ऐसे ही समाचारों के चैनल बदल कर देख रहे थे कि किसी एक चैनल पर शंकर शर्मा दिखे जो कि न्यूज ऐंकर बात कर रहे थे बस अपना रिमोट वहीं रुक गया । यह बजट के पहले का विशेष साक्षात्कार था। शंकर शर्मा जो कि फ़र्स्ट ग्लोबल के प्रमुख हैं और हम वर्षों से उनके बहुत बड़े पंखे हैं। बाजार के गुरु हैं, जो कहते हैं हमने हमेशा होते हुए देखा है। और भारत सरकार के खराब अनुभव और सेबी के भी उन्हें हैं, उनके अनुभव पढ़ने के लिये तहलका.कॉम पर जायें। जब बंगारु लक्ष्मण वाला मुद्दा तहलका कांड के रुप में उछला था, तब तहलका.कॉम में थोड़ी सी हिस्सेदारी शंकर शर्मा की भी थी, और उन्हें जो परिणाम इसके लिये भुगतना पड़े थे, वह सरकार की कार्यनीति पर सवाल हैं। पर हाँ एक बात तो है कि सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है फ़िर भले ही तरीका संवैधानिक हो या असंवैधानिक ।
शंकर शर्मा ने बाजार की नब्ज पकड़ते हुए कहा कि बाजार निफ़्टी ४५०० का स्तर छू सकता है और आज के स्तर से १५% तक का करेक्शन अभी भी वे बाजार में देखते हैं।
शंकर शर्मा ने कहा कि आज के स्तर पर सोने को बेचना चाहिये, और प्राफ़िट बुक करना चाहिये।
एग्री कमोडिटिज पर भी शंकर शर्मा बुलिश हैं और खासकर शक्कर पर, जिसमें उन्होंने श्री रेनुका शुगर का नाम दिया है।
घोटालों पर शंकर शर्मा ने मीडिया को आड़े हाथों लिया कि हम खुद ही अपने राष्ट्र की छबि धूमिल कर रहे हैं, ठीक है कि मीडिया स्टिंग ऑपरेशन करे और फ़िर जाँच एजेंसियों को काम करने दें परंतु मीडिया जाँच एजेंसीयों का काम न करें। उन्होंने इसके लिये अमेरिका का उदाहरण दिया कि कैसे घोटालों से वहाँ निपटा जाता है।
२ जी घोटाले पर भी उन्होंने सभी सरकारों को आड़े हाथों लिया, केवल तत्कालीन केन्द्र सरकार ही नहीं उसके पहले वाली केन्द्र सरकार के मंत्री (प्रमोद महाजन) भी उतने ही जिम्मेदार हैं। और २ जी घोटाले पर साफ़ साफ़ कहा कि यह तो व्यापार है, और मेरी नजर में तो यह घोटाला नहीं है, और अगर है तो जाँच एजेंसियाँ काम कर ही रही हैं।
पर ऐसे घोटालों से विदेशी निवेशकों का विश्वास देश में निवेश करने से डगमगाने लगता है, तो घोटालों पर होने वाली कार्यप्रणाली पर ही प्रश्नचिह्न है। सरकार को अपनी कार्यप्रणाली पर भी ध्यान देना चाहिये।
टेलीकॉम सेक्टर पर शंकर शर्मा बेरिश हैं और दूर रहने की सलाह है। वैसे वे हमेशा ही टेलीकॉम और इन्फ़्रास्ट्रक्चर और कमोडिटिज वाले शेयरों से दूर रहने की सलाह देते हैं। इस बार जब एग्रो कमोडिटिज पर वे बुलिश दिखाई दिये तो बहुत आश्चर्य हुआ।
जब शंकर शर्मा से पूछा गया कि बाजार की आज की परिस्थितियों को देखते हुए कहाँ निवेश करना चाहिये, जबकि आज अंतर्राष्ट्रीय जगत में राजनीति में तेज हलचल हो रही है। शंकर शर्मा ने कहा कि आज बैंकों के सावधि जमा के जो ब्याज दर हैं वे बहुत ही अच्छे हैं और जितना बैंक ब्याज दर (१०.५०%) आज दे रहे हैं, निश्चित तौर पर इतना रिटर्न बाजार तो नहीं दे सकते हैं।
बाजार में निवेशकों को रुकना चाहिये, अभी बाजार में जाने का सहीं समय नहीं है।