19 thoughts on “इस चिठ्ठे को किसी शीर्षक की जरुरत नहीं

  1. चिट्ठा तो नामी है
    पोस्‍ट ही बेनामी है
    पधारा/पधारी क्‍यों नहीं
    यहां अनामिका/बेनामी है
    कुछ नहीं करना है
    नाम भी नहीं लिखना है

  2. ये नतीजा होता है।अच्छा हुआ भगवान अपन अभी तक़ बचे हुये हैं। हा हा हा हा हा।

  3. अजी किस ने कहा था आफ़त को गले मै डालने के लिये… चलिये भुगत कर अकल आ गई.लेकिन यह आफ़त आप को ब्लांग जगत मै ढुढ रही है बस आती ही होगी………
    राम राम

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