Yearly Archives: 2006

४ ही तो दबा रहा हूँ

एक दिन फोन आया कि विवेक भाई आपके साफ्टवेयर में एक अकाउँट की इनक्वायरी करनी है पर कुछ समस्या आ रही है, हमने कहा तो हम जैसा बताते हैं वैसा आप करते जाइये, हम बताते गये वो करते गये बस एक जगह अटक गये, हम कह रहे थे कि ४ दबाओ (Press 4) और वो कहते हाँ दबा दिया पर कुछ हो नहीं रहा जब १५ ‍- २० मिनिट हो गये तो हमने पूछा कि सर एक बात बताओ ये बारबार मुझे फोन पर बटन दबाने की आवाज आ रही है ये कैसे आ रही है क्या कोई रिडायल कर रहा है, वो बड़ी मासूमियत से बोले आप ही तो कह रहे हैं कि ४ दबाओ ………………….. ::>>

जरा बाहर आकर अंदर जाइये

बहुत दिनों के बाद लिख रहा हूँ अब अपना पुराना टूटा मतलब छूटा हुआ ब्लाग पूरा करता हूँ
जरा बाहर आकर अंदर जाइये
हमारे पास फोन आया कि कुछ समस्या हो गई है हमारे सोफ्टवेयर में तो सामान्यत:हम कहते हैं कि कृपया बाहर आकर अंदर जाइये इसका मतलब होता है कि लाँग आउट होकर लोगिन करें यही समाधान हमने दे दिया पर हमारे वो ग्यानवान यूजर कर ही नहीं पा रहे, हम भी परेशान कि बाहर आकर अंदर नहीं जा पा रहे हैं क्या बात है, तब हमारे सब्र का बाँध टूटा ओर हम खुद ही पहँच गये व कहा अब हमारे सामने जरा बाहर आकर अंदर जाइये तो भाई लोगों मेरे को चक्कर आने लगे क्योंकि वो साहब मेन गेट के शटर से बाहर जाकर अंदर आये और बोले देखो अब भी नहीं हो रहा है !!!!