विश्वास रखो, दोस्तों, भगवान सजा देगा इन पापियों को, धैर्य रखो….

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दारु………….

वेस्ट कर दी सालों ने…….

माँ कसमम्म्म्म्म्म्म्म्म्म………….

एक एक को चुन चुन के मारुँगा……….

12 thoughts on “विश्वास रखो, दोस्तों, भगवान सजा देगा इन पापियों को, धैर्य रखो….

  1. क्या अन्दाज है
    बहुत खूब — वैसे अफसोस मुझे भी हुआ 'दारु………….
    वेस्ट कर दी सालों ने…….'

  2. इनकी तो…………..

    आने दो उड़न तश्तरी वाले समीर लाल जी को……..

    सालों को टिपिया टिपिया कर मार डालेंगे………

  3. पागल है, मुझे कम से कम फ़ोन तो करते, अपनी कार मै भर लाता सारी, वेबकुफ़ वैसे अफसोस मुझे भी हुआ अगर मिल जाती तो सारी जिन्दगी पीता

  4. धर्मेंद्र जी का डायलाग आधा क्यों कर दिया भाई जी,वे लोग अद्धी थोड़े ही फ़ोड़ रहे हैं।पूरी बोतल फ़ोड़ रहे हैं इसलिये सिर्फ़ सालों से काम नही चलेगा,कुत्तों कमीनो चुन-चुन के मारूंगा होना चाहिये। हा हा हा हा हा।मज़ा आ गया।

  5. अनिल पुसदकर भाई की बात को बढ़ाते हुए मिनी धर्मेंद्र से हमदर्दी…जो बेचारा कह रहा है…कुत्तों-कमीनों तुमने मेरी दारू बर्बाद की, मैं तुम्हारा खून पी जाऊंगा…

    जय हिंद…

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