हैकर्स क्या क्या नहीं कर सकते। गूगल भले ही अपना ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल क्रोम बनाने से सालों दूर हो पर हैकर्स ने गूगल क्रोम बनाकर लांच भी कर दिया। १९ नवंबर २००९ को क्रोमियम ओएस के नाम से पहला बिल्ड आया था जो कि ४ जीबी की जगह लेता था स्थापित होने के लिये पर अब नया बिल्ड आया है जो कि ९५० एमबी की जगह स्थापित होने के लिये लेता है और इसकी स्थापित होने वाली फ़ाईले (Installation File) मात्र ३०० एमबी की है।
गूगल का क्रोम का वर्किंग एडीशन भी डाऊनलोड के लिये उपलब्ध है। यहाँ चटका लगाकर आप डाऊनलोड कर सकते हैं।
यह एक ओपनसोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है और इसे यूएसबी स्टिक से भी चलाया जा सकता है, यह बूट होने में १० सेकंड से भी कम समय लेता है, गूगल की लगभग सभी सेवाओं के लिये इसमें बटन दिये गये हैं जिससे आप सीधे इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं जीमेल, पिकासा और यूट्यूब इसमें कुछ और वेब सेवाओं का भी लिंक दी गई है जैसे कि याहू मेल, हॉटमेल, पनडोरा, फ़ेसबुक और ट्विटर।
इन लिंकों के अलावा आपको यहाँ मिलेगा एक कैलकुलेटर, एक घड़ी और नेटवर्क दिखाने वाला निशान। अगर आप ऑनलाईन नहीं हैं तो आपको नोटपैड भी उपयोग करने को नहीं मिलेगा अगर कुछ भी लिखकर सुरक्षित करना हो तो।
सबसे बड़ी बात है कि यह एक फ़्री ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसके लिये आपको न लायसेंस खरीदना पड़ेगा और न ही एन्टीवायरस की जरुरत होगी। और भी बहुत सारे फ़ीचर्स उपलब्ध हैं इस फ़्री ऑपरेटिंग सिस्टम में।
अच्ची जानकारी है आभार।a