अभी तीन-चार दिनों से मुंबई में झमाझम बरसात हो रही है और कल से ज्यादा झमाझम बरसात हो रही है तो इसके कारण ट्रैफ़िक का बुरा हाल है, जगह जगह पानी भरा हुआ है सड़क पर भी और रेल्वे ट्रेक पर भी। चलो मन को तसल्ली हुई कि इस साल का मानसून आखिरकार आ ही गया।
आज सुबह ही उज्जैन अपने घर पर बात हुई, आज मेरे माताजी पिताजी की शादी की ३५ वीं सालगिरह है तो पहले तो हमने उन्हें शुभकामनाएँ दी फ़िर वो बोले कि १ घंटे बाद बात करेंगे क्योंकि आज आखिरी बार नल से जलप्रदाय हो रहा है। नगरनिगम ने कहा है कि पानी खत्म हो गया है और अब केवल टेंकरों के द्वारा जलप्रदाय किया जायेगा। महाकाल की नगरी में जल की भीषण त्रासदी है और यह केवल इस वर्ष नहीं है यह लगभग पिछले ६-७ वर्षों से है।
पानी की समस्या से निपटने के लिये कुछ उपाय भी किये गये हैं और नागरिक जागरुक भी हो गये हैं। सरकार ने ट्य़ूबवेल खोदने पर रोक हटा ली और कहा कि कालोनी के १५-२० घरों के समूह बनाकर आप अपना एक ट्यूबवेल खुदवा लीजिये और पानी को आपस में उपयोग में ले लीजिये, इस तरह पानी की समस्या से कुछ हद तक छुटकारा तो मिला क्योंकि सबके निजी जलस्त्रोत सूख चुके थे या सूखने की कगार पर थे। लेकिन इन सबके पीछे एक गंभीर बात ओर है कि जलस्तर इतना नीचा जा चुका है उसे वापिस अपने पुराने स्तर पर आने में कितना समय लगेगा कह नहीं सकते। अभी जो ट्यूबवेल खुदा था उसमें जल आया लगभग ९६२ ft. पर। सबने वाटर हारवेस्टिंग अपने घर पर स्थापित करवा लिया है जिससे जलस्तर में सुधार आये। उज्जैन में भी पिछले तीने दिनों से रात को आधे घंटे बरसात हो रही है, महाकाल से विनती है कि इस बार सिंहस्थ जैसा पानी बरसा दें।
हम तो बचपन से ही इस समस्या से निपटते रहे हैं इसलिये हमारी आदत में शामिल हो गया है, कम पानी खर्च करना।
अभी तो हम लोग मानसून का इन्तजार ही कर रहे हैं .
आशा है जल्दी ही उत्तर भारत में भी बारिश हो !
आपके माताजी एवं पिताजी को विवाह की सालगिरह पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं .. हमलोग भी मानसून का इंतजार ही कर रहे हें।
आपके माताजी एवं पिताजी को विवाह की सालगिरह पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं .
महाकाल जरुर उज्जैनवासियों की सुनेंगे।
काश ऎसा ही हो !
जी हम भोपाल से बोल रहे हैं. उज्जैन का तो हमें पता है. भोपाल में इतना संकट कभी नहीं आया था. दो दिन से यहाँ भी एक एक घंटे बारिश हो रही है जिससे गर्मी कुछ कम हो गयी. प्रसन्नता है की मुंबई में मानसून आ गया. क्योंकि उसके बाद ही यहाँ आता है. आश्चर्य की बात है की कल खंडवा में मानसून पहुँच गया. रविवार शाम तक भोपाल में भी पहुँचने की उम्मीद है.
सब से पहले तो आपके माताजी एवं पिताजी को उन के विवाह की सालगिरह पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं .
पहले तो हम तरसते है कि बरसात नही होती, ओर जब होती है तो हम सए समभलती नही, सरकार हर बार शोर तो मचाती है हम ने यह किया वो किया… लेकिन करती कुछ नही, आओ हम सब अपने अपने हिस्से की बरसात के पानी को जमा करे, ताकि वो हमारे ओर इस धरती के काम आये,
अपने आंगन मै जमीन के नीचे बडे बडॆ टेंक बना सकते है, उपर से ठके हुये, एक बार तो खर्च होगा, लेकिन कितना पानी जमा हो जायेगा,तलाब बनाये, अगर पहले से है तो बरसात आने से पहले उन्हे गहरा करवाये, पेसा सब मिल कर लगाये, इन तलाबो के किनारो पर सुंदर घास ओर पेड लगवाये, ओर भी बहुत से ढंग है पानी जमा करने के.
आपके माताजी एवं पिताजी को उन के विवाह की सालगिरह पर हार्दिक बधाईं और शुभकामनाएं . अब महान काल की नगरी मे पानी का ये हाल है तो औरों का क्या होगा?
रामराम.
कम बारिश का कष्ट हमसे ज्यादा कौन जानेगा, टैंकरों से पानी देने का प्रशासन का दावा मात्र एक छलावा भर है… प्रायवेट टैंकर 400 से 500 रुपये वसूल रहे हैं एक टैंकर के। जबकि अधिकारी-पार्षद मिलकर योजनायें बना रहे हैं कि कैसे पैसा खाया जा सकता है… उज्जैन पर महाकाल की कृपा तो रहती है, लेकिन उसके नकली भक्तों से कौन निपटेगा?
आपके माताजी एवं पिताजी को उन के विवाह की सालगिरह पर हार्दिक बधाईं और शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर