तुम्हारा इंतजार है
अभी भी,
कि
कहीं से तुम आओगे,
और मुझसे मेरा सब कुछ,
चुरा कर ले जाओगे,
मेरी नींद,
मेरा चैन,
मेरा जीवन,
मुझे सुख दोगे,
मुझे ज्ञान दोगे,
मुझे प्यार दोगे,
मुझे अपने में समा लोगे,
अपने आगोश में,
ले लोगे,
हे बांके बिहारी !!,
इंतजार हे उस “क्षण” का,
जब तुम मुझे अपने यहाँ,
“फ़ाग” का मौका दोगे ।
Ati uttam
अहा!! वाह!! जय बांके बिहारी लाल की जय!
nice
nice
जय बांके बिहारी लाल की .
Bhaktiras se saji sundar rachana…..Bankebihari lal ki jai!
Aabhaar
सुन्दर भाव
बहुत सुन्दर
" ऐसी ललित छबि है मेरे बांके बिहारी की ,
जिसको भी देखले वो जहाँ भुला बैठे
मुस्कराहट है जादूगर सी उस नटखट की
उसको पाने को हम खुद को गवा बैठे "
बहुर सुंदर के साथ…. सुंदर कविता….
बांके बिहारी लाल की जय हो जी…. बहुत अच्छी लगी आप की यह रचना, नाईसबांके बिहारी लाल जी