पत्नी – शादी की रात तुमने जब मेरा घूँघट उठाया तो कैसी लगी थी…
पति – मैं तो मर ही जाता अगर मुझे हनुमान चालीसा न याद होती…!!
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क्यों प्रेमविवाह ज्यादा अच्छा है ????
क्योंकि “जाना हुए शैतान” अच्छा है एक “अज्ञात भूत” से।
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पत्नी – मैं तुम्हारी याद में बीस दिन में ही आधी हो गयी हूँ,
मुझे लेने कब आ रहे हो ?
पति – बीस दिन और रुक जाओ..
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पति होटल मैनेजर से – “जल्दी चलो ! मेरी बीबी खिड़की से कूदकर जान देना चाहती है”
मैनेजर – “तो मैं क्या करुँ ?”
पति – “कमीने, खिड़की नहीं खुल रही है”
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हरेक आदमी “स्वतंत्रता सेनानी” होता है…. शादी के बाद !!
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वो कहते हैं कि तुम्हारी बीबी स्वर्ग की अप्सरा है,
हमने कहा खुशनसीब हो भाई, हमारी तो अभी जिंदा है….
hansee ki tablates achchhi hain aapki…
महिला शक्ति से कुछ तो डरा करो भई
हा हा!! नारी शाक्ति आती ही होगी..कुछ दिन हेलमेट धारण करने की सलाह है आपको. 🙂
@ काजल कुमार – हम महिला शक्ति से बहुत डरते हैं, घर में ही इतनी सख्ती है, बाहर की महिला शक्ति के डर से ही हम मरे जा रहे हैं।
@ उड़नतश्तरी – हेलमेट धारण करने के बाद ही ये पोस्ट ठेली है।
हेलमेट आई एस आई मार्क है लोकल ? संभल कर रहना भाई !
संवेदनशील …. ।
हनुमान चालीसा!
हा हा!!
बी एस पाबला
बहुत खूब , एक से बढ़कर एक ।
सारे मजेदार !!
हनुमान जी ही बचे के रखे है भैया हमको तो,
अब समीर जी भी गुप्त चेतावनी दे चुके है इसलिये सिर्फ़ इतना ही,
भूतपिसाच निकट नही आवे………………………॥
hahahahahahahaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa
ऐसा क्यों है कि शादी के बारे में क्रूर मजाकों के बाबजूद लोग शादी करते है? क्योंकि वे केवल मजाक में ये सब कहते हैं. दूसरा, वे अपने जीवन लिये एक गवाह चाहते हैं. शादी में आप एक दूसरे के बारे में सब कुछ शेयर करते हैं … अच्छी बातें, बुरी बातें, भयानक चीजें, यह सब … हर समय, हर दिन.
शादी के दौरान, हम एक दूसरे से 7 वादे करते हैं सात कदम एक साथ चलते चलते और कहते हैं कि सात कदम साथ चल आप दोस्त बन जाते हैं और हर कदम एक दूसरे से एक प्रतिज्ञा होती है.
तो दोस्तो, उपर जो कुछ है बस एक मजाक है.
हा हा हा हा
एक से बढ़ कर एक और सभी चुनिंदा!
कोई कुंवारा सीरियसली न लेले।
बढ़िया रस्तोगी साहब ! सभी बेहतरीन थे !
सभी नारी शक्ति वाली आप को ढुढ रही है, छुप जाओ कही
अच्छा है अच्छा है. मूँह पर न सके तो क्या, लिख तो सकते ही हैं 🙂 🙂 🙂
गजब का सच्चा अनुभव बयान किये हैं विवेक जी… हम भी आपके साथ हैं।
बीर तुम बढ़े चलो
धीर तुम बढ़े चलो…
hahahaha……..ek se badhkar ek
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हंसते हंसते पेट दर्द हो गया भाई, हमारी पत्नी श्री का… बोलीं देखो दूसरों को क्या क्या झेलना पड़ता है…तुम तो जन्मजात खुशनसीब हो जो मेरे जैसी है…साथ में…
आओ 'शाश्वत सत्य' को अंगीकार करें……..प्रवीण शाह
क्यों जी इतनी घातक, मारक क्षमता के बाद कहते हो कि हंसना बंद करो. बहुत नाइंसाफी है ये……
मजेदार हैं चुटकुले, हम हँस-हँस हैरान.
जिसका जगे विवेक वह, हो जाता रस-खान..
पानी में रह कर मगर से बैर 🙂