कुछ अनुत्तरित प्रश्न भगवान के, दीन दुनिया के, व्यवहारिकता के …

भगवान है या नहीं, भगवान को किसी ने देखा है, हम भगवान के पास क्यों जाते हैं, भगवान क्या है, भगवान कैसा होता है…
क्या किसी को पता है, क्या कोई जानता है, कोई है जो बताये कि दुख में ही क्यों भगवान को याद करते हैं और सुख में या अच्छे दिनों में क्यों नहीं, सब कहते हैं कि अच्छा करो अच्छा होगा बुरा करो बुरा होगा क्या किसी ने ऐसा देखा है, पुरानी कहावत है भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती ।

यह सब बातें कहने में अच्छी लगती हैं पर वास्तविकता क्या है पता नहीं कृप्या मार्गदर्शन करें।

One thought on “कुछ अनुत्तरित प्रश्न भगवान के, दीन दुनिया के, व्यवहारिकता के …

  1. ओशो कि इश्यावाश्य उपनिषद पढें..

    सब कुछ ईश्वर का है.. सब वो ही करता है… आपसे सवाल भी वो ही पुछवाता है.. और मुझसे टिप्प्णी भी वो ही..

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