टर्म जीवन बीमा योजना की कमियाँ –
१. आयु के साथ प्रीमियम भी बड़ जाती है।
२. अस्थायी सुरक्षा ।
१. आयु के साथ प्रीमियम भी बड़ जाती है।
टर्म जीवन बीमा योजना में बीमा धारक को ज्यादा प्रीमियम अदा करना होती है, जैसे जैसे उसकी उम्र ज्यादा होती है, इसीलिये यह योजना जितनी जल्दी हो सके ले लेना चाहिये। और ज्यादा उम्र में टर्म जीवन बीमा योजना लेने पर परेशानी हो सकती है कि आप हर वर्ष ज्यादा प्रीमियम अदा न कर पायें। इसके साथ ही बीमा धारक को अपनी कुछ और भी प्रतिबद्धताएँ पूरी करनी हो या फ़िर अप्रत्याशित रुप से भी धन की जरुरत पड़ सकती है। इसलिये सस्ती प्रीमियम केवल एक मिथक है ज्यादा उम्र वाले व्यक्तियों के लिये क्योंकि हो सकता है कि व्यक्ति इतनी प्रीमियम देने में सक्षम ही न हो वो भी हर वर्ष।
२. अस्थायी सुरक्षा –
टर्म जीवन बीमा योजना में बीमा धारक को स्थायी जीवन बीमा योजना जैसी सुरक्षा नहीं है, यह जीवन बीमा मृत्यु का जोखिम केवल बीमा अवधि के लिये ही कवर करती है। इस टर्म जीवन बीमा योजना में अगर बीमा धारक समय पर अपना बीमे का नवीनीकरण नहीं करवा पाया और फ़िर उसे नई टर्म जीवन बीमा योजना महँगी प्रीमियम पर खरीदनी पड़ेगी। और अगर बीमा धारक की मृत्यु उस बीमित अवधि में नहीं होती है तो बीमा कंपनी प्रीमियम का भरा हुआ पैसा वापिस नहीं करेगी।
इस तरह के बीमा बहुत अच्छे होते हैं, विशेषकर तब जब बीमा धारक प्रीमियम के लिये उस बड़ी राशि का इंतजाम न कर पाये पर उसे बड़े बीमा की बहुत ज्यादा जरुरत होती है। टर्म बीमा योजना के लिये कोई उपयुक्त समय नहीं होता है, वह १, ५, १० या १५ और ३० साल तक के लिये हो सकता है। बीमा धारक को उसकी बीमा अवधि चुननी होती है जितने भी समय के लिये वो बीमित रहकर अपने परिवार को सुरक्षा प्रदान करना चाहता है।
बहुत अच्छी चल रही है आपकी ये कडी !!