ऑफ़िस से घर आने के लिये ऑटो में बैठे तो उसने एक बेहतरीन डायलॉग बोला जो कि हमने उससे २-३ बार उससे सुना कि हमें याद
हो जाये और हम उसे ब्लॉग पर डाल सकें। वैसे तो ये फ़िल्मी डायलॉग लगता है परंतु हमें याद नहीं आ रहा –
“हम तो बावन पत्तों में एक पत्ते हैं, वो भी गुलाम के और गुलाम भी हुकुम का, आपके हुकुम का”
apane niji jeevan me hum sab kahi na kahi kisi na kisi ke huqum ke gulaam hi hain..dialogue yaad rakh kar share karne ke liye shukriya
mast makhan baazi ! ha..ha..ha…!
waah … 🙂
वो समझदार था जो जानता था कि ताश मे गुलाम के अंक 11 होते हैं । हम लोगों की औकात तो दुक्की से दहले तक ही है ।
behtareen ..isse badia jawab ho he nahin sakta tha…keep it up ..
अरे यह हुक्म का गुलाम बहुत अच्छा लगा…
अच्छा आटो वाला होगा वो,यंहा तो एक भी आटो मे मीटर नही लगा पाया है प्रशासन और पुलिस भी कुछ नही कर पाई।
बहुत खूब, आगे बहुत काम आयेगा ये डायलॉग
बढ़िया
मुस्कुराहट आ गई
सही!!!!!!!!!!!!!!!!! 🙂
ये आटो वाला जरुर शादीशुदा होगा?:)
रामराम.
पट्ठा फिल्मो में आएगा किसी दिन..
ham to 53va patta hae aur vah hae jokar
चिड़ी का गुलाम सुना था 🙂
ताऊ का कहना बिल्कुल सही है…..वो जरूर शादीशुदा होगा:)
धांसू