नववर्ष में परिवार को सुरक्षित करें और परिवार को तोहफ़ा दें आज ही, जल्दी सोचिये और अमल करें [Secure your family, Think fast ….]

नववर्ष में परिवार को सुरक्षित करें अगर आप ने अभी तक अपने परिवार को सुरक्षित करने की नहीं सोची है तो अब तत्परता से सोचिये और नये साल का तोहफ़ा दीजिये।

परिवार को सुरक्षित कैसे करेंगे इंश्योरेन्स से, जी हाँ आपने बिल्कुल सही पढ़ा है इंश्योरेन्स से। केवल इतना सोचिये अगर कल आप अपने परिवार के साथ न रह पायें तो परिवार कैसे अपना गुजारा करेगा, नहीं ९९% लोगों ने कभी इस बारे में नहीं सोचा है, केवल १% लोगों ने ही इस बारे में सोचा है। जी हाँ बिल्कुल कटु सत्य है यह, जबाब आपको अपने आप से या आसपास के लोगों से पूछ्कर ही पता चल जायेगा कि आप कितने जागरुक हैं अपने परिवार की सुरक्षा के लिये।

अब बहुत से लोग बोलेंगे कि हमने इंश्योरेन्स करवा रखा है तो अब हम इस बारे में बात करते हैं, अगर आपने LIC का इंश्योरेन्स करवा रखा है तो आपके परिवार को कितनी सुरक्षा मिल रही है, अरे देखिये भई पाँच लाख या उससे भी कम या थोड़ी सी ज्यादा, क्यों ?

क्योंकि हम भारतीय जब भी जहाँ भी पैसे लगाते हैं तो यह सोचते हैं कि इससे कितना पैसा वापिस मिलेगा, पर हम मौत जैसे कटु सत्य के बारे में नहीं सोचते हैं, क्योंकि जाने क्यों हम मौत के बारे में सोचना या बात करना पसंद नहीं करते हैं, हम अपने आप को भगवान समझने लगते हैं, कि मैं कोई इतनी जल्दी थोड़े ही मरने वाला हूँ, मेरा प्रश्न है अगर मर गये तो ?

इसके बाद आप अपने परिवार को किस स्थिती में पाते हैं, सोचिये अरे सोचिये, सोचा ?

घबरा गये न कि कुल जमा पूँजी, और इंश्योरेन्स के केवल इतने ही पैसे मिल पायेंगे, जी हाँ, केवल इतने ही कि कुछ २-३ साल का खर्च ही चल पायेगा, पर उसके बाद क्या ?

बच्चों की फ़ीस कौन भरेगा, किराना कौन लायेगा, और ऊपर से ये महँगाई जो कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। अगर आपके पास कोई सपोर्ट नहीं है जैसे कि घरवाली घर संभालती हो, तो एकदम उसे भी तो मार्केट में एकदम नौकरी नहीं मिलेगी और अगर मिलेगी भी तो कितनी तन्ख्वाह की उम्मीद करेंगे। सोचिये सोचिये ?

जी हाँ, इस नववर्ष के अवसर पर अपने परिवार को अपना इंश्योरेन्स करवाकर उनका भविष्य सुरक्षित कर नववर्ष का तोहफ़ा दीजिये। अरे नहीं मैं कोई बीमा एजेन्ट नहीं हूँ, मैं तो केवल बता रहा हूँ । 🙂

आपकी वार्षिक सैलेरी से कम से कम दस गुना आपका टर्म इंश्योरेन्स होना चाहिये, अगर ५ लाख सालाना सैलेरी है तो कम से कम ५० लाख का इंश्योरेन्स होना चाहिये, कि आपके परिवार के साथ न रहने की स्थिती में कम से कम परिवार ठीक प्रकार से अपना जीवन यापन कर पाये।

ओहो, अब आप भी बोल रहे होंगे कि प्रीमियम तो बतायी ही नहीं ५० लाख की २५ वर्ष की अवधि के  लिये और ३५ वर्ष की उम्र के व्यक्ति के लिये प्रीमियम बनती है सलाना लगभग १५,००० और अभी एगोन रेलीगेयर ने एक नया प्लान बाजार में उतारा है जो कि केवल ओनलाईन ही उपलब्ध है, आई टर्म । जिसकी प्रीमियम लगभग ८५०० रुपये है।

अब भी सोच रहे हैं अरे अपने बीमा एजेन्ट को बुलाईये और उसके झांसे में न आयें कि ulip प्लान ले लें या कोई और जिसमें पैसा वापिस मिले, बोलिये कि मुझे केवल टर्म इश्योरेन्स ही चाहिये, मुझे पैसा वापिस नहीं चाहिये, परिवार को सुरक्षित करिये।

कोई सवाल हो तो टिप्पणी कीजिये, जबाब देने की कोशिश करुँगा।

22 thoughts on “नववर्ष में परिवार को सुरक्षित करें और परिवार को तोहफ़ा दें आज ही, जल्दी सोचिये और अमल करें [Secure your family, Think fast ….]

  1. vivek bahut he sahi likha hai, aajkal ki bhagam bhaag zindagi mein hum sirf turant paisa kamane ki soochte hai , apne pariwaar ke liye bahut kuch karna chahtey hai par
    yeh paisa kaisa kamakar bachaya jaye yeh koi gehraii se nahin sochta..

    upar se ghar ka mukhiya sirf apne insurance ke barein mein sochta hai, jisse usko tax rebate mil jaye..

    main aapse puri tarah se sehmat hoon , humein term plan jarur lena chahiye, maine tou aapka lekh padne ke baad , turant he apply kar diya..main tou india ke bahar job karta hoon aur hardam yahi sochta hoon ki agar achanak mujhe kuch ho jaye tou meri family kaise rahegi kyonki meri wife tou ek grahni hai, meri khud ki kai policies hai..aur main bhi yahi sochta hoon ki aise paise ka kya kaam jiska fayada main apni zindagi mein na utha sakoon, aaj lag raha hai ki , kaise main yeh sab galat dharana banaye rakha , …apki term plam ki salah par main tou turant he amal kar diya ..doston aap loog bhi shuru ho jaiye..kal ka koi bharosa nahin ,kal ho na ho..

  2. नये बरस पर इससे बेहतर तोहफा कोई और हो ही नहीं सकता। सभी ब्‍लॉगर बंधु इसका पूरी शिद्दत से प्रचार और प्रसार करें। इस पोस्‍ट के लिंक प्रचारित करें।

    विवेक जी को नव वर्ष की एक बार फिर से शुभकामनायें।

  3. अच्छी सलाह!!

    वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

    – यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-

    नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

    समीर लाल

  4. वाह विवेक भाई , ये तो बडी काम की जानकारी दी आपने मुझे तो पता ही नहीं था

    इस नए साल पर आपको, आपके परिवार एवं ब्लोग परिवार के हर सदस्य को बहुत बहुत बधाई और शभकामनाएं । इश्वर करे इस वर्ष सबके सारे सपने पूरे हों और हमारा हिंदी ब्लोग जगत नई ऊंचाईयों को छुए ॥

  5. @अजय भाई – अब मेरा यही प्रयास होगा कि सभी लोगों को जागरुक करना। इंश्योरेन्स, बैंकिंग और पर्सनल फ़ायनेंस से संबंधित बातें जो कि सबके काम की हों और लोगों को पता चलें।

  6. नये वर्ष की शुभकामनाओं सहित

    आपसे अपेक्षा है कि आप हिन्दी के प्रति अपना मोह नहीं त्यागेंगे और ब्लाग संसार में नित सार्थक लेखन के प्रति सचेत रहेंगे।

    अपने ब्लाग लेखन को विस्तार देने के साथ-साथ नये लोगों को भी ब्लाग लेखन के प्रति जागरूक कर हिन्दी सेवा में अपना योगदान दें।

    आपका लेखन हम सभी को और सार्थकता प्रदान करे, इसी आशा के साथ

    डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर

    जय-जय बुन्देलखण्ड

  7. "अब भी सोच रहे हैं अरे अपने बीमा एजेन्ट को बुलाईये और उसके झांसे में न आयें कि ulip प्लान ले लें या कोई और जिसमें पैसा वापिस मिले, बोलिये कि मुझे केवल टर्म इश्योरेन्स ही चाहिये, मुझे पैसा वापिस नहीं चाहिये, परिवार को सुरक्षित करिये।

    कोई सवाल हो तो टिप्पणी कीजिये, जबाब देने की कोशिश करुँगा।"

    यार रस्तोगी भाई साहब, आपने मुझे यह टिपण्णी देने के लिए मजबूर कर दिया है ! हद है , कल से देख रहा हूँ, नए साल की सुरुआत ही क्या हुई, आप तो लोगो को डराए ही जा रहे हो ! कृपया एक बात बताये, मान लो मैंने अपना मोटा बीमा कर लिया, अपना पेट काट कर मोटी -मोटी रकम प्रीमियम की भरूँगा भी! और २-४ साल बाद मैं मर गया, तो उससे मेरा क्या फायदा होगा ?

    चलो एक कहानी सुनाता हूँ ;कल अपनी दूर के रिश्ते की चाची को देखने फिल्मिस्तान के पास स्थित वृदाश्रम गया था! चाचा डी ऍफ़ ओ थे, अब नहीं रहे ! एक बेटा था/है सिर्फ जो चाची को अपनी बीबी की आजादी में दखल समझते हुए तभी इस आश्रम में छोड़ आया था जब वह इंडिया में था अब अमेरिका में सपरिवार रहता है !

    मैं मिलने गया, पैर छुए और कहा , नया साल मुबारक हो चाची जी ! इतना कहकर मैं उस वृद्धा का चेहरा पढने की कोशिश कर ने लगा ! उनकी आँखों से निकले सिर्फ दो आसुंओ ने मेरे "हैप्पी न्यू इयर" का जबाब दिया ! मुझे तुरंत ही अपनी गलती का अहसास भी हो गया, कि इस वृदा के लिए भला "हैप्पी न्यू इयर" के क्या मायने? अत: मैंने बात घुमा दी ! और कुछ देर बाद दुखी मन से घर लौट आया !
    ये कहानी यहाँ ख़त्म नहीं हो जाती, यहाँ से शुरू होती है और जाकर ख़त्म होगी आप पर और मुझ पर ……!

    पुराने विद्वान लोग कह गए कि
    पूत सपूत तो धन संचय क्यों ?
    पूत कपूत तो धन संचय क्यों ?

    यदि पुत्र-सपुत्र निकलेगा तो खुद कमा लेगा, और यदि कुपुत्र निकलेगा तो हे मानुष ! जब तक तेरे पास वक्त है खूब खा पी, ऐसे कुपुत्र के लिए बचा कर क्या करेगा ?

    नववर्ष की शुभकामनाओं संग,
    आपका
    गोदियाल

  8. @गोदियाल साहब,

    टिप्पणी करने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया।

    डराया इसलिये जा रहा है क्योंकि वाकई डरने की बात है।

    आप सही कह रहे हैं कि मोटी मोटी रकम प्रीमियम में दूँगा तो मुझे क्या फ़ायदा होगा, बिल्कुल आपको कोई फ़ायदा नहीं होगा, पर आपके परिवार को फ़ायदा होगा, आज की दुनिया में आप भी जानते हैं कि कितनी महंगाई है, घर खर्च कितने में चलता है और बच्चों की फ़ीस में कितना खर्च होता है, किसी को कुछ भी बताने की जरुरत नहीं है।

    पूत सुपुत्र तो तभी बन पायेगा न जब आप उसकी पढ़ने मॆं सहायता करेंगे नहीं तो कुपुत्र ही रह जायेगा क्योंकि उसे पढ़ाई करने के लिये आर्थिक सहयोग नहीं मिलेगा।

    केवल इंकम-टेक्स के लिये हम लोग कुछ बीमा करवा लेते हैं पर व्यावहारिक रुप से उसका क्या असर होगा परिवार पर, इसके लिये कोई नहीं सोच रहा है।

    मैंने इस क्षेत्र में लिखना इसीलिये शुरु किया है कि इन मिथकों को तोड़ा जाये और सुरक्षित तरीके से जिंदगी की शुरुआत इस नये वर्ष से की जाये।

    अगर उस वृद्धा के पास भी उसके पति ने टर्म इंश्योरेन्स या कुछ जमा रकम छोड़ी होती और अपने बेटों के प्रेम में आकर सब रकम उनके हवाले न की होती तो आज उनको यह दिन न देखना पड़ता।

    यह आत्मनिर्भर होने का पहला रास्ता है।

    आपकी टिप्पणियों का स्वागत है।

  9. भाई हम ने तो कई साल पहले ही करवा लिया था, पता नही कब चले जाये, वेसे भी यह सब करवाना चाहिये, अगर बीबी अच्छी हो तो यह भी लिखवाना चाहिये कि हमारे बाद सब कुछ बीबी का हो, बच्चो के नाम करोगे तो , कल बीबी की देख भाल कोन करेगा,उसे कोन पुछेगा, बच्चे सभी को प्यारे है लेकिन रोजान देखते है ओरो के बच्चे, कल क्या पता हमारे बच्चे भी बदल जाये, आप ने बहुत अच्छा लिखा.
    धन्यवाद
    नये साल की शुभकामनाये

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