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डीमैट के जरिये म्यूचयल फ़ंड में निवेश करने के फ़ायदे..

डीमैट के जरिये म्यूचयल फ़ंड में निवेश करने का सबसे बड़ा फ़ायदा होता है कि आपको किसी भी पेपर पर हस्ताक्षर नहीं करने होते हैं, जब आप ऑफ़लाईन याने कि किसी ब्रोकर या सीधे कंपनी से म्यूचयल फ़ंड लेते हैं तो उसमॆं आपको बहुत सारे पेपर पर हस्ताक्षर करना पड़ते हैं, और नये निवेश के लिये, स्थानांतरण और निवेश निकालने के लिये भी पेपर का ही उपयोग करना पड़ता है।

डीमैट के जरिये निवेश करने से आपको किसी भी पेपर का सहारा नहीं लेना पड़ेगा, निवेश संबंधित सारे लेने देन बिना किसी पेपर के कर सकते हैं । डीमैट में निवेश लेने से ऐसा कोई फ़ायदा नहीं है कि आपको रिटर्न ज्यादा मिल सके, क्योंकि इसका आपके निवेश पर कोई असर नहीं होने वाला है। डीमैट के जरिये निवेश करने से केवल आपको निवेश करने की सुविधा अच्छी हो जाती है, आप आराम से निवेश कर सकते हैं।

बस यहाँ पर आपको डीमैट के शुल्क जो भरने पड़ते हैं वे तो लगेंगे ही उसके अलावा आपको म्यूचयल फ़ंड खरीदने और बेचने का ब्रोकरेज भी देना पड़ेगा जो कि अलग अलग ब्रोकरेज कंपनियों के अलग अलग होते हैं। बस इससे निवेश की सुविधा अच्छी हो जाती है, आप ऑनलाईन खरीद सकते हैं, ब्रोकरेज हाऊस की ब्रांच में डीलर को फ़ोन करके भी खरीद सकते हैं ।

भारतीय मानसिकता घाटे में बाहर निकलने की नहीं है

हाल ही में ऐसे बहुत सारे लोगों से मिलना हुआ जो कि शेयर बाजार की समझ नहीं रखते परंतु फ़िर भी शेयर बाजार में अपना निवेश कर बैठे थे, वह भी तब मतलब कि २००८ – २००९ जब बाजार अपनी उच्च अवस्था पर था। उस समय हालात यह थे कि जिसको कुछ पता नहीं था वह भी शेयर बाजार में रूचि लेने लगा था और अपना निवेश बाजार में करके उस रैली का फ़ायदा उठाना चाहता था, परंतु उसे शेयर बाजार के मुगलों की जानकारी नहीं थी, जैसे ही आम आदमी का पैसा शेयर बाजार में आया, मुगलों ने अपनी कारीगरी दिखाई और बाजार को आसमान से उठाकर जमीन पर पटक दिया।

और ये नये निवेशक केवल बाजार को औंधे मुँह गिरते देखते रहे, चूँकि इन्होंने अपने गाढ़ी कमाई का पैसा लगाया था तो सोचा कि घाटा लेने से अच्छा है कि थोड़ा इंतजार कर लिया जाये और जब अपने भाव मिल जायेंगे तब बाजार से बाहर हो जायेंगे, परंतु उनका दुर्भाग्य कि वह दिन कभी नहीं आया। क्योंकि उन दिनों अच्छी कंपनियों के साथ साथ बेकार कंपनियों के भाव भी आसमान छू रहे थे, ये नवागत निवेशक अपने आप को उस बाजार में शामिल कर अपने आप को फ़न्ने खाँ समझ रहे थे। आज की हालात में भी उनके पोर्टफ़ोलियो ७०% घाटा दर्शा रहे हैं, हम तो उन्हें अब भी यही सलाह दे रहे हैं कि ३०% जो मिल रहा है उसे निकालकर किसी अच्छी म्यूचयल फ़ंड में डाल दो, तो अगले कुछ अरसे में कम से कम आपने जितना पैसा लगाया था उतना तो हो ही जायेगा।

किंतु भारतीय मानसिकता घाटे में बाहर निकलने की नहीं है, हमें तो बस सुनहरे स्वप्न देखने को चाहिये, जब घाटा होता है तो कहते हैं कि अपनी तो किस्मत ही खराब थी, और जब मुनाफ़ा होता है तो कहते हैं देखा अपनी अक्ल का कमाल, हारना किसी को अच्छा नहीं लगता । परंतु निवेश जो कि आम इंसान अपनी गाढ़ी कमाई से करता है उसे अपने निवेश को हमेशा व्यावसायिक नजरिये से देखना चाहिये।

हमेशा निवेश करते समय अपना घाटा सहने की शक्ति का आकलन कर लें, हमेशा स्टॉप लॉस लगाकर बाजार में निवेश करें, अगर अच्छी कंपनी में निवेश कर रहे हैं तो उसके अच्छे परिणामों का इंतजार भी करें। परंतु हमारे भारतीय निवेशक करते हमेशा उल्टा हैं। बाजार में निवेश का कोई समय बुरा नहीं होता, फ़िर भले ही इन्डेक्स कम हो या ज्यादा । केवल निवेशक को अपनी रकम ऐसी कंपनी में निवेश करनी चाहिये जो उस समय कम भाव पर हो, और इसके लिये तगड़े विश्लेषण और अपने कुछ अच्छे जानकारों की सलाह लेनी चाहिये।

जैसे कि घाटे के लिये आकलन करना चाहिये बिल्कुल वैसे ही मुनाफ़े का भी पहले से आकलन करना चाहिये, अगर १०% के मुनाफ़े की उम्मीद कर रहे हैं तो बेहतर है कि उतने पर ही मुनाफ़ा लेकर बाहर हो जायें, परंतु हमारे यहाँ के निवेशक इस पर भी ध्यान नहीं देते, हमारे यहाँ के निवेशक को जरूरत है बेहतर विश्लेषण की जो कि उसे खुद करना चाहिये, हमेशा ध्यान रखें अगर कोई निवेशक को टिप दे रहा है कि फ़लाना शेयर खरीद लें या बेच दें तो उसमें कहीं ना कहीं उसका निजी स्वार्थ है। कार्य हमेशा वही करना चाहिये जिसमें आपको खुद ज्ञान हो, दूसरों के भरोसे दुनिया में कभी नहीं चला जाता, दूसरों के भरोसे चलने वाले हमेशा धोखा ही खाते हैं। बेहतर है कि पहले सीखें और फ़िर कुछ करें ।

निवेश कब और कहाँ करना चाहिये ? निवेश के लिये सबसे अच्छी क्या है ? (Where and how to Invest ? what is the best investment ?)

निवेश कब और कहाँ करना चाहिये ? निवेश के लिये सबसे अच्छी क्या है ?

इस तरह के बहुत सारे प्रश्न मन में घुमड़ते रहते हैं और हम यही चीज हमेशा ढूँढ़ते रहते हैं।

    निवेश सभी जगह करना चाहिये और कहाँ और कैसे करना चाहिये यह पूर्णतया: व्यक्तिगत होता है, यह निर्भर करता है कि निवेशक की उम्र क्या है, उसकी क्या वित्तीय और पारिवारिक जिम्मेदारियाँ हैं और निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता ।

    जैसे हमें भोजन में रोज अलग अलग व्यंजन चाहिये कोई एक व्यंजन जो हमें अच्छा लगता है उसे हम लगातार नहीं खा सकते, अगर खा भी लिया तो एक समय के बाद उसी प्रिय व्यंजन से चिढ़ हो जाती है, इसलिये सभी व्यंजन का उपभोग करते हैं, वैसे ही निवेश है, अगर कोई एक निवेश की जगह पसंद है तो ये हो सकता है कि आपका जोखिम ज्यादा हो और फ़ायदे की जगह नुक्सान ज्यादा हो जाये या फ़िर साधारण फ़ायदा भी न हो। एक अंग्रेजी की कहावत है कि अपनी फ़लों की डलिया में सभी प्रकार के फ़ल रखें।

    उम्र के अनुसार निवेशक को निवेश करना चाहिये, उम्र निवेश के लिये एक बहुत बड़ा कारक है। साधारण सिद्धांत यह है कि जितनी उम्र है उतना प्रतिशत निवेश हमेशा सुरक्षित जमा में करें, जैसे कि पी.पी.एफ़. (PPF), एफ़.डी. (FD), किसान विकास पत्र और इसी प्रकार के अन्य निवेश, इसमॆं अपना पी.एफ़. (PF) भी जोड़ें क्योंकि यह भी एक सुरक्षित निवेश ही है। अपनी उम्र को १०० में से घटा लें, अब जितनी उम्र है उतना निवेश तो सुरक्षित निवेश में ही करना है और बाकी का बचा हुआ अपने जोखिम और जानकारी के अनुसार निवेश करना है, जैसे कि शेयर (Equity), म्य़ूचयल फ़ंड (Mutual Fund), कमोडिटी (Commodity), Metal (सोना, चांदी), जमीन इत्यादि।

    अगर एक २२ वर्षीय युवक / युवती कहे निवेश के लिये तो उसे सलाह होगी कि वे अपनी बचत का २२ % निवेश सुरक्षित जमा में करे । और बाकी का ८८ % बाजार में निवेश करे।

    परंतु ध्यान रखें व्यक्ति खासकर नौकरी पेशा व्यक्ति को जोखिम ४५ वर्ष तक की आयु तक ही लेना चाहिये उसके बाद उसे अपना निवेश सुरक्षित जगह में ही करना चाहिये, क्योंकि जो जोखिम वाले निवेश हैं उनकी समय सीमा कम से कम १० वर्ष माननी चाहिये तभी ये निवेश अच्छे रिटर्न दे सकते हैं।

आज फ़िर भारतीय बाजारों के लिये काला सोमवार है (Today again a Black Monday for Indian Share Market..)

काला सोमवार     आज फ़िर से भारतीय बाजारों के लिये काला सोमवार है, आज सेन्सेक्स कितना नीचे जाता है यह तो बाजार खुलने के बाद ही पता चलेगा, मगर शेयर बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार सेन्सेक्स १५,००० का लेवल तोड़ सकता है। शनिवार और रविवार यूरोप और भारत के बाजार बंद रहते हैं, परंतु मिडिल ईस्ट के बाजार खुले होते हैं और वहाँ भारी गिरावट देखने को मिली है। मसलन सऊदी अरब, UAE, इस्राइल, कुवैत यहाँ के बाजारों में ७% तक की गिरावट दर्ज की गई है।

काला सोमवार बम     दरअसल शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद स्टैंडर्ड् एन्ड पूअर्स (Standard and Poor’s) ने अमेरिका की डेब्ट रेटिंग AAA से AA+ कर दी, अमेरिका की रेटिंग कम होने से उन संस्थाओं पर अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दबाब पढ़ने लगा है जो कि केवल AAA रेटिंग वाले देशों में ही निवेश कर सकते हैं, इसका मतलब यह हुआ कि अब अमेरिका से निवेश निकलकर AAA रेटिंग वाले देशों में याने कि जर्मनी, फ़्रांस, कनाडा और ब्रिटेन में जायेगा। यहाँ तक कि स्टैंडर्ड और पूअर्स ने अमेरिका को यह भी चेताया है कि  अगले कुछ दिनों में अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था नहीं सुधरी तो अमेरिका की डेब्ट रेटिंग AA+ से घटाकर AA की जा सकती है।

आज के परिदृश्य में भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक परिस्थितियों का गहन असर पड़ता है। इसलिये आने वाला समय बाजारों के लिये ठीक नहीं है, शेयर बाजार विशेषज्ञों की राय में अभी बाजार में निवेश करने से बचें और निचले लेवलों पर धीरे धीरे निवेश करते रहें, एकसाथ निवेश न करें।

अमेरिका देश की साख दाँव पर लगी है, अब देखते हैं कि ओबामा सरकार इससे कैसे निपटती है या अपने देश की डेब्ट रेटिंग AA या AA- पर आने देती है।

एक बात और स्टैंडर्ड और पूअर्स के चैयरमैन हैं देवेन शर्मा जो कि झारखंड के जमशेदपुर से हैं, और उन्होंने अपनी टीम के साथ ओबामा की छुट्टी कर दी।

स्टैंडर्ड और पूअर्स के बारे में ज्यादा जानने के लिये क्ल्कि करें।

अक्षय तृतिया सोना चाँदी कैसे खरीद रहे हैं, डीमैट में या ईंट ? (Purchasing Gold Silver in which form dMat or Physical on Akshay Tritiya)

    अक्षय तृतिया आ रही है, और यह सोना खरीदने के लिये जानी जाती है, इसी दिन बड़ी संख्या में विवाह भी होते हैं, इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहुर्त के शूरु किया जा सकता है।

    अक्षय तृतिया आते ही सोने चांदी के व्यापारियों ने अपने विज्ञापन बड़े बड़े होर्डिंग पर लगाने शुरु कर दिये हैं, कोई नकद पर ५% वापसी का लालच दे रहा है तो कोई कार ईनाम में दे रहा है। सोना चांदी खरीदने के लिये  तरह तरह के लुभावने ऑफ़र बाजार में दिये जा रहे हैं। अब क्या खरीदना है वह तो जरूरत पर निर्भर करता है।

    वैसे तो अक्षय तृतिया पर सोना ही खरीदा जाता है, परंतु इस एक वर्ष में चाँदी ने इतनी तेजी दिखाई कि एक वर्ष में १३५ प्रतिशत बढ़ गई और सोना १०-२० प्रतिशत तक ही बढ़ा। जानकारों का कहना है कि अगले वर्ष के लिये सोना खरीदने पर १५-२० प्रतिशत और चाँदी खरीदने पर ३०-४० प्रतिशत तक मुनाफ़ा हो सकता है।

    अगर जरुरत गहने पहनने की है तो कुछ कहने की जरूरत ही नहीं, परंतु अगर गहने की जरूरत नहीं है तो फ़िर इसे डीमैट में खरीदें, इससे गहने बनने की लागत भी बचेगी और बेचने पर सुनार द्वारा काटे जाने वाला प्रतिशत भी बचेगा।

    एन.एस.ई. पर ईसिल्वर और ईगोल्ड दोनों ही मौजूद हैं, ईसिल्वर १०० ग्राम के और ईगोल्ड १ ग्राम के मूल्य वर्ग में उपलब्ध हैं, बस खरीदते और बेचते समय ब्रोकरेज लगेगा।

आम व्यक्ति के लिये निवेश के कुछ नुस्खे (Some tips for Investment for All)

    आज सबसे बड़ी समस्या है कि कैसे बेहतर तरीके से अपने धन का निवेश करें, और मेहनत से कमाये गये धन का उपयोग करें। धन अर्जन तो सभी करते हैं, परंतु उस धन को अपने भविष्य के लिये निवेशित करना भी अपने आप में चुनौती है। साथ ही अपने लक्ष्य को कैसे निर्धारित करें, परिवार को आर्थिक रुप से कैसे सुरक्षित रखें, यह सब भी बहुत जरूरी है।

    धन को निवेश करने के कुछ नुस्खे जो दिखने में छोटे हैं परंतु भविष्य की योजनाओं के लिये उतने ही कारागार भी हैं –

१. ८० सी आयकर अधिनियम के तहत पूरी बचत करें।

२. ८० डी आयकर अधिनियम के तहत बचत करें (मेडिक्लेम अगर उपयोक्ता ने ना दिया हो या फ़िर कम राशि का हो)

३. २०,००० रुपयों का इन्फ़्रास्ट्रक्चर बांड निवेश जो कि पिछले वित्तीय वर्ष से ही शुरु हुआ है।

४. अपनी बचत को अपनी जोखिम के अनुसार निवेश करें, अगर ज्यादा जोखिम ले सकते हैं तो शेयर बाजार में और कम जोखिम के लिये म्यूचुअल फ़ंड एस.आई.पी. में निवेश करें, बिल्कुल जोखिम न लेना चाहें तो फ़िर बैंक में सावधि जमा का उपयोग कर सकते हैं, साथ ही एम.आई.पी. डेब्ट फ़ंड भी बहुत सुरक्षित है, बस यहाँ ब्याज दर निश्चित नहीं होती।

५. ८० सी के तहत आयकर बचाने के लिये परंपरागत बीमा में निवेश करने से बचें, टर्म इन्श्योरेन्स लें (अपनी सालाना आय का २० गुना तक ले सकते हैं), परिवार को आर्थिक सुरक्षा दें, और बाकी का बचा हुआ धन ई.एल.एस.एस. म्यूचयल फ़ंड एस.आई.पी. के जरिये निवेश करें।

६. जब भी एस.आई.पी. म्यूचयल फ़ंड शुरु करें चाहें वह ई.एल.एस.एस. हो या किसी ओर स्कीम का जिस पर आयकर की छूट नहीं मिलती हो, आपकी निवेश समय सीमा कम से कम १० वर्ष के लिये होना चाहिये, तभी अच्छे रिटर्न की उम्मीद करें।

७. व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा लें, जो कि आपको और आपके परिवार को अतिरिक्त आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।

८. आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिये अपने मासिक खर्च का कम से कम तीन गुना धन ऐसे निवेश करें जहाँ से आप एकदम से आहरण कर पायें, जैसे कि सावधि जमा जो कि बचत बैंक खातों से लिंक होती है, जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिती में आप धन को ए.टी.एम. से आहरित कर सकते हैं।

९. अपने मासिक खर्च के बराबर का धन ही केवल अपने बचत खाते में रखें बाकी धन सावधि जमा में रखें या फ़िर कहीं और निवेश करें, जैसे कि म्यूचुअल फ़ंड, शेयर बाजार इत्यादि।

१०. क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें, सबसे बड़ा फ़ायदा कि आपको महीने भर की खरीदारी का भुगतान एकमुश्त करना होता है, और जब क्रेडिट कार्ड का बिल आता है तब आप देख सकते हैं कि कौन सी गैर जरूरी चीज में आप खर्च कर रहे हैं। परंतु क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय ध्यान रखें कि अभी भले ही आपको भुगतान न करना पड़ रहा हो, परंतु एक दिन तो आपको इसका भुगतान करना ही होगा, इसलिये संयम से खरीदारी करें।

११. भविष्य के आर्थिक लक्ष्य निर्धारित करें जैसे कि बच्चों की पढ़ाई, विवाह, कार, घर इत्यादि। और आर्थिक लक्ष्यों के अनुसार अपने निवेश की शुरुआत करें।

१२. निवेश करना जितनी जल्दी शुरु करेंगे उतनी जल्दी आप अपने भविष्य के आर्थिक लक्ष्यों समयबद्ध तरीके से प्राप्त कर पायेंगे।

बचत में हमेशा व्यक्ति को अनुशासित होना चाहिये, तभी आप बचत कर पायेंगे।

बीमा आर्थिक सुरक्षा के लिये होता है ना कि निवेश के लिये, अपनी सोच बदलें और व्यक्तिगत वित्त विषयों के बारे में पढ़कर अपना धन बेहतर तरीके से निवेशित करें।

शंकर शर्मा की बजट चर्चा और बाजार पर रुख… (Shankar Sharma on Budget and Market)

    ऐसे ही समाचारों के चैनल बदल कर देख रहे थे कि किसी एक चैनल पर शंकर शर्मा दिखे जो कि न्यूज ऐंकर बात कर रहे थे बस अपना रिमोट वहीं रुक गया । यह बजट के पहले का विशेष साक्षात्कार था। शंकर शर्मा जो कि फ़र्स्ट ग्लोबल के प्रमुख हैं और हम वर्षों से उनके बहुत बड़े पंखे हैं। बाजार के गुरु हैं, जो कहते हैं हमने हमेशा होते हुए देखा है। और भारत सरकार के खराब अनुभव और सेबी के भी उन्हें हैं, उनके अनुभव पढ़ने के लिये तहलका.कॉम पर जायें। जब बंगारु लक्ष्मण वाला मुद्दा तहलका कांड के रुप में उछला था, तब तहलका.कॉम में थोड़ी सी हिस्सेदारी शंकर शर्मा की भी थी, और उन्हें जो परिणाम इसके लिये भुगतना पड़े थे, वह सरकार की कार्यनीति पर सवाल हैं। पर हाँ एक बात तो है कि सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है फ़िर भले ही तरीका संवैधानिक हो या असंवैधानिक ।

    शंकर शर्मा ने बाजार की नब्ज पकड़ते हुए कहा कि बाजार निफ़्टी ४५०० का स्तर छू सकता है और आज के स्तर से १५% तक का करेक्शन अभी भी वे बाजार में देखते हैं।

शंकर शर्मा ने कहा कि आज के स्तर पर सोने को बेचना चाहिये, और प्राफ़िट बुक करना चाहिये।

    एग्री कमोडिटिज पर भी शंकर शर्मा बुलिश हैं और खासकर शक्कर पर, जिसमें उन्होंने श्री रेनुका शुगर का नाम दिया है।

    घोटालों पर शंकर शर्मा ने मीडिया को आड़े हाथों लिया कि हम खुद ही अपने राष्ट्र की छबि धूमिल कर रहे हैं, ठीक है कि मीडिया स्टिंग ऑपरेशन करे और फ़िर जाँच एजेंसियों को काम करने दें परंतु मीडिया जाँच एजेंसीयों का काम न करें। उन्होंने इसके लिये अमेरिका का उदाहरण दिया कि कैसे घोटालों से वहाँ निपटा जाता है।

    २ जी घोटाले पर भी उन्होंने सभी सरकारों को आड़े हाथों लिया, केवल तत्कालीन केन्द्र सरकार ही नहीं उसके पहले वाली केन्द्र सरकार के मंत्री (प्रमोद महाजन) भी उतने ही जिम्मेदार हैं। और २ जी घोटाले पर साफ़ साफ़ कहा कि यह तो व्यापार है, और मेरी नजर में तो यह घोटाला नहीं है, और अगर है तो जाँच एजेंसियाँ काम कर ही रही हैं।

    पर ऐसे घोटालों से विदेशी निवेशकों का विश्वास देश में निवेश करने से डगमगाने लगता है, तो घोटालों पर होने वाली कार्यप्रणाली पर ही प्रश्नचिह्न है। सरकार को अपनी कार्यप्रणाली पर भी ध्यान देना चाहिये।

    टेलीकॉम सेक्टर पर शंकर शर्मा बेरिश हैं और दूर रहने की सलाह है। वैसे वे हमेशा ही टेलीकॉम और इन्फ़्रास्ट्रक्चर और कमोडिटिज वाले शेयरों से दूर रहने की सलाह देते हैं। इस बार जब एग्रो कमोडिटिज पर वे बुलिश दिखाई दिये तो बहुत आश्चर्य हुआ।

    जब शंकर शर्मा से पूछा गया कि बाजार की आज की परिस्थितियों को देखते हुए कहाँ निवेश करना चाहिये, जबकि आज अंतर्राष्ट्रीय जगत में राजनीति में तेज हलचल हो रही है। शंकर शर्मा ने कहा कि आज बैंकों के सावधि जमा के जो ब्याज दर हैं वे बहुत ही अच्छे हैं और जितना बैंक ब्याज दर (१०.५०%) आज दे रहे हैं, निश्चित तौर पर इतना रिटर्न बाजार तो नहीं दे सकते हैं।

बाजार में निवेशकों को रुकना चाहिये, अभी बाजार में जाने का सहीं समय नहीं है।

आओ पैसा कमायें “शेयर बाजार में निवेश” – भाग १

    जब आप निवेश करते हैं, तो उसे सरल ही रखें। वही करें जो बिल्कुल सरल और स्पष्ट है, बफ़ेट सलाह देते हैं – जटिल प्रश्नों के लिये जटिल उत्तर देने की कोशिश मत करिये।

    अधिकतर लोगों की यह धारणा है कि शेयर बाजार में निवेश करना बहुत जटिल, रहस्यों से भरा और जोखिम भरा होता है इसलिये इसे इसके पेशेवरों को ही करना चाहिये। यह हम सबकी मानसिकता और एक आम धारणा है कि आम आदमी सफ़ल निवेशक नहीं बन सकता क्योंकि निवेश में सफ़लता के लिये उन्नत व्यावसायिक डिग्री, कठिन गणितीय सूत्रों में महारत, जटिल कम्पयूटर प्रोग्राम का आपके पास होना जो कि शेयर बाजार का हाल बतायें और इतना सारा समय कि आप शेयर बाजार, चार्ट, मात्रा, आर्थिक रूझान आदि पर ध्यान दे पायें।

    वारेन बफ़ेट ने बता दिया कि यह सब मात्र मिथक है।

    बफ़ेट ने शेयर बाजार में सफ़लता के लिये जो राह खोजी वह बहुत जटिल नहीं है। कोई भी व्यक्ति जो सामान्य बुद्धि रखता हो वह सफ़ल निवेशक बनने की काबिलियत रखता है, किसी भी पेशेवर की सहायता के बिना, क्योंकि निवेश के सिद्धांत समझने के लिये बहुत ही आसान हैं।

    बफ़ेट केवल ऐसे व्यापारों के शेयरों में निवेश करते हैं, जो आसानी से समझा जा सके, मजबूत, ईमानदार और टिकाऊ व्यापार हो, जिसकी सफ़लता की व्याख्या बहुत सरल हो, और वे कभी भी ऐसे व्यापार में निवेश नहीं करते हैं जिसे वे नहीं समझते हैं।

    बफ़ेट के निवेश सिद्धांतों का सार और अच्छी बात केवल सरलता ही है।  इसके लिये आपको जटिल गणित, वित्तीय पृष्ठभूमि, अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी और शेयर बाजार भविष्य में कैसे होंगे, इनकी जानकारी होना आवश्यक नहीं है। यह सामान्य बुद्धि से आदर्श, धीरज और साधारण मूल्यों पर आधारित है, जो कि कोई भी निवेशक आसानी से समझ कर अपना सकता है। जबकि बफ़ेट की धारणा है कि निवेशक गणितीय सूत्रों, शार्टटर्म बाजार के भविष्य और चाल, बाजार और वोल्यूम पर आधारित चार्ट्स को देख कर अपने को ही मुश्किल में डालते हैं।

    वस्तुत:  बफ़ेट कहते हैं कि जटिलता आपको सफ़लता से दूर करती है। खुद को निवेश के नये सिद्धांतो में उलझाने की कोशिश न करें, जैसे कि ऑप्शन्स प्राईसिंग या बीटा। बहुत सारे मामलों में आप नयी तकनीकी में खुद को बेहतर स्थिती में नहीं पायेंगे। बफ़ेट ने अपने गुरु से एक बात सीखी कि “आपको असाधारण नतीजों के लिये असाधारण साहस की जरुरत नहीं होती है”।

    हमेशा खुद को साधारण रखें। लक्ष्य कैसे चुनें –  अच्छी कंपनी के शेयर खरीदें, जो कि ईमानदार और काबिल लोगों द्वारा चलायी जा रही हो। आप अपने शेयर के लिये कम भुगतान कीजिये, भविष्य में उसकी अर्जन क्षमता को पहचानें। फ़िर उस शेयर को लंबे समय तक अपने पास रखें और बाजार को आपके द्वारा किये गये निर्णय पर मुहर लगाने दीजिये।

    बफ़ेट के निवेश सिद्धांत में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत “सरलता” है। जो बफ़ेट की अविश्वसनीय उपलब्धियों के बारे में बताती है। इसी से पता चलता है कि कैसे बफ़ेट ने वाशिंगटन पोस्ट शेयर के निवेश में १.६ करोड़ से १ अरब बनाये, कैसे कोका-कोला में १ अरब के निवेश से ८ अरब बनाये, और उन्होंने ४.५ करोड़ के गीको बीमा कंपनी के शेयर खरीदे और आज उसकी कीमत १ अरब से ज्यादा है।

जिस व्यापार को आप समझते नहीं है, उसमें कभी भी निवेश न करें।

बफ़ेट ने अपने साधारण नियम्र और सिद्धांतों से बार्कशायर हाथवे को १०० करोड़ से ज्यादा की कंपनी बना दिया। जब भी शेयर बाजार में निवेश करना होता, तो वे अपना धन ऐसे व्यापार में लगाते जो कि समझना आसान हो, ठोस और मजबूत व्यापार, स्थायी और नीतिपरक प्रबंधन हो। वे बहुत सारे शेयर लॉट में खरीद लेते हैं, जब बाजार में लोग सस्ते दामों में बेच रहे होते हैं। संक्षेप में कहें तो यही उनकी सफ़लता का राज है।

    शेयर का भविष्य बताने वाले सॉफ़्टवेयरों के बारे में भूल जायें जो कि शेयर की कीमतों का इतिहास, अस्थिरता और बाजार की चाल बताते हैं। बफ़ेट कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं, परंतु ब्रिज खेलने के लिये न कि शेयर का उतार चढ़ाव देखने के लिये। आपके निवेश का लक्ष्य भी बफ़ेट के जैसा ही होना चाहिये, उन्हीं व्यापार में निवेश करना चाहिये जो कि आपको समझने में आसान हो, जिस व्यापार को आप समझते हैं, और आपको लगता हो कि भविष्य में यह कंपनी बहुत अच्छा करेगी, तो मुनसिब समय का इंतजार करें और यथोचित भाव आने पर खरीदें।

हमेशा अपने निवेश पर फ़ैसलों के लिये तीन सिद्धांतों पर चलें –

१. हमेशा निवेश सरल रखें – कभी भी अपने निवेश को जटिल न बनायें, और हमेशा अपनी जानकारी के अनुसार खरीदे गये व्यापार को ही खरीदें और उस पर अड़िग रहें। जिस निवेश में जटिलता हो, उसमें निवेश करने से बचें।

२. अपने निवेश के फ़ैसले खुद लें – अपने निवेश के सलाहकार खुद बनें। उन ब्रोकर्स और बेचने वाले लोगों से बचें जो कि किसी एक शेयर या म्यूच्यल फ़ंड को तरजीह देकर खरीदने के लिये प्रेरित करते हैं, क्योंकि उस पर उन्हें मोटी कमाई होती है। स्पष्टत: ये लोग दिल से आपको अच्छे निवेश नहीं दिलवाते हैं।

३. उसे पढ़ो जिसने बफ़ेट को पढ़ाया – वह आदमी जिसका जबरदस्त प्रभाव बफ़ेट पर है उनके पिता के अतिरिक्त, वह हैं हार्वर्ड के बेंजामिन ग्राहम, जिन्हें नीति निवेश का पितामह भी कहा जाता है। जिन्होंने वर्षों पहले बफ़ेट को पढ़ाया कि निवेश में सफ़लता सरलता में है जटिलता में नहीं। और वाकई ग्राहम को पढ़ना बहुत अच्छा है।

बफ़ेट के साधारण कूटनीतियों को मत भूलिये जो कि उन्हें असाधारण नतीजों की ओर ले गया।

बफ़ेट के निवेश सिद्धांत “जटिलता की जगह सरलता को चुनें”

     जब आप निवेश करते हैं, तो उसे सरल ही रखें। वही करें जो बिल्कुल सरल और स्पष्ट है, बफ़ेट सलाह देते हैं – जटिल प्रश्नों के लिये जटिल उत्तर देने की कोशिश मत करिये।

    अधिकतर लोगों की यह धारणा है कि शेयर बाजार में निवेश करना बहुत जटिल, रहस्यों से भरा और जोखिम भरा होता है इसलिये इसे इसके पेशेवरों को ही करना चाहिये। यह हम सबकी मानसिकता और एक आम धारणा है कि आम आदमी सफ़ल निवेशक नहीं बन सकता क्योंकि निवेश में सफ़लता के लिये उन्नत व्यावसायिक डिग्री, कठिन गणितीय सूत्रों में महारत, जटिल कम्पयूटर प्रोग्राम का आपके पास होना जो कि शेयर बाजार का हाल बतायें और इतना सारा समय कि आप शेयर बाजार, चार्ट, मात्रा, आर्थिक रूझान आदि पर ध्यान दे पायें।
 
    वारेन बफ़ेट ने बता दिया कि यह सब मात्र मिथक है।
 
    बफ़ेट ने शेयर बाजार में सफ़लता के लिये जो राह खोजी वह बहुत जटिल नहीं है। कोई भी व्यक्ति जो सामान्य बुद्धि रखता हो वह सफ़ल निवेशक बनने की काबिलियत रखता है, किसी भी पेशेवर की सहायता के बिना, क्योंकि निवेश के सिद्धांत समझने के लिये बहुत ही आसान हैं।
 
    बफ़ेट केवल ऐसे व्यापारों के शेयरों में निवेश करते हैं, जो आसानी से समझा जा सके, मजबूत, ईमानदार और टिकाऊ व्यापार हो, जिसकी सफ़लता की व्याख्या बहुत सरल हो, और वे कभी भी ऐसे व्यापार में निवेश नहीं करते हैं जिसे वे नहीं समझते हैं।
 
    बफ़ेट के निवेश सिद्धांतों का सार और अच्छी बात केवल सरलता ही है।  इसके लिये आपको जटिल गणित, वित्तीय पृष्ठभूमि, अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी और शेयर बाजार भविष्य में कैसे होंगे, इनकी जानकारी होना आवश्यक नहीं है। यह सामान्य बुद्धि से आदर्श, धीरज और साधारण मूल्यों पर आधारित है, जो कि कोई भी निवेशक आसानी से समझ कर अपना सकता है। जबकि बफ़ेट की धारणा है कि निवेशक गणितीय सूत्रों, शार्टटर्म बाजार के भविष्य और चाल, बाजार और वोल्यूम पर आधारित चार्ट्स को देख कर अपने को ही मुश्किल में डालते हैं।
 
    वस्तुत:  बफ़ेट कहते हैं कि जटिलता आपको सफ़लता से दूर करती है। खुद को निवेश के नये सिद्धांतो में उलझाने की कोशिश न करें, जैसे कि ऑप्शन्स प्राईसिंग या बीटा। बहुत सारे मामलों में आप नयी तकनीकी में खुद को बेहतर स्थिती में नहीं पायेंगे। बफ़ेट ने अपने गुरु से एक बात सीखी कि “आपको असाधारण नतीजों के लिये असाधारण साहस की जरुरत नहीं होती है”।
 
    हमेशा खुद को साधारण रखें। लक्ष्य कैसे चुनें –  अच्छी कंपनी के शेयर खरीदें, जो कि ईमानदार और काबिल लोगों द्वारा चलायी जा रही हो। आप अपने शेयर के लिये कम भुगतान कीजिये, भविष्य में उसकी अर्जन क्षमता को पहचानें। फ़िर उस शेयर को लंबे समय तक अपने पास रखें और बाजार को आपके द्वारा किये गये निर्णय पर मुहर लगाने दीजिये।
 
    बफ़ेट के निवेश सिद्धांत में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत “सरलता” है। जो बफ़ेट की अविश्वसनीय उपलब्धियों के बारे में बताती है। इसी से पता चलता है कि कैसे बफ़ेट ने वाशिंगटन पोस्ट शेयर के निवेश में १.६ करोड़ से १ अरब बनाये, कैसे कोका-कोला में १ अरब के निवेश से ८ अरब बनाये, और उन्होंने ४.५ करोड़ के गीको बीमा कंपनी के शेयर खरीदे और आज उसकी कीमत १ अरब से ज्यादा है।
 
जिस व्यापार को आप नहीं समझते हैं, उसमें कभी भी निवेश न करें।
 
    बफ़ेट ने अपने साधारण नियम और सिद्धांतों से बार्कशायर हाथवे को १०० करोड़ से ज्यादा की कंपनी बना दिया। जब भी शेयर बाजार में निवेश करना होता, तो वे अपना धन ऐसे व्यापार में लगाते जो कि समझना आसान हो, ठोस और मजबूत व्यापार, स्थायी और नीतिपरक प्रबंधन हो। वे बहुत सारे शेयर लॉट में खरीद लेते हैं, जब बाजार में लोग सस्ते दामों में बेच रहे होते हैं। संक्षेप में कहें तो यही उनकी सफ़लता का राज है।
 
    शेयर का भविष्य बताने वाले सॉफ़्टवेयरों के बारे में भूल जायें जो कि शेयर की कीमतों का इतिहास, अस्थिरता और बाजार की चाल बताते हैं। बफ़ेट कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं, परंतु ब्रिज खेलने के लिये न कि शेयर का उतार चढ़ाव देखने के लिये। आपके निवेश का लक्ष्य भी बफ़ेट के जैसा ही होना चाहिये, उन्हीं व्यापार में निवेश करना चाहिये जो कि आपको समझने में आसान हो, जिस व्यापार को आप समझते हैं, और आपको लगता हो कि भविष्य में यह कंपनी बहुत अच्छा करेगी, तो मुनसिब समय का इंतजार करें और यथोचित भाव आने पर खरीदें।
 
हमेशा अपने निवेश पर फ़ैसलों के लिये तीन सिद्धांतों पर चलें –
 
१. हमेशा निवेश सरल रखें – कभी भी अपने निवेश को जटिल न बनायें, और हमेशा अपनी जानकारी के अनुसार खरीदे गये व्यापार को ही खरीदें और उस पर अड़िग रहें। जिस निवेश में जटिलता हो, उसमें निवेश करने से बचें।
 
२. अपने निवेश के फ़ैसले खुद लें – अपने निवेश के सलाहकार खुद बनें। उन ब्रोकर्स और बेचने वाले लोगों से बचें जो कि किसी एक शेयर या म्यूच्यल फ़ंड को तरजीह देकर खरीदने के लिये प्रेरित करते हैं, क्योंकि उस पर उन्हें मोटी कमाई होती है। स्पष्टत: ये लोग दिल से आपको अच्छे निवेश नहीं दिलवाते हैं।
 
३. उसे पढ़ो जिसने बफ़ेट को पढ़ाया – वह आदमी जिसका जबरदस्त प्रभाव बफ़ेट पर है उनके पिता के अतिरिक्त, वह हैं हार्वर्ड के बेंजामिन ग्राहम, जिन्हें नीति निवेश का पितामह भी कहा जाता है। जिन्होंने वर्षों पहले बफ़ेट को पढ़ाया कि निवेश में सफ़लता सरलता में है जटिलता में नहीं। और वाकई ग्राहम को पढ़ना बहुत अच्छा है।
 
बफ़ेट के साधारण कूटनीतियों को मत भूलिये जो कि उन्हें असाधारण नतीजों की ओर ले गया।

विश्व के महानतम निवेशक वारेन बफ़ेट (World’s Greatest Value investor Warren Buffett)

    थोड़े दिनों पहले रद्दीवाले को अखबार के लिये बोलने गया था, तो वहाँ पुरानी किताबें भी लगी रहती हैं, तो हम एक नजर देख लेते थे, और हर बार एक न एक किताब अच्छी मिल जाती थी इस बार किताब पर नजर पड़ी,

बफ़ेट

Book Name : “How Buffett does it, 24 Simple Investing Strategies from the World’s Greatest Value Investor”

Written by “James Pardoe”

Publication: Tata Mcgraw-Hill

यह एक बहुत ही पतली सी किताब है, लेखन ने वारेन बफ़ेट के सिद्धांतो को २४ कूटनितियों में विभक्त किया है, जो कि सभी निवेशकों को अवश्य पढ़ना चाहिये। अभी कुछ दिन पहले क्रॉसवर्ल्ड गया था तो वहाँ वारेन बफ़ेट की कोई मोटी सी किताब रखी थी, जो कि अभी की बेस्ट सैलर भी है, नाम भूल गया, अब अगली बार जाऊँगा तो अवश्य ही खरीदूँगा, उस समय इसलिये नहीं खरीदी क्योंकि अभी पढ़ने के लिये बहुत सारी किताबों का स्टॉक पड़ा है।

इस किताब को पढ़कर निवेश करने के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला, सोच रहा हूँ कि इसी बारे में आगे कुछ पोस्टें लिखी जायें।

अभी जो अधूरी रखी है –

Cashflow Quadrant

अभी रखी हुई किताबों में हैं जो कि पढ़ना बाकी हैं –

Retire Young Retire Rich

The Black Swan

बोधिपुस्तक पर्व की १० किताबें

In the Wonderland of Investment

General Insurance

Life Insurance

पानीपत

सूचि बहुत लंबी है, परंतु इतनी किताबें अभी पंक्ति में हैं।