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गूगल की मनमानी, सब्सक्रिप्शन फीस 50-60% बढ़ाई

Google अभी तक फैमिली प्लान के हर महीने ₹189 ले रहा था, अक्टूबर से ₹299 कर दिये, हमने गूगल की यह शर्त नहीं मानी और अपना सब्सक्रिप्शन कैंसल कर दिया।

क्यों मानें गूगल की शर्त, अब वीडियो के बीच में विज्ञापन आयेंगे, तो ठीक है भई देख लेंगे, अगर ज्यादा विज्ञापनों ने परेशान किया तो फिर रिन्यू करवाने की सोचेंगे।

पर ऐसी मनमानी भी गजब है कि भाव 50% से ज्यादा ही बढ़ा दिये, 10-20% समझ में भी आती है, लगता है कि गूगल भी खुद की भारत सरकार समझने लगा। कि कोई कुछ नहीं कहेगा।

ये कोई इनकम टैक्स थोड़े ही है कि गूगल जबरदस्ती हमसे ले लेगा, यह सेवा है जो हमारी मर्जी पर निर्भर करती है, नेटफ्लिक्स भारत में ज्यादा चल नहीं रहा था तो उसने अपने दाम कम कर दिये, पर गूगल के जलवे ही अलग हैं।

दिल्ली होती है दिलवालों की।

जब दिल्ली में कनॉट प्लेस में अपना एक क्लाइंट के यहाँ काम कर रहे थे, तो जहाँ तक याद है मिडिल सर्कल में F ब्लॉक में उनका ऑफिस था, वहीं ग्राउंड फ्लोर पर किसी कार की डीलरशिप थी।

पास ही एक खोपचे में पुरानी दुकान सा छोटा सा रेस्टोरेंट था। खाना खाने का भी टाइम नहीं रहता था। कई बार रात रात भर काम करने के बाद सुबह या फिर देर रात को पास के ही इस खोपचे में जाते थे, कुछ न कुछ चाय के साथ खाने को मिल जाता था, एक बार गये तो ब्रेड भी खत्म थी, वो बोले कि आपको भूखा नहीं जाने दूँगा, अंडा खाते हैं तो आमलेट बना देता हूँ, हमने हाँ कही। बस अंकल तैयार करने लगे।

ऐसा मैंने केवल दिल्ली में ही देखा कि आपको भूखा नहीं जाने देंगे, वरना कितने ही शहरों में तो कह देते हैं कि दुकान बंद हो गई, समान खत्म हो गया।

इसलिये वो अंकल हमेशा याद रहते हैं, उनके कारण ही लगा कि दिल्ली होती है दिलवालों की।

विकसित भारत कैसा होगा? कोई जबाब नहीं देता

इस बार स्वतंत्रता दिवस पर यह कितने ही लोगों से सुना कि जो संकल्प लिया है वह पूरा करेंगे – 2047 तक विकसित भारत।

मैंने पूछना चाहा पर ऐसा लगा कि जबाब कोई नहीं देना चाहता, बस लोग भी जुमला पसंद हो गये हैं।

विकसित भारत में क्या जनता भी आती है, या इस विकसित भारत का मतलब केवल अर्थव्यवस्था से कि हम नम्बर 1 बन जायेंगे, पर 80 क्या उस समय हम 100 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देंगे।

कैसा होगा विकसित भारत, इसकी संकल्पना में जनता कहीं है या केवल जनता से टैक्स वसूल कर विकसित भारत बनना है।

जनता के लिये, विकसित भारत के लिये क्या क्या जतन किये जा रहे हैं, उसका कहीं उदाहरण नहीं मिला।

  • नये सरकारी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं।
  • नये सरकारी चिकित्सालय खोले जा रहे हैं।
  • नये सरकारी परिवहनों को उतारा जा रहा है, उनकी देखभाल ठीक से हो रही है।
  • नये एयरपोर्ट्स तक सार्वजनिक परिवहनों की बढ़िया पहुँच है।
  • सड़कों पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिये, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाया जा रहा है।
  • नौकरियों के लिये युवाओं को भरपूर रोजगार के मौके मिल रहे हैं।
  • व्यापार को खोलने की जरूरी प्रक्रिया में क्या पारदर्शिता लाई जा रही है, कोई टाईम लिमिट सेट की गई है।
  • स्वच्छ हवा, स्वच्छ जल के लिये क्या किया जा रहा है।
  • बिजली 24 घण्टों मिले, इसके लिये क्या किया जा रहा है।

यह तो बहुत थोड़े से बिंदु हैं, इनकी सूची बहुत लंबी है, पर ऐसा कुछ हो रहा है जिससे लगे कि हम विकसित देश बन पायेंगे, अब केवल 22 साल ही बचे हैं 2047 आने में, 2024 तो गिन ही नहीं रहे क्योंकि लगभग निकल ही चुका है।

विकसितभारत

टाटा और तमिलनाडु सरकार का उपक्रम टाइटन

Titan का नाम सबने सुना है, पर एक बात जो कम लोग ही जानते हैं कि टाइटन टाटा और तमिलनाडु सरकार का संयुक्त उपक्रम है। तमिलनाडु सरकार टाइटन में 28% शेयर होल्डिंग है, जो कि टाइटन की आज की वेल्युएशन की हिसाब से ₹87,000 करोड़ रुपये होती है। Titan शब्द भी टाटा इंडस्ट्री और तमिलनाडु से बना है।

टाइटन 1984 में शुरू हुई थी, जब एमजीआर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे। उस समय के निवेश ने तमिलनाडु को क्या गजब रिटर्न दिया है। आज टाइटन या तनिष्क की दुकान से बिकने वाला हर समान तमिलनाडु सरकार की अर्थव्यवस्था को बढ़ाता है।

टाइटन का चैयरमेन एक आईएएस ऑफिसर होता है जो कि तमिलनाडु सरकार द्वारा नामांकित होता है। अभी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिमान दास जो कि तमिलनाडु के आईएएस कैडर से हैं, वे भी टाइटन के चैयरमेन रह चुके हैं।

डॉलर येन के खेल में सब कुछ लालम लाल

आज जो शेयर बाजार में लाली छाई हुई है, इसका सबसे बड़ा कारण है करंसी, इसलिये इसे ट्रेजरी की भाषा में करंसी रिस्क कहते हैं।

तो हुआ यह कि USDJPY 165 चल रहा था, और जापान से 0% ब्याज पर लोन मिल जा रहा था। सनद रहे कि fd और loan दोनों पर जापान में पिछले 30 वर्षों से 0% ब्याज दर थी। इस कारण us के कई संगठनों, फंड हाउसों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने जापान से बड़ी मात्रा में लोन लिया और अमेरिका में निवेश कर दिया।इससे us के लोन लेने वालों को दोहरा लाभ हुआ। अब निवेश अधिक है तो अधिकतर हैज़ फंड्स येन को शार्ट करके रखते हैं।

30 सालों से सब ठीक चल रहा था, अमेरिका में ये लोग जापान के पैसों पर ऐश काट रहे थे, जमकर प्रॉफिट काट रहे थे। और इसी कारण जापान अमेरिका में सबसे बड़ा निवेशक भी है।

पर अभी हुआ क्या कि जापान सेंट्रल बैंक ने 25 बीपीएस से ब्याजदर बढ़ा दीं, और बस यही से सारा खेल पलट गया।

क्योंकि आप यह शून्य ब्याज वाला पैसा बिना ब्याज का नहीं रहा अब इस पर ब्याज लगेगा और अमेरिका का बाजार ऑलरेडी ओवरबॉट है, तो ज्यादातर फंड्स ने अमेरिका में अपनी चीजों को बेचना शुरू किया जिससे वह यह लोन बंद कर पायें।

ब्याज बढ़ाने के कारण यह डॉलर के मुकाबले तेजी से बढ़ने लगा और आज डॉलर के मुकाबले येन 141 हो गया तो अब अमेरिका के फंड्स और संगठनों पर यह दोहरी मार हो गई। क्योंकि एक तो उन्हें ब्याज भी देना है और दूसरा जो उन्होंने पैसा लिया था उसका एक्सचेंज रेट 166 था जो कि अब 141 है मतलब यह मान लीजिए की $100 उधार लिया था लेकिन येन वोलेटाइल होने के कारण अब उन्हें लगभग 113 डॉलर चुकाने पड़ेंगे साथ ही ब्याज अलग से चुकाना पड़ेगा।

अब इसका समाधान यह है कि अमेरिका के फेड को अपनी ब्याज दर कम करना पड़ेगी लेकिन तब भी फंड हाउस और संगठनों पर जो यह मार पड़ी है वह भारी रहेगी।

Limitless Review

Book – Limitless
Writer – Radhika Gupta

जब राधिका गुप्ता को मैंने पहली बार शार्क टैंक में देखा और आत्मविश्वास से भरपूर आवाज सुनी तो अच्छा लगा, फिर किसी पॉडकास्ट में सुन रहा था तो पता चला कि इन्होंने एक किताब भी लिखी है, पर इस पॉडकास्ट में राधिका नहीं थीं, किसी और ने इस किताब का नाम लिया था। सोचा चलो पढ़ते हैं, देखते हैं कि एक एंटरप्रेन्योर की यात्रा कैसी रही और उनके क्या अनुभव रहे।

हम किंडल पर पढ़ते हैं, किताब में अब वह फील नहीं आती, आदत की बात है।

किताब में बहुत ही अच्छे से कई महत्वपूर्ण चीजों को विस्तार में लिखा गया है, क्यों कुछ चीजें जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं, डर सबको लगता है, पर जीत आपको ही पाना होगी। मुझे लगता था हो upenn से पढ़ा है, उसको कैसा डर, पर पता चला डर तो उसको भी था। जीवन में कभी कोई मौका न छोड़ना, आपको लग रहा है कि इतने सारे लोगों में मेरा ही क्यों होगा, पर हो सकता है कि वह मौका केवल आपके लिये ही हो।

रिजेक्शन, हर कोई रिजेक्ट होता है और उससे तकलीफ होती है, पर हार न मानकर बस आप गैंडे की खाल पहनकर परिस्थितियों का सामना करते जाओ, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। हाँ बचपन से अपने अंदर कोई न कोई एक शौक जरूर रखें और उस शौक को पैशन जैसा जीवन में रखें।

कितनी रिस्क कहाँ लेनी चाहिये, छोटी छोटी चीजें कैसे आपके लिये पावरफुल हो सकती हैं। हर बार दुनिया ही यही नहीं होती, आपको अपने लिये दुनिया को ठीक करना होता है।

नेटवर्किंग क्यों जरूरी है, इसके क्या फायदे होते हैं, इसके बारे में विस्तार से उदाहरणों के साथ लिखा है, जॉब क्यों बदलना चाहिये, पैसे के बारे में कैसे सोचना चाहिये, अगर आपको इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के हिसाब से पैसे कम मिलते हैं, तो भी कोई बात नहीं, जब तक कि आपको लगता है कि अब ज्यादा ही फायदा उठाया जा रहा है।

कैसे कुछ लोग वर्क लाइफ बेलेंस की जगह अब इंटीग्रेशन की बात कर रहे हैं, जिससे वे परिवार और ऑफिस के बीच सामंजस्य बनाये रख सकें।

मुझे लगता है कि उन चंद क़िताबों में से है, जिसे सभी लोगों को पढ़ना चाहिये, खासकर जो बच्चे अपनी प्रोफेशनल लाईफ शुरू करने जा रहे हैं।

Quant mutual fund की front running सेबी और निवेशक

एक म्युचुअल फंड हाऊस है क्वांट म्युचुअल फंड, जिनके मालिक है संदीप टंडन, अब इन पर और इनके म्युचुअल फंड पर सेबी को शक हुआ है तो सेबी ने अपनी कार्यवाही शुरू की है।

यह म्युचुअल फंड हाउस भारत का सबसे तेज बढ़ने वाला म्युचुअल फंड हाउस है 2019 में ये 100 करोड़ पर थे, आज 90,000 करोड़ मैनेज करते हैं।

अभी इनके पास अपनी सभी स्कीम्स में बहुत बड़ी मात्रा में nse future और options में पोजीशन ओपन हैं, साथ ही ये 857bn रुपये के शेयर्स की होल्डिंग भी रखते हैं।

अगर कुछ गड़बड़ निकलती है तो यह उन निवेशकों के लिये सबक होगा जिन्होंने अच्छे रिटर्न्स के लिये quant mutual fund में निवेश किया है, खासकर कोविड के बाद। कोई भी निवेशक म्युचुअल फंड की वह स्कीम कैसे काम करती है, समझने की कोशिश नहीं करता।

अब कल देखते हैं कि बाजार इस खबर को कैसे लेता है।

जो फ्रंट रनिंग को नहीं समझते, उनके लिए –
it is an illegal activity where fund managers or dealers who know about upcoming large trades, place their own orders first to make a profit.

In this example, because the fund managers know which stock the fund will buy, they can buy the stock in their personal accounts first. When Quant MF then buys the same stock for the fund, the stock price goes up, leading to higher prices for the mutual fund and bigger profits for the managers.

सुनने की क्षमता अचानक चली जाना

अलका याग्निक की खबर सुन हम चौंके, कि वे सोकर उठीं और उनकी सुनने की क्षमता खत्म हो गई। बहुत क्रूरता है यह शरीर के साथ, भले वह मांसपेशियों ने किया या नसों ने।

कुछ दिनों पहले हम भी सोकर उठे और ऐसा लगा कि हमारे सीधे कान से हमको बहुत कम सुनाई दे रहा है, हम बहुत घबराए, फिर अनुलोमविलोम किया कि कान खुल जाये, पर कुछ नहीं हुआ, जब सुबह 10 बजे ऑफिस की मीटिंग शुरू हुई, तब भी यही हाल था, तब मैंने टीम्स में announce कर दिया कि कहीं कोई मेरे लिये कोई मैसेज हो तो प्लीज मेसेज कर दें, आज कान हड़ताल पर हैं।

अगले दिन डॉक्टर को दिखाने गये, तो फॉर्मेलिटी करने के बाद बोले सब ठीक है, विटामिन C की गोली खाओ।

फिर एक कलीग से बात हुई तो वे बोलीं कि उनके हसबैंड को सेम 2 सेम समस्या हुई थी, पर उन्होंने इग्नोर कर दिया, जब 7 दिन के बाद गये तो पता चला कि उनके एक कान का 50% हियरिंग लॉस हो चुका है। कोई नर्व से यह समस्या होती है।

खैर अब मेरे कान ठीक ठाक हैं, घर पर जब कोई ऐसी बात जो सुनना नहीं होती है तो प्रतिक्रिया नहीं देता, तो घरवालों को समझ आ जाता है कि ये आदमी सर्टिफाइड बहरा है। वैसे भी बहुत सी बातें मुझे सुनाई नहीं देतीं, पता नहीं यह आदत है या समस्या।

बेटेलाल का लाइसेंस बैंगलोर में

बेटेलाल का लर्निंग लाइसेंस के बाद टेस्ट और परमानेंट लाइसेंस इतनी आसानी से बन गया कि पता ही नहीं चला।

बेटेलाल जैसे ही अप्रैल में घर आये, हमने कहा कि लर्निंग लाइसेंस ले लो, और गाड़ी चलानी शुरू करो, बाईक और कार दोनों। पर वे केवल बाइक के लिये ही राजी थे, कहने लगे कि अभी कार की जरूरत नहीं है, पर बाईक की बहुत जरूरत पड़ती है। बिना गियर वाली बाइक तो हर कोई चला लेता है, पर गियर वाली बाइक की अपनी मुश्किलें होती हैं।

खैर बेटेलाल को बाईक पहले भी चलानी आती थी, पर प्रेक्टिस की जरूरत थी, तो करने लगेज रोज gym भी बाईक से जाने लगे, कल का टेस्ट बुक करवाया था, rto जाकर बस कागज वेलिडेशन करवाया और फोटो खींची गई, फिर सीधे टेस्ट हो गया। हमने पूछा भी कि पास या फेल, वे बोले कि sms आयेगा।

बेटेलाल तो जेब में पैसे रखकर ले गये थे और वहीं खड़े होकर कहने लगे कि इस आदमी ने अभी अभी 500 के 2 नोट कमाने का मौका गँवा दिया, उन्होंने कहीं तो ऑनलाइन पढा था कि रिश्वत देनी पड़ती है, तो हमने भी मना नहीं किया, कि तुम ये भी ट्राय कर लो।

पर गजब हुआ हम घर पहुँचे 2 बजे और 3 बजे sms आ गया कि pass हो गये, क्या ही झूम झूमकर खुश हुए, उनकी दादी जी कहने लगीं कि इतनी खुशी तो 12वीं पास होने की भी नहीं हुई थीं, बेटेलाल बोले ये मेरे कॉन्फिडेंस की exam था। और 10 मिनिट बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन वर्शन भी आ गया।

अब बेटेलाल को भी यकीन हो गया कि कुछ काम खुद से करवा लो तो ही ठीक रहता है, हमने भी यही सिखाया की न रिश्वत लो न दो।

काशी की एक ग्राउंड रिपोर्ट

कल काशी की एक ग्राउंड रिपोर्ट देख रहा था जिसमें अस्सी कॉलोनी को अवैध बताकर हटाने का नोटिस दिया गया है। रहवासी कह रहे हैं कि सरकार सारे 300 घर और उनमें रह रहे लोगों को वहीं दबा दे, और उनकी समाधि पर कॉरिडोर बनवा दे।

वहीं कुछ बनारसियों को सुनना आनंद देता है, एक बनारसी का कहना था कि बनारस मुक्ति उतपन्न करता है, यहाँ लोग मुक्ति के लिये मरने आते हैं, ये घूमने का नया शौक सरकार ने लगा दिया है, मुक्ति शांति के साथ होती है, ऐसे भीड़भाड़ रहेगी तो मुक्ति कैसे मिलेगी।

क्या मुक्ति को बाबा विश्वनाथ के नाम के विक्क़स के नाम पर आम जनता से छीन लियक जायेगा, काशी में हर घर में 1-2 विग्रह होते थे, ऐसा मैंने उज्जैन के पुराने घरों में भी देखा, कोरिडोर बनाने के नाम पर वे सब विग्रह धराशायी कर दिये गये।

नई चीज बनाने के लिये अपनी पुरानी संस्कृति को इस तरह नष्ट करके हम विश्व को क्या संदेश दे रहे हैं, माँ गङ्गा भी स्वच्छ होने की राह देख रही हैं, खुलेआम नालों का पानी अब भी माँ गङ्गा में बहाया जा रहा है। क्या मुक्ति को भी अब लक्जिरियस चीज बना दिया जायेगा।