की होशियारी से उनकी 9 लाख की गाड़ी चोरी होने के बाद मिल गई। जब गाड़ी मिली तो उसका इग्निशियन लॉक और गियर लॉक दोनों ड्रिल करे हुए मिले, पर सबसे बड़ा संतोष यह था कि गाड़ी वापिस मिल गई। गाड़ी तो गाड़ी होती है और चोर चोर होते हैं, उन्हें 4 लाख या 9 लाख से कोई अंतर नहीं पड़ता है, तो बेहतर है कि हम भी गाड़ी में एक 900-1000 वाला मोबाईल जिसका बैटरी बैकअप अच्छा हो, छिपाकर रख दें, मुझे सबसे बेहतरनोकिया 105 लगा, जो कि फ्लिपकार्ट पर केवल 1085 रू. में उपलब्ध है।

नई शुरूआत मोटो ई के साथ

    हमेशा दुनिया में आदमी को नया सीखने की चाहत होती है, और हर कोई नई तकनीक को अपनाना चाहता है जिससे वह भी सभ्य समाज में जाना जाये और उसकी समाज में अच्छी पहचान बने । समाज में उसे जाना जाये और कोई भी नई तकनीक में विशेषज्ञता हासिल हो तो समाज हमेशा से ही उन व्यक्तियों को अलग ही पहचान देता है। जब से मोबाईल आम हाथों में आया है या यूँ कहें कि विलासिता की श्रेणी से मोबाईल हर व्यक्ति के जीवन की जरूरत बन गई है तब से मोबाईल क्षैत्र मे क्रांति आ गई है। पहले मोबाईल फोन कुछ ज्यादा ही भारी होते थे, जो कि केवल मैसेज और कॉल करने तक ही सीमित थे। पर जब इसी मोबाईल में कुछ और सुविधाएँ आ गईं तब से मोबाईल में एक से एक फीचर आने लगे।

    मेरे पास 13 वर्ष पहले एक मोटोरोला का फोन था जिसमें कुछ ज्यादा फीचर नहीं थे परंतु हाँ उसकी बैटरी जबरदस्त थी, फिर तो मैंने कई मोबाईल बदले जिसमें इंटरनेट तक की सुविधा थी, पर उसमें सारा मजा इसलिये किरकिरा हो जाता था कि किसी भी मनचाही जगह पर हम क्लिक नहीं कर सकते थे। अब हमने सोचा कि कीपैड के साथ वाले मोबाईल को त्याग कर मोटोरोला का नया मोटो ई स्मार्टफोन से टचस्क्रीन की दुनिया में प्रवेश करने का फैसला किया, इसमें हमें टच का मजा लेने को मिलेगा जो कि आज हर दूसरे व्यक्ति के पास होता है और हमें लगा था कि हम तकनीक की दुनिया में पिछड़ने लगे हैं।
    हम अपने मोबाईल पर एन्ड्रॉयड के नये एप्प के मजे ले पायेंगे, नये नये गेम्स के मजे ले पायेंगे, फिल्में देख पायेंगे और सबसे मजे की बात कि हम ये सब केवल टच करके कर पायेंगे, जीपीएस का बेहतरीन उपयोग कर पायेंगे और बड़ी स्क्रीन का मजा ले पायेंगे, रंग तो मोबाईल की स्क्रीन पर बेहतरीन दिखेंगे ही, मैं तो यह सब सोचकर ही रोमांचित हूँ कि मेरे पास टच स्क्रीन का फोन होगा। जिस पर मैं घर पर वाई फाई को भी कनेक्ट कर पाऊँगा, बहुत सारे गेम्स जो दूसरे लोग अपने टच स्क्रीन वाले मोबाईल पर खेलते हैं, और मैं उनको देखकर लालायित होता रहता था, अब मैं भी खेल पाऊँगा। अब मुझे किसी भी तरह की सुविधा के लिये तरसना नहीं  पड़ेगा। 
    इसमें 8 जीबी आँतरिक मैमोरी है और इसमें दो सिम लग सकती हैं, जिससे मैं दो फोन रखने की असुविधा से भी बच पाऊँगा।  5 मेगापिक्सल के कैमरा होने से कम से कम अब मुझे अपना कैमरा साथ में नहीं रखना होगा, गाने या वीडियो रखने
के लिये 32 जीबी की बाहरी मैमोरी तक का समर्थन है। इसमें 1 जीबी रैम होने से मुझे हर एप्प में अधिकतम रफ्तार मिलेगी और फोन हैंग भी नहीं होगा और मैं इससे वीडियो भी रिकार्ड कर पाऊँगा। इसमें एक्सेलेरोमीटर, लाईट सेन्सर और प्रोक्सीमिटी सेन्सर होने से मेरे इस टच स्क्रीन फोन का मजा दोगुना हो जायेगा। फोन का वजन मेरे पहले वाले फोन से बहुत कम है और इसकी बनावट भी बहुत अच्छी है।
    इतने बेहतरीन फीचर्स वाला फोन अगर मिल जाये तो इससे बेहतर बात क्या हो सकती है। जिंदगी में हमें बदलाव के लिये हमें प्रयास करने चाहिये और मैं बदलाव लाऊँगा अपनी जिंदगी में मोटो ई टच स्क्रीन फोन से।  #ChooseToStart with the new Moto E!

आसुस जेनफोन मोबाईल जिसमें हैं मेरी वेलेन्टाइन के सारे गुण

    सभी को ऐसी प्रेमिका चाहिये होती है जो दुनिया से जुदा हो, अलग हो, सुन्दर हो, अप्रितम हो, दिलकश हो, नाजनीन हो, पतली हो, लंबे बाल हों और भी न जाने क्या क्या !! वक्त बदल रहा है वैसे ही प्रेमिका की परिभाषा भी बदल रही है और कुछ
लोग तो हर वेलन्टाईन पर नयी प्रेमिका के साथ दिखाई देते हैं, खैर जो है उसे वैसा ही रहने देते हैं, हम दुनिया को बदलने की कोशिश न ही करें, क्योंकि यह नितांत व्यक्तिगत मामला है और हमें उस बारे में बात नहीं करनी चाहिये, क्योंकि वाकई यह बात कुछ लोगों के ऊपर बिल्कुल सटीक होती है।
 वैसे मेरी नई प्रेमिका है आसुस जेनफोन A601CG Gold और इसके मुख्य पाँच कारण हैं – 

1.    सुनहरा रंग – जी हाँ सुनहरा रंग आखिर दिखने में अच्छा लगता है, दूर से ही आकर्षण पैदा करता है, कहीं भी दूर से ही कोई भी देखकर पहचान सकता है। और मुझे तो दूर से ही देखकर लगने लगता है कि वाह मेरी प्रेमिका मुझे दिख रही है, और वह भी बिल्कुल केवल मेरी क्योंकि इस रंग का कोई और फोन कहीं भी किसी के पास मिलेगा ही नहीं और दूसरे की प्रेमिका से रश्क तभी होता है जब उसमें कुछ खास होता है। और कोई भी देखकर ही कहे कि भाई ये तो उसकी प्रेमिका है। 

2.    पतला और अच्छा दिखना – मोबाईल तो वही अच्छा होता है जिसे कोई भी परिचित देखे और कम से कम एक बार अपने हाथ में लिये बिना न रह सके, और अपरिचित लालच भरी नजरों से देखता रहे, कि एक बार जेब में हम मोबाईल रखें तो वह केवल इस बात का इंतजार करता रहे कि कब ये जेब से फोन निकाले और कब उसके दर्शन हों। आसुस जेनफोन को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह तकनीक और बनावट का एक सम्पूर्ण मिश्रण है। 

3.    13 एवं 2 मेगापिक्सेल का कैमरा – जब मैं तैयार होऊँ तो मैं कैसा दिखूँगा, वह मैं कैमरे की नजरों से देखना पसंद करता हूँ, और जब मैं किसी का भी फोटो खींचू तो कम से कम पिक्सेल टूटें और फोटो सुस्पष्ट, दोष रहित हो । वीडियो चैटिंग में तो यह किसी भी तरह से बेमिसाल होगा, लोग मेरी वीडियो क्वालिटी देखकर ही सोचते रहेंगे कि मैं आखिरकार कौन सा फोन उपयोग में लाता हूँ कि मेरी वीडियो इतनी साफ है

 4.    16 जीबी आंतरिक और 64 जीबी बाहरी मैमोरी – आजकल बहुत ही बड़े बड़े एप्प बाजार में आ रहे हैं, और बाहरी मैमोरी में स्टोर होने से फोन की गति अत्यंत धीमी हो जाती है, पर इस फोन में 16 जीबी आंतरिक मैमोरी होने से फोन की गति तीव्र रहती है, और किसी भी कार्यवाही की प्रतिक्रया काफी तेज होती है। यहाँ तक कि इस फोन की स्क्रीन 6 इंच है पर किसी भी एप का गतिप्रदर्शन लाजबाब होता है

 5.    3300 mAh बैटरी और 3 जी – आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में जैसे हम अपने आप को सोकर चार्ज करते हैं वैसे ही फोन को भी उसकी जरूरत होती है, पर हमारी बैटरी से इस फोन की बैटरी जबरदस्त ताकतवर है और 6 इंच का फोन और लगातार 3 जी के उपयोग होने के बावजूद इसकी बैटरी काफी चलती है और कभी भी बीच में धोखा नहीं देती है। 

    जब इतनी जबरदस्त मोबाईल फोन रूपी मेरी प्रेमिका होगी तो अपना रंग और ढंग भी बदल जायेगा, दुनिया देखेगी कि वो देखो आसुस जेनफोन A601CG Gold उसकी वेलेन्टाइन है।

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स्पर्श की संवेदनशीलता (BringBackTheTouch)

    पहले हम लोग एक साथ बड़ा परिवार होता था, पर अब आजकल किसी न किसी कारण से परिवार छोटे होने शुरू हो गये हैं, पहले परिवार में माता पिता का भी एक अहम रोल होता था, परंतु आजकल हम लोग अलग छोटे परिवार होते हैं, और अपनी छोटी छोटी बातों पर ही झगड़ पड़ते हैं, पर पहले परिवार एक साथ रहने पर समझदारी से सारी बातों का निराकरण हो जाता था, छोटे झगड़े बड़ा रूप नहीं लेते थे।
    केशव और कला एक ऐसे ही जोड़े की कहानी है, जब तक वे संयुक्त परिवार के साथ रहे, तब तक जादुई तरीके से उनका जीवन सुखमय था, वे आपस में अंतर्मन तक जुड़े हुए थे। परंतु केशव को अच्छे कैरियर के लिये भारत से दूर विदेशी धरती पर जाना पड़ा, केशव और कला दोनों ही बहुत खुश थे, आखिरकार भारत से बाहर जाने का हर भारतीय दंपत्ति का सपना होता है, जो उनके लिये साकार हो गया था।
    यह पहली बार था जब वे संयुक्त परिवार से एकल परिवार में होकर रहने का अनुभव करने जा रहे थे, पहले पहल दोनों को बहुत मजा आया, परंतु जैसे जैसे दिन निकलते गये, केशव की व्यस्तता बड़ती गई, और कला घर में अकेले गुमसुम सी रहने लगी, केशव भले ही शाम को घर पर होता था, पर हमेशा ही काम में व्यस्त और यही आलम सुबह का भी था। ना ढंग से नाश्ता करना और ना ही भोजन, कला भी क्या बोलती, कई बार बोलने की कोशिश की परंतु, कुछ न कुछ कला को हमेशा बोलने से रोक लेता और कला रोज की भांति अपने में सिमटना शुरू हो जाती।
    हर चीज को किसी एक बिंदु तक ही सहन किया जा सकता है, वैसे ही कला का एकांत था, वह दिन कला और केशव के लिये मानो परीक्षा की घड़ी बनकर आया था, कला केशव के ऑफिस से आते ही उस पर टूट पड़ी, बिफर पड़ी, आखिर मेरे लिये समय कब है, क्या मैं यहाँ केवल और केवल कठपुतली बनकर रहने आई हूँ, मैं भी इंसान हूँ मुझे भी तवज्जो चाहिये, मुझे भी तुमसे बात करने के लिये तुम चाहिये, इस खुली हुई दुनिया में मैं अपने आप को कैद पाती हूँ और घुटन महसूस करती हूँ। केशव कला की बातों को बुत के माफिक खड़ा सुनता रहा, और उसे अपनी गलती का अहसास हुआ, आखिरकार कला का एक एक शब्द सच था, ना उसके पास बात करने का समय था और ना ही कला को कला की बातें महसूस करने के लिये वक्त था।


    कला केशव के सामने फफक फफक कर रो रही थी, केशव धीमे धीमे कला के नजदीक गया और कला को अपनी बाँहों में भरकर गालों से गालों को सटाकर कह रहा था, बस कला मुझे समझ आ गया है कि मैं कहाँ गलत हूँ । अब आज से मेरा समय तुम्हारा हुआ, केशव के स्पर्श से कला का गुस्सा और अकेलापन क्षण भर में काफूर हो गया, स्पर्श के स्पंदन को कला और केशव दोनों ही महसूस कर रहे थे, कला और केशव दोनों ने आगे से अपना समय आपस में बिताने का निश्चय किया।

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    यह कहानी #BringBackTheTouch http://www.pblskin.com/ के लिये हमने लिखी है । स्पर्श को आपस में महसूस करिये, जीवन में नई ऊर्जा मिलेगी।
इस वीडियो में निम्रत और पराम्ब्रता को स्पर्श की संवेदनशीलता को दर्शाते हुए देखिये, आपको स्पर्श के महत्वत्ता पता चलेगी – Watch the video to witness Nimrat and Parambrata #BringBackTheTouch.