मैं जब भी उज्जैन जाता हूँ तो अपने मित्रों के साथ दोपहर की चाय पीना वो भी गुमटी पर खड़े होकर नहीं भूलता हूँ, सबको फ़ोन करके बुला लेते हैं और चाय की गुमटी पर दोपहर के निश्चित समय पर सारे दोस्त इकट्ठे हो जाते हैं चा-पान के लिये।
इस दौरान मैंने गुमटी की एक विशेषता देखी थी जो मैं अपने ब्लॉग पर लगाना चाहता था, इस बार फ़ोटू खींच ही लाया, देखिये
सोनू टी स्टॉल क्या स्टाईल में लिखा है।
और ये रहे सोनू जी स्टॉल चलाने वाले –
इस फ़ोटो में एक और मजेदार बात देखिये कि दूध के तपेले को कैसे ढ़का गया है, अखबार के द्वारा। जब हमने बोला कि भई दूध में उबाल आ गया है अब इसको ढ़ंक दो तो उसने झट से अखबार हमारे हाथ से लिया और दूध के तपेले पर ढ़ंक दिया।