अभी अभी खबर लगी कि जबलपुर में मीरगंज में चोर ए.टी.एम. मशीन ही ले उड़े, अब उन्होंने सोचा होगा कि ये रोज रोज रुपये की चिकचिक से तो ये रुपये निकालने वाली मशीन ही ले जाते हैं बस घर पर बैठकर जितने चाहें उतने रुपये निकालते रहेंगे, पर शायद वे जानते नहीं होंगे कि ए.टी.एम. मशीन में जहाँ रुपये रखे जाते हैं वह बहुत ही सुरक्षित जगह होती है जिसे न आप काट सकते हैं न आग जला सकती है और न ही पासवर्ड और चाबी के बिना खुलता है।
बेचारे अनपढ़ चोर अपना कार्ड डाल कर थक गये होंगे कि रुपये निकल आयें और काम बन जाये। अब चोरी में भी तो अकल लगानी पड़ेगी। शायद सोच रहे हों कि चलो ए.टी.एम. चोर बाजार में बेच देंगे।
अब देखते हैं कि चोर कितने रुपये निकालने में कामयाब होते हैं इस चोरी करे हुए ए.टी.एम. मशीन से।
उन्हों ने भी मुर्गी के अंडे की बजाये मुर्गी ले जाना हे श्रेस्कर समझा होगा । पडे होते तो इस मुर्गे वाली कहानी से सबक लेते। धन्यवाद्
ye tiranga film waale raajkumaar the shayad jo aankhon se surmaa nahin churaate, aankhen hi nikaal lete hain …ha ha ha ha
अरे विवेक भाई,
ये एटीएम ले जाने वाले तो बड़े शरीफ़ आदमी हैं…इनसे किसी ने कह दिया था कि जब भी एटीएम से कोई ट्रांजेक्शन करोगे, पहले खुशदीप सहगल और विवेक रस्तोगी की एक-एक पोस्ट पढ़नी पड़ेगी…बस बेचारों की नींद गायब हो गई…उन्होंने सोचा बांस ही ले जाते हैं, देखते है फिर कैसे बांसुरी बजाएंगे…
जय हिंद…
चोरो ने मुर्गी के अंडे ले जाने की बजाय मुर्गी को ही ले जाना बेहतर समझा होगा. बड़ी रोचक खबर है … आभार
हाय चोरी में भी बहुत अकल चाहिये! 🙁
ज़नाब , ये तो बताइये, चोरी करते हुए नज़ारे का फोटो क्या आपने खींचा था ?
अच्छा हुआ जबलपुर का ए टी एम ले गए…अगर उत्तर प्रदेश का कोई ए टी एम ले जाते तो आधे नोट तो पट्ठों को नकली ही मिलते ……