विचार कैसे आते हैं… मेरी कविता … विवेक रस्तोगी

अनुभूतियाँ कैसी होती हैं

विचार कैसे आते हैं

कभी दिमाग से तो कभी दिल से

विचार जो कि दिमाग को स्पंदित करते हैं

बुद्धि को प्रफ़ुल्लित करते हैं

गहनता से

अंतरतम में ओढ़े रहता है।विचार जो कभी मनोनुकूल होते हैं

कभी प्रतिकूल होते हैं

कभी जीवन बनाते हैं

कभी जीवन ध्वस्त करते हैं

कभी महल बनाते हैं

कभी खण्डहर बनाते हैं

कभी शोक होता है

कभी उत्सव होता है

बस सब विचार होते हैं

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9 thoughts on “विचार कैसे आते हैं… मेरी कविता … विवेक रस्तोगी

  1. विचार जो कभी मनोनुकूल होते हैं

    कभी प्रतिकूल होते हैं

    कभी जीवन बनाते हैं

    कभी जीवन ध्वस्त करते हैं

    कभी महल बनाते हैं…

    बहुत खूबसूरत.

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