तुम हो तो सब कुछ है जीवन में,
तुम हो तो सब सुख है प्रिये,
तुम हो तो मैं हूँ प्रिये,
तुम हो तो हर क्षण हर्ष का है प्रिये,
तुम मेरी कविता तुम मेरी आराधना,
तुम ही मेरी प्रियतमा,
तुम ही मेरी जीवनसंगिनी प्रिये,
तुम हो मेरे जीवन का आधार प्रिये,
अर्पण प्यार तुम्हें है प्रिये..
आपकी कविता के भाव बहुत सुन्दर है
हम तो किसी को भाव बताते फ़वि बने
और फिर हास्य फ़वि बने……न जाने कवि कब बनेगें
बहुत सुंदर पंक्तियाँ…..
बीवी को खुश रखना ही चाहिए. बहुत अच्छा किया आपने, अब यही कविता रटकर मैं भी अपनी पत्नी को सुनाऊंगा.
तुम हो मेरे जीवन का आधार प्रिये,
अर्पण प्यार तुम्हें है प्रिये..
आज के दिन के लिये सटीक
बहुत बढ़िया उम्दा रचना …
यार इसे ही कापी पेस्ट करके अपनी वाली को पढा देता हू
कहुन्गा – सुर्फ़ तुम्हारे लिये
बस कापी राइट या कविता चोरी मे मत घेर लेना.
ईमेल से प्राप्त अरविन्द मिश्रजी की टिप्पणी –
वैलेंटाईन विशेष
सुंदर भावों युक्त रचना .. बढिया लिखा है!!
तुम ही मेरा चौका ,तुम ही मेरे बर्तन .क्या मेरा क्या तेरा सब तुझको ही अर्पन ,तुम ही मेरा नाश्ता तुम ही मेरा खाना ,तुझसे ही यह जीवन है जाना ,तुमसे मेरे कपड़े तुमसे मेरे लत्ते , मै एक अकेला गुलाम ,तुम बाकी सब पत्ते । धन्य हो धन्य हो ।
आप की कविता बहुत सुंदर भाव लिये है
धन्यवाद
लग रहा है भाभीजी ने धमकिया दिया होगा
ब्लॉगिंग रूपी सौत को दी जानी होगी सजा
परन्तु आपने धर्मपत्नी आराधना कर एक
ऐसा रास्ता दिया है खोल
सबकी पत्नियां कहेंगी
हमें भी चाहिए
अपने पति से
ऐसे ही बोल।
बड़ी खुशकिस्मत हैं भाभी जी…इतनी सुन्दर कविता लिखी है,आपने…और आपकी वाणी में सुनकर तो जरूर उनका रंग हाथों में थामे गुलाब सा ही सुर्ख हो गया होगा…ढेरों शुभकामनाएं आप दोनों को…
बहुत बढ़िया प्रेम को बहुत बेहतरीन तरीके से अभिव्यक्त किया आपने शुक्रिया
वाह क्या समर्पण है!!
bahut sundar vivek ji , padhkar hi aanand aa gaya …..prem ko acknowledge karna bhi bahut badi baat hai sir ji ……aabhar aur badayi
ACHHA PRAYAS HAI,SHUBHKAMANAYE.