तुम्हारा इंतजार है …. कि तुम आओगे….मेरी कविता … विवेक रस्तोगी

तुम्हारा इंतजार है

अभी भी,

कि

कहीं से तुम आओगे,

और मुझसे मेरा सब कुछ,

चुरा कर ले जाओगे,

मेरी नींद,

मेरा चैन,

मेरा जीवन,

मुझे सुख दोगे,

मुझे ज्ञान दोगे,

मुझे प्यार दोगे,

मुझे अपने में समा लोगे,

अपने आगोश में,

ले लोगे,

हे बांके बिहारी !!,

इंतजार हे उस “क्षण” का,

जब तुम मुझे अपने यहाँ,

“फ़ाग” का मौका दोगे ।

10 thoughts on “तुम्हारा इंतजार है …. कि तुम आओगे….मेरी कविता … विवेक रस्तोगी

  1. बहुत सुन्दर
    " ऐसी ललित छबि है मेरे बांके बिहारी की ,
    जिसको भी देखले वो जहाँ भुला बैठे
    मुस्कराहट है जादूगर सी उस नटखट की
    उसको पाने को हम खुद को गवा बैठे "

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